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बांग्लादेश विवाद की जद में फंसा बनारस का कारोबार, 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान - Coup in Bangladesh

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 16, 2024, 4:01 PM IST

बांग्लादेश में हुए तख्तापलट (Coup in Bangladesh) का असर पूर्वांचल के कारोबार पर भी पड़ रहा है. वाराणसी में उद्यमियों के लगभग 100 करोड़ से ज्यादा का सामान फंसा हुआ है. मौजूदा हालात में बनारसी साड़ी, कृषि यंत्र और भदोही का कालीन व्यापार प्रभावित हो रहा है. यही नहीं बड़ी संख्या में ऑर्डर भी कैंसिल हो रहे हैं.

बांग्लादेश में तख्तापलट.
बांग्लादेश में तख्तापलट. (Photo Credit: ETV Bharat)

वाराणसी : बांग्लादेश में हुए तख्तापलट का सबसे बुरा असर वाराणसी के कारोबार पर पड़ा रहा है. दरअसल बनारसी साड़ियों की बड़ी डिमांड बांग्लादेश में है. साथ ही कृषि यंत्रों का भी निर्यात यहां से होता है. वर्तमान में तख्ता पलट के बाद संबंधित कारोबारियों का माल और पूंजी फंस गई है.

वाराणसी के कपड़ा कारोबारी.
वाराणसी के कपड़ा कारोबारी. (Photo Credit: ETV Bharat)



300 करोड़ रुपये का साड़ी कारोबार : बनारसी वस्त्र उद्योग संगठन के उपाध्यक्ष राजन महल बताते हैं कि बांग्लादेश में बनारसी साड़ी का खूब कारोबार होता है. हर महीने 25 से 30 करोड़ का कारोबार कोलकाता के जरिए बांग्लादेश में होता है. यहां से साड़ियां कोलकाता जाती हैं. इसके बाद वहां के लिए निर्यात की जाती थी, लेकिन वर्तमान समय में हमारा लगभग 50 करोड़ का माल फंस गया है. साथ ही 20 करोड़ का आर्डर कैंसिल भी हो गया है. हमें उम्मीद भी नहीं है कि अब इन माल की हमें कीमत मिल पाएगी. क्योंकि, हालात वर्तमान समय में भी कारोबार के अनुकूल नहीं दिख रहे है. साड़ियों में सबसे ज्यादा बनारस के लोहता में बनने वाली जाली वर्ग की साड़ी की डिमांड रहती है. जिनकी कीमत 500 से लेकर 700 रुपये तक होती है.

50 करोड़ के कृषि यंत्र फंसे : काशी लघु उद्योग भारतीय काशी प्रांत के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह बताते हैं कि बांग्लादेश में बनारस के कृषि संयंत्रों की अच्छी मांग रहती है. विद्रोह के बाद कारोबारियों को बहुत दिक्कत हो रही है. वर्तमान समय में उद्यमियों का लगभग 80 करोड़ रुपये के कृषि संयंत्रों का आर्डर फंस गया है. अब उन्हें माल के भी फंसने का डर है, जिस वजह से उद्यमी परेशान हैं. हर महीने लगभग 50 करोड़ से ज्यादा के कृषि संयंत्र का कारोबार बांग्लादेश के लिए होता है. इन कृषि संयंत्रों में हैंडपंप, चारा मशीन, ट्रैक्टर ट्राली, थ्रेसर, हालर, पंखा चक्की समेत अलग-अलग 10 से ज्यादा प्रकार के यंत्र शामिल हैं. इसके अलावा भदोही से कालीन का भी बड़ी संख्या में निर्यात होता है. वर्तमान में वहां का भी कारोबार प्रभावित हो रहा है.


यह भी पढ़ें : बांग्लादेश के हालात क्या सुधार पाएंगे डॉ.यूनुस? अंतरिम सरकार की क्षमता पर बोले हसीना के बेटे साजीब - Sajeeb Wazed Joy Interviews

यह भी पढ़ें : 'बांग्लादेश के हालात को लेकर भारत को सतर्क रहने की जरूरत', विशेषज्ञ ने अमेरिका-ब्रिटेन पर उठाए सवाल - Bangladesh Unrest

वाराणसी : बांग्लादेश में हुए तख्तापलट का सबसे बुरा असर वाराणसी के कारोबार पर पड़ा रहा है. दरअसल बनारसी साड़ियों की बड़ी डिमांड बांग्लादेश में है. साथ ही कृषि यंत्रों का भी निर्यात यहां से होता है. वर्तमान में तख्ता पलट के बाद संबंधित कारोबारियों का माल और पूंजी फंस गई है.

वाराणसी के कपड़ा कारोबारी.
वाराणसी के कपड़ा कारोबारी. (Photo Credit: ETV Bharat)



300 करोड़ रुपये का साड़ी कारोबार : बनारसी वस्त्र उद्योग संगठन के उपाध्यक्ष राजन महल बताते हैं कि बांग्लादेश में बनारसी साड़ी का खूब कारोबार होता है. हर महीने 25 से 30 करोड़ का कारोबार कोलकाता के जरिए बांग्लादेश में होता है. यहां से साड़ियां कोलकाता जाती हैं. इसके बाद वहां के लिए निर्यात की जाती थी, लेकिन वर्तमान समय में हमारा लगभग 50 करोड़ का माल फंस गया है. साथ ही 20 करोड़ का आर्डर कैंसिल भी हो गया है. हमें उम्मीद भी नहीं है कि अब इन माल की हमें कीमत मिल पाएगी. क्योंकि, हालात वर्तमान समय में भी कारोबार के अनुकूल नहीं दिख रहे है. साड़ियों में सबसे ज्यादा बनारस के लोहता में बनने वाली जाली वर्ग की साड़ी की डिमांड रहती है. जिनकी कीमत 500 से लेकर 700 रुपये तक होती है.

50 करोड़ के कृषि यंत्र फंसे : काशी लघु उद्योग भारतीय काशी प्रांत के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह बताते हैं कि बांग्लादेश में बनारस के कृषि संयंत्रों की अच्छी मांग रहती है. विद्रोह के बाद कारोबारियों को बहुत दिक्कत हो रही है. वर्तमान समय में उद्यमियों का लगभग 80 करोड़ रुपये के कृषि संयंत्रों का आर्डर फंस गया है. अब उन्हें माल के भी फंसने का डर है, जिस वजह से उद्यमी परेशान हैं. हर महीने लगभग 50 करोड़ से ज्यादा के कृषि संयंत्र का कारोबार बांग्लादेश के लिए होता है. इन कृषि संयंत्रों में हैंडपंप, चारा मशीन, ट्रैक्टर ट्राली, थ्रेसर, हालर, पंखा चक्की समेत अलग-अलग 10 से ज्यादा प्रकार के यंत्र शामिल हैं. इसके अलावा भदोही से कालीन का भी बड़ी संख्या में निर्यात होता है. वर्तमान में वहां का भी कारोबार प्रभावित हो रहा है.


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