वाराणसी : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान पर वाराणसी के सद्गुरु रितेश्वर महाराज ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है. अखिलेश यादव ने एक सभा में माफिया और मठाधीश पर टिप्पणी की थी. इसके बाद पूरे देश में संत समाज द्वारा अखिलेश यादव का विरोध हो रहा है. धर्मनगर काशी के भी संतों में खासी नाराजगी है.
सद्गुरु रितेश्वर महाराज ने कहा है कि इतनी गिरी हुई बात कभी किसी राजनीतिक व्यक्ति द्वारा नही कही गई. अखिलेश यादव को मठाधीश और माफिया, राम और रावण, श्री कृष्ण और कंस में अंतर नहीं समझ में आ रहा है. राष्ट्र के रक्षकों और आतंकवादियों में अंतर समझ में नहीं आ रहा है. जो मठ वसुधैव कुटुंबकम को मानती है. जिनके अंतर्गत हजारों लाखों मनुष्य सनातन और पूरी वसुधा के लिए काम करते हैं. मानवीय संवेदना और संस्कृति के लिए काम करते हैं. अपनी दुश्मनी में इस प्रकार की भाषा बोलकर करोड़ों अरबों सनातनियों का अपमान किया गया है. मैं अखिलेश की निंदा करता हूं.
रितेश्वर महाराज ने कहा कि आप साधु संतों के पास जाते हो, भगवान शंकराचार्य के पास जाकर आशीर्वाद लेते हो और आप फिर उन्हीं मठ के मठाधीशों को माफिया कहते हैं. निश्चित तौर पर मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं. मैं सनातन का छोटा सा सिपाही हूं. पूरी दुनिया की सनातनी जनता इस बात को भूलेगी नहीं. यह राष्ट्र विरोधी बयान है, यह किसी धर्म और किसी संस्कृति के विरुद्ध गलत बयान है. हमने भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा आपके हाथों में दी थी और कहा था कि भगवान श्री कृष्ण की स्थापना करिए. बहरहाल अब आपने दुखी कर दिया है.