वाराणसी: वाराणसी के गंगा घाट अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं, लेकिन बहुत से लोग बिना अनुमति के गंगा घाटों पर कार्यक्रम करने लगते हैं. इस पर उनके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. वाराणसी के गंगा घाट पर बिना अनुमित कार्यक्रम आयोजित करने पर नगर निगम ने आयोजकों से पौने दो लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया. साथ ही सख्त चेतावनी भी जारी की.
नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है की गंगा घाट पर किसी भी तरह का सार्वजनिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम करने के लिए नगर निगम की अनुमति लेना अनिवार्य होगा. बिना अनुमति के किए गए कार्यक्रम पर जुर्माने की मोटी रकम वसूली जाएगी. नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि गंगा घाटों पर बिना नगर निगम की अनुमति के कोई संस्था या व्यक्ति गंगा नदी के घाटों पर कोई आयोजन या कार्यक्रम नहीं कर सकता है.
इस सम्बन्ध में नगर निगम, वाराणसी द्वारा सख्ती शुरू कर दी गयी है. प्रायः यह देखा जाता है कि कई संस्थाओं या व्यक्तियों के द्वारा आये दिन गंगा घाटों पर विभिन्न आयोजन करते हैं तथा उनके द्वारा जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन या अन्य विभागों से अनुमति तो ले ली जाती है, लेकिन नगर निगम से अनुमति नहीं लेते हैं, जबकि नगर निगम ही घाटों की साफ सफाई, मरम्मत एवं अन्य सौन्दर्यीकरण का कार्य करता है, जिससे कार्यक्रम के समापन के बाद गन्दगी एवं कहीं कहीं पर टूट फूट भी जाती है, जिसे नगर निगम द्वारा ठीक कराया जाता है.
उसी को देखते हुये नगर निगम प्रशासन के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अक कोई भी संस्था या व्यक्ति अपने कार्यक्रम की अनापत्ति नगर निगम से भी प्राप्त करेगा. नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि आज उसी क्रम में शिवाला घाट, गुलेरिया घाट तथा भोसले घाट पर आयोजित कार्यक्रम के आयोजकों से पौने दो लाख रुपए वसूल किए गए हैं.
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि आम जनमानस से आग्रह है कि यदि उनके द्वारा किसी भी प्रकार आयोजन गंगा के घाटों पर किया जाना है तो उसके पूर्व उने द्वारा नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होगा, अन्यथा आयोजकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
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