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भाजपा के दिग्गज नेता श्यामदेव राय चौधरी का निधन, बनारस के शहर दक्षिणी से 7 बार रह चुके थे विधायक - PASSES AWAY SHYAMDEV RAI CHOUDHARY

श्याम जी राय चौधरी वाराणसी में सबसे ज्यादा चुने जाने वाले विधायक थे. सीएम ने अस्पताल पहुंच जाना था हाल.

भाजपा के दिग्गज नेता श्यामदेव राय चौधरी नहीं रहे.
भाजपा के दिग्गज नेता श्यामदेव राय चौधरी नहीं रहे. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 26, 2024, 1:25 PM IST

वाराणसी : शहर दक्षिणी विधानसभा से सात बार विधायक रहे, भाजपा के वृद्ध नेता श्यामदेव राय चौधरी का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह वाराणसी के रवींद्र पुरी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हाल-चाल लेने के लिए उनके बेटे से फोन पर बात की थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ दिन पहले ही उनका हालचाल जानने के लिए खुद अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने मुलाकात भी की थी. श्याम जी राय चौधरी वाराणसी में सबसे ज्यादा चुने जाने वाले विधायक थे.

85 वर्ष की अवस्था में श्यामदेव राय चौधरी की तबीयत अचानक खराब होने की वजह से उनको पिछले दिन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पूरा बनारस और बीजेपी के बड़े नेता भी उन्हें दादा के नाम से ही पुकारते थे. भारतीय जनता पार्टी अपने इस बुजुर्ग प्रत्याशी पर ही भरोसा जताती थी. वह सात बार शहर दक्षिणी विधानसभा से चुनाव जीते थे.

पार्षद के तौर पर सियासी सफर की शुरुआत : 1968 में पार्षद के तौर पर उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी और 1985 में पहले विधानसभा चुनाव को लड़ने के दौरान उन्हें हर का सामना करना पड़ा था, 1989 में वह पहली बार विधायक चुने गए थे.

जमीन से जुड़े रहना उनका स्वभाव था : बेहद सादगी भरा जीवन जीने वाले दादा हमेशा रिक्शे से या फिर पैदल ही चलते नजर आते थे. विधायक रहते हुए उन्होंने कभी भी ना ही सरकारी सुविधा का लाभ लिया नहीं गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाने आने के लिए अक्सर वह स्थानीय लोगों की मोटरसाइकिल पर बैठकर ही कहीं सफर पर निकल जाया करते थे. चाय और पान की दुकान पर इनसे अक्सर लोग मिलते थे. श्यामदेव राय चौधरी की छवि बेहद ही सादगी भरी मानी जाती रही.

वफादार कैंडिडेट होने पर भी काटा गया टिकट : 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने इस पुराने और सबसे वफादार कैंडिडेट का टिकट काट दिया, और नीलकंठ तिवारी को टिकट दिया गया. इस पर श्याम देवराय चौधरी बेहद नाराज भी हुए थे. अपना टिकट कटने के बाद वह बेहद परेशान भी . राजनीति के जानकार लोग उस वक्त बीजेपी को दक्षिणी में हार मिलने की बात कर रहे थे, क्योंकि श्याम देवराय चौधरी ने उस वक्त अपने हाथ प्रचार से खींच लिए थे. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मनाए जाने के बाद, वह मान गए थे, और बाद में कुछ जगहों पर वह प्रचार के लिए भी गए थे. श्याम देवराय चौधरी की छवि बेहद अच्छी मानी जाती रही है.

मनाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आना पड़ा : नाराज हुए नेता को मनाने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आना पड़ा. इस दौरान दक्षिणी विधानसभा में लोगों की नाराजगी को दूर करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, इस इलाके में रोड शो किया था. बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे थे. इस दौरान विश्वनाथ मंदिर के गेट पर मौजूद श्याम देवराज चौधरी को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उनके हाथ पकड़ कर, उन्हें अंदर अपने साथ ले गए. यह तस्वीर काफी चर्चा में भी रही थी.


प्रोटेम स्पीकर के तौर पर भी नियुक्त किए गए : श्यामदेव चौधरी 1989 से लेकर 2017 तक, सात बार वाराणसी दक्षिणी विधानसभा के प्रतिनिधि के तौर पर, उत्तर प्रदेश विधानसभा में मौजूद थे. भारतीय जनता पार्टी में कैबिनेट मंत्री का भी पद संभाल चुके, श्यामदेव राय चौधरी को 2007 और 2012 में प्रोटेम स्पीकर के तौर पर भी नियुक्त किया गया था.

जनता के लिए किया अनशन : श्यामदेव चौधरी ने अखिलेश यादव की सरकार में अनशन भी किया था, क्योंकि वाराणसी में लगातार हो रही बिजली कटौती से वह बेहद नाराज थे. उनके अनशन की वजह से अखिलेश यादव ने उनकी बातों को सुना था, और वाराणसी में 24 घंटे में बिजली देने की घोषणा की थी. जिसके बाद वह और भी चर्चा में आ गए थे.

यह भी पढ़ें : बनारस का यूपी कॉलेज बनेगा विश्वविद्यालय; सीएम योगी ने मांगा प्लान, बोले- युवा करेंगे नए भारत-नए यूपी का निर्माण

वाराणसी : शहर दक्षिणी विधानसभा से सात बार विधायक रहे, भाजपा के वृद्ध नेता श्यामदेव राय चौधरी का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह वाराणसी के रवींद्र पुरी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हाल-चाल लेने के लिए उनके बेटे से फोन पर बात की थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ दिन पहले ही उनका हालचाल जानने के लिए खुद अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने मुलाकात भी की थी. श्याम जी राय चौधरी वाराणसी में सबसे ज्यादा चुने जाने वाले विधायक थे.

85 वर्ष की अवस्था में श्यामदेव राय चौधरी की तबीयत अचानक खराब होने की वजह से उनको पिछले दिन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पूरा बनारस और बीजेपी के बड़े नेता भी उन्हें दादा के नाम से ही पुकारते थे. भारतीय जनता पार्टी अपने इस बुजुर्ग प्रत्याशी पर ही भरोसा जताती थी. वह सात बार शहर दक्षिणी विधानसभा से चुनाव जीते थे.

पार्षद के तौर पर सियासी सफर की शुरुआत : 1968 में पार्षद के तौर पर उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी और 1985 में पहले विधानसभा चुनाव को लड़ने के दौरान उन्हें हर का सामना करना पड़ा था, 1989 में वह पहली बार विधायक चुने गए थे.

जमीन से जुड़े रहना उनका स्वभाव था : बेहद सादगी भरा जीवन जीने वाले दादा हमेशा रिक्शे से या फिर पैदल ही चलते नजर आते थे. विधायक रहते हुए उन्होंने कभी भी ना ही सरकारी सुविधा का लाभ लिया नहीं गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाने आने के लिए अक्सर वह स्थानीय लोगों की मोटरसाइकिल पर बैठकर ही कहीं सफर पर निकल जाया करते थे. चाय और पान की दुकान पर इनसे अक्सर लोग मिलते थे. श्यामदेव राय चौधरी की छवि बेहद ही सादगी भरी मानी जाती रही.

वफादार कैंडिडेट होने पर भी काटा गया टिकट : 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने इस पुराने और सबसे वफादार कैंडिडेट का टिकट काट दिया, और नीलकंठ तिवारी को टिकट दिया गया. इस पर श्याम देवराय चौधरी बेहद नाराज भी हुए थे. अपना टिकट कटने के बाद वह बेहद परेशान भी . राजनीति के जानकार लोग उस वक्त बीजेपी को दक्षिणी में हार मिलने की बात कर रहे थे, क्योंकि श्याम देवराय चौधरी ने उस वक्त अपने हाथ प्रचार से खींच लिए थे. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मनाए जाने के बाद, वह मान गए थे, और बाद में कुछ जगहों पर वह प्रचार के लिए भी गए थे. श्याम देवराय चौधरी की छवि बेहद अच्छी मानी जाती रही है.

मनाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आना पड़ा : नाराज हुए नेता को मनाने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आना पड़ा. इस दौरान दक्षिणी विधानसभा में लोगों की नाराजगी को दूर करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, इस इलाके में रोड शो किया था. बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे थे. इस दौरान विश्वनाथ मंदिर के गेट पर मौजूद श्याम देवराज चौधरी को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उनके हाथ पकड़ कर, उन्हें अंदर अपने साथ ले गए. यह तस्वीर काफी चर्चा में भी रही थी.


प्रोटेम स्पीकर के तौर पर भी नियुक्त किए गए : श्यामदेव चौधरी 1989 से लेकर 2017 तक, सात बार वाराणसी दक्षिणी विधानसभा के प्रतिनिधि के तौर पर, उत्तर प्रदेश विधानसभा में मौजूद थे. भारतीय जनता पार्टी में कैबिनेट मंत्री का भी पद संभाल चुके, श्यामदेव राय चौधरी को 2007 और 2012 में प्रोटेम स्पीकर के तौर पर भी नियुक्त किया गया था.

जनता के लिए किया अनशन : श्यामदेव चौधरी ने अखिलेश यादव की सरकार में अनशन भी किया था, क्योंकि वाराणसी में लगातार हो रही बिजली कटौती से वह बेहद नाराज थे. उनके अनशन की वजह से अखिलेश यादव ने उनकी बातों को सुना था, और वाराणसी में 24 घंटे में बिजली देने की घोषणा की थी. जिसके बाद वह और भी चर्चा में आ गए थे.

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