वाराणसी: कारोबारी महावीर प्रसाद रूंगटा और उनके परिवार को धमकी मामले में मुख्तार अंसारी की सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर एमपी एमएलए कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए. मामले पर अगली सुनवाई एक अप्रैल को होगी. मुख्तार के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी की ओर से सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर मुख्तार का पक्ष सुना गया. कारोबारी महावीर प्रसाद रूंगटा और उनके परिवार को धमकी मामले में मुख्तार अंसारी की सजा पर प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट ने रोक लगा रखी है.
अंसारी के खिलाफ सजा पर कोर्ट ने लगा रही रोक: इस मामले में 15 दिसंबर को जज उज्ज्वल उपाध्याय की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराते हुए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी. साथ ही कोर्ट ने 10 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया था. इस आदेश के खिलाफ अंसारी के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने जिला जज की अदालत में अपील दाखिल की. प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट ने अपील पर सुनवाई करते हुए सजा पर रोक लगा दी.
एक दिसंबर 1997 को अंसारी के खिलाफ एफआईआर: बता दें कि चर्चित कोयला कारोबारी और विहिप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा के 22 जनवरी 1997 को अपहरण के बाद उनकी पत्नी ने सीबीआई जांच के लिए आवेदन किया था. जिसको मंजूर कर लिया गया. इसी केस की रूंगटा परिवार पैरवी कर रहा था. तभी पांच नवंबर 1997 को मुख्तार अंसारी ने फोन कर धमकी दी. वहीं इस मामले को लेकर महावीर प्रसाद रूंगटा ने 13 नवंबर को तत्कालीन डीआईजी से मिलकर गुहार लगाई. डीआईजी के आदेश पर एक दिसंबर 1997 को पुलिस ने मुख्तार अंसारी पर केस दर्ज किया था.
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