वाराणसी : बढ़ती उम्र के साथ गठिया की बीमारी पनपने लगती है. वर्तमान समय में हर दूसरे व्यक्ति को यह समस्या है. ऐसे में अस्पतालों की ओपीडी में 80 फीसदी मरीज गठिया की बीमारी से संबंधित पहुंच रहे हैं. इसी को देखते हुए राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय चौकाघाट में गठिया केंद्र बनाया गया है. यह पूर्वांचल का पहला सेंटर है, यहां पर ओपीडी से लेकर शोध तक की व्यवस्था है. मरीजों को दवाइयों से लेकर जांच की सुविधा निशुल्क है.आधुनिक उपकरणों के साथ इलाज किया जा रहा है.
गठिया सेंटर की नोडल डॉ. रचना निगम ने बताया कि गठिया 50 से अधिक की उम्र में होने वाली बेहद आम बीमारी है. यह जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन के कारण होती है. गठिया कई तरीके की होती है. इसके होने की वजह अलग-अलग होती है. यह शरीर की किसी भी जोड़ को प्रभावित करती है, जिसमें हाथ और कलाई घुटना, पैर टखना, कंधा पीठ का निचला हिस्सा शामिल होता है. गठिया में सबसे ज्यादा जोड़ों में दर्द, सूजन, लालिमा होती है.
इसके कारण मरीज को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस बीमारी में आयुर्वेद खास कारगर है. हम अलग-अलग पद्धति का प्रयोग करते हैं. जिसमें थेरेपी के साथ-साथ योग, व्यायाम, सिकाई और आयुर्वेदिक दवा होती हैं, जिससे मरीज को लाभ मिलता है.डॉ. रचना निगम के मुताबिक अस्पताल में इसके लिए डेडिकेटेड गठिया सेंटर बनाया गया है. जहां आयुर्वेद के जरिए हम मरीजों को ऐसा उपचार देते हैं. जिससे मरीजों को लाभ मिले. हम यहां अलग-अलग थेरेपी दी जाती है. गठिया केंद्र में मेडिसिन सेंटर है. इस केंद्र को बनाने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ यही है कि गठिया के इलाज के लिए मरीजों को दर-दर भटकना न पड़े.
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