कुरुक्षेत्र : रविवार अल सुबह कुरुक्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर कुरुक्षेत्र और अंबाला के बॉर्डर पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया. दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलते हुए अचानक एक गाड़ी में धमाका हो गया, जिसके बाद गाड़ी में आग लग गई. हादसे में तीन लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई, जबकि अन्य पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इलाज के लिए उनको पीजीआई चंडीगढ़ भेज दिया गया है, जहां पर उनकी स्थिति काफी नाजुक बताई जा रही है.
संदीप और दोनों बेटियों को नहीं निकाला जा सका: मिली जानकारी के अनुसार गाड़ी में संदीप सहित आठ लोग मौजूद थे, जिनमें से आसपास के लोगों की ओर से पांच लोगों को तो बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन संदीप और उसकी दो बेटियों को बाहर निकालने में असमर्थ रहे, जिसके चलते आग में जलने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई. आग में झुलसे हुए अन्य पांच लोगों का इलाज चंडीगढ़ पीजीआई में चल रहा है. जहां उनकी स्थिति भी काफी गंभीर बनी हुई है. घटना की सूचना मिलते ही परिजन भी चंडीगढ़ पीजीआई में पहुंच चुके हैं.
संदीप और उसकी दोनों बेटियां जिंदा जली: जानकारी अनुसार 37 वर्षीय संदीप सोनीपत के गांव रहमाना का रहने वाला है. उसके पिता चंडीगढ़ में पोस्टेड थे. जिसकी वजह से परिवार पिछले 35 वर्षों से चंडीगढ़ रहने लगा. संदीप अपने परिवार के साथ अपने पैतृक गांव में दीवाली मनाने आया था. वह शनिवार की रात को त्योहार मनाकर अपने परिवार के साथ वापस चंडीगढ़ लौट रहा था. गाड़ी उसका छोटा भाई सुशील चला रहा था और वह साइड वाली सीट पर बैठा था. जब वह करीब 11 बजे शाहबाद के पास पहुंचे तो गाड़ी में अचानक आग लग गई, जिस कारण गाड़ी लॉक हो गई और पूरा परिवार गाड़ी में फंसकर झुलस गया. चालक सुशील ने किसी तरह लॉक खोला, लेकिन तब तक छह लोग झुलस चुके थे. राहगीरों ने किसी तरह परिवार को बाहर निकाला और हॉस्पिटल में दाखिल कराया, जहां उपचार के बाद सुशील, उसकी पत्नी आरती व 10 वर्षीय बेटे यश को छुट्टी दे दी गई, जबकि प्रोफेसर संदीप, उसकी 6 वर्षीय बेटी खुशी व 4 वर्षीय बेटी परी को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर ने सुदेश व लक्ष्मी की हालत को देखते हुए उन्हें पीजीआई रेफर कर दिया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.
स्पार्किंग की वजह से डिग्गी में लगी थी आग: शाहाबाद पुलिस ने मामला दर्ज कर और मृतकों का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिवारजनों को सौंप दिया हैं. मृतक के चेचेरे भाई मोहित कुमार ने बताया कि उसका भाई संदीप कुमार व सुशील चंडीगढ़ में नौकरी करते हैं. करीब रात 11 बजे गांव मोहड़ी के पास उनकी चलती कार में स्पार्किंग की वजह से पीछे डिग्गी में अचानक आग लग गई, अचानक आग बढ़ गई और डिग्गी में बैठे सभी बच्चे आग में झुलस गए. सुशील कुमार ने कड़ी मशक्क्त के बाद लॉक खोला, लेकिन तब तक परिवार के सभी सदस्य आग में झुलस गए थे. परिवार के 8 सदस्यों में से सिर्फ चालक सुशील कुमार (35 वर्ष) और पत्नी आरती व बेटा यश (10 वर्ष) सुरक्षित है.
सांसद सतनाम संधू ने जताया दुख: राज्यसभा मेंबर सतनाम सिंह संधू ने भी अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए घटना पर दुख जताया है. उन्होंने लिखा है कि "डॉ. संदीप नासिर और उनकी दोनों बेटियों की मौत की बेहद दुख पूर्ण खबर ने उनका दिल झंझोड़ कर रख दिया है. शाहाबाद के पास एक दुखद दुर्घटना में संदीप व उनके परिवार के साथ जो हादसा हुआ है वह बेहद भयानक है. मैं नहीं भूल सकता कि कुछ दिन पहले डॉ. नासिर पीएचडी पूरी होने की खुशी साझा करने के लिए उनसे मिलने आए थे. वह एक योग्य शिक्षक के साथ-साथ समाज सेवा के प्रति भी समर्पित थे. वह मेरे सच्चे सारथी की तरह थे.
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