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गठिया मरीजों के लिए बड़ी राहत; बनारस के राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में होगा मुफ्त इलाज - Free treatment of arthritis - FREE TREATMENT OF ARTHRITIS

बनारस के आयुर्वेद अस्पताल में गठिया मरीजों का मुफ्त इलाज (Free Treatment of Arthritis) किया जाएगा. इसके लिए अस्पताल में गठिया मरीजों को समर्पित सेंटर तैयार किया गया है.

बनारस के आयुर्वेद अस्पताल में गठिया का मुफ्त इलाज.
बनारस के आयुर्वेद अस्पताल में होगा गठिया का मुफ्त इलाज. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 11:10 AM IST

बनारस के राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में गठिया का मुफ्त इलाज. (Video Credit : ETV Bharat)

वाराणसी : बढ़ती उम्र के साथ गठिया की बीमारी पनपने लगती है. वर्तमान समय में हर दूसरे व्यक्ति को यह समस्या है. ऐसे में अस्पतालों की ओपीडी में 80 फीसदी मरीज गठिया की बीमारी से संबंधित पहुंच रहे हैं. इसी को देखते हुए राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय चौकाघाट में गठिया केंद्र बनाया गया है. यह पूर्वांचल का पहला सेंटर है, यहां पर ओपीडी से लेकर शोध तक की व्यवस्था है. मरीजों को दवाइयों से लेकर जांच की सुविधा निशुल्क है.आधुनिक उपकरणों के साथ इलाज किया जा रहा है.

गठिया सेंटर की नोडल डॉ. रचना निगम ने बताया कि गठिया 50 से अधिक की उम्र में होने वाली बेहद आम बीमारी है. यह जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन के कारण होती है. गठिया कई तरीके की होती है. इसके होने की वजह अलग-अलग होती है. यह शरीर की किसी भी जोड़ को प्रभावित करती है, जिसमें हाथ और कलाई घुटना, पैर टखना, कंधा पीठ का निचला हिस्सा शामिल होता है. गठिया में सबसे ज्यादा जोड़ों में दर्द, सूजन, लालिमा होती है.

इसके कारण मरीज को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस बीमारी में आयुर्वेद खास कारगर है. हम अलग-अलग पद्धति का प्रयोग करते हैं. जिसमें थेरेपी के साथ-साथ योग, व्यायाम, सिकाई और आयुर्वेदिक दवा होती हैं, जिससे मरीज को लाभ मिलता है.डॉ. रचना निगम के मुताबिक अस्पताल में इसके लिए डेडिकेटेड गठिया सेंटर बनाया गया है. जहां आयुर्वेद के जरिए हम मरीजों को ऐसा उपचार देते हैं. जिससे मरीजों को लाभ मिले. हम यहां अलग-अलग थेरेपी दी जाती है. गठिया केंद्र में मेडिसिन सेंटर है. इस केंद्र को बनाने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ यही है कि गठिया के इलाज के लिए मरीजों को दर-दर भटकना न पड़े.

यह भी पढ़ें : World Arthritis Day 2023 : बुजुर्ग ही नहीं बल्कि बच्चे भी हो रहे गठिया के शिकार, जानें क्यों हो रही समस्या

यह भी पढ़ें : देश के दस करोड़ लोग गठिया से ग्रसित, जानिए लक्षण और बचाव

बनारस के राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में गठिया का मुफ्त इलाज. (Video Credit : ETV Bharat)

वाराणसी : बढ़ती उम्र के साथ गठिया की बीमारी पनपने लगती है. वर्तमान समय में हर दूसरे व्यक्ति को यह समस्या है. ऐसे में अस्पतालों की ओपीडी में 80 फीसदी मरीज गठिया की बीमारी से संबंधित पहुंच रहे हैं. इसी को देखते हुए राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय चौकाघाट में गठिया केंद्र बनाया गया है. यह पूर्वांचल का पहला सेंटर है, यहां पर ओपीडी से लेकर शोध तक की व्यवस्था है. मरीजों को दवाइयों से लेकर जांच की सुविधा निशुल्क है.आधुनिक उपकरणों के साथ इलाज किया जा रहा है.

गठिया सेंटर की नोडल डॉ. रचना निगम ने बताया कि गठिया 50 से अधिक की उम्र में होने वाली बेहद आम बीमारी है. यह जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन के कारण होती है. गठिया कई तरीके की होती है. इसके होने की वजह अलग-अलग होती है. यह शरीर की किसी भी जोड़ को प्रभावित करती है, जिसमें हाथ और कलाई घुटना, पैर टखना, कंधा पीठ का निचला हिस्सा शामिल होता है. गठिया में सबसे ज्यादा जोड़ों में दर्द, सूजन, लालिमा होती है.

इसके कारण मरीज को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस बीमारी में आयुर्वेद खास कारगर है. हम अलग-अलग पद्धति का प्रयोग करते हैं. जिसमें थेरेपी के साथ-साथ योग, व्यायाम, सिकाई और आयुर्वेदिक दवा होती हैं, जिससे मरीज को लाभ मिलता है.डॉ. रचना निगम के मुताबिक अस्पताल में इसके लिए डेडिकेटेड गठिया सेंटर बनाया गया है. जहां आयुर्वेद के जरिए हम मरीजों को ऐसा उपचार देते हैं. जिससे मरीजों को लाभ मिले. हम यहां अलग-अलग थेरेपी दी जाती है. गठिया केंद्र में मेडिसिन सेंटर है. इस केंद्र को बनाने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ यही है कि गठिया के इलाज के लिए मरीजों को दर-दर भटकना न पड़े.

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