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DL इश्यू होते ही खत्म हो गई वैधता, किरकिरी हुई तो परिवहन विभाग सुधार के लिए एनआईसी को भेजा पत्र - Mistake in issuing DL - MISTAKE IN ISSUING DL

परिवहन विभाग ने एक व्यक्ति को जो डीएल भेजा, उसकी वैधता एक साल पहले ही खत्म हो गई है. अब इस गड़बड़ी को सुधारा जा रहा है.

DL इश्यू होते ही खत्म हो गई वैधता
DL इश्यू होते ही खत्म हो गई वैधता (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 4, 2024, 7:27 PM IST

लखनऊ: परिवहन विभाग के कारनामे भी अजब-गजब हैं. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सेवाएं ऑनलाइन इसीलिए की गईं कि किसी तरह की कोई गलती न होने पाए. समय पर आवेदकों को उनका लाइसेंस मिल जाए, लेकिन यह सेवा ही अब आवेदकों के लिए सिरदर्द बन रही है. ऐसी गलतियां हो रही हैं, जो हास्यास्पद हैं. मामला एक आवेदक के ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा है. इसी साल लाइसेंस इश्यू होना था लेकिन इसकी वैलिडिटी पिछले साल ही खत्म हो गई. मामला सामने आने पर आरटीओ कार्यालय ने एनआईसी को पत्र लिखकर सुधार के लिए कहा है.

ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में विधायक नीरज बोरा के चचेरे भाई सुनील कुमार अपने ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यूवल करवाने गए थे. उन्होंने रिन्यूवल से सम्बंधित सभी तरह की प्रक्रिया पूरी कर ली. इसके बाद उन्हें स्मार्ट कार्ड डीएल भेजा गया. डीएल मिलने के बाद कार्यालय की कारगुजारी उजागर हुई है. उन्हें जो डीएल मिला, उसमें डीएल को 12 अगस्त को जारी किया गया अंकित है, जबकि इसकी वैलिडिटी 12 अगस्त, 2023 में खत्म दिखाई गई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जिस डीएल को 2024 में जारी किया गया है, उसकी वैधता एक साल पहले कैसे खत्म हो गई? परिवहन विभाग की ये लापरवाही बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. इसके बाद विभाग की किरकिरी हो रही है.

इस बारे में आरटीओ संजय तिवारी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. एनआइसी के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण ये गलती हुई है. इसे सुधारने के लिए एनआईसी को पत्र लिखा गया है. गलती सुधारने के बाद फिर से स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक के पते पर भेजा जाएगा.

यह भी पढ़ें : देखें VIDEO; सेना के सबसे खतरनाक कमांडो मार्कोस, जानिए कौन से हथियार से पानी में करते हैं दुश्मनों पर हमला - Know Your Army Festival

लखनऊ: परिवहन विभाग के कारनामे भी अजब-गजब हैं. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सेवाएं ऑनलाइन इसीलिए की गईं कि किसी तरह की कोई गलती न होने पाए. समय पर आवेदकों को उनका लाइसेंस मिल जाए, लेकिन यह सेवा ही अब आवेदकों के लिए सिरदर्द बन रही है. ऐसी गलतियां हो रही हैं, जो हास्यास्पद हैं. मामला एक आवेदक के ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा है. इसी साल लाइसेंस इश्यू होना था लेकिन इसकी वैलिडिटी पिछले साल ही खत्म हो गई. मामला सामने आने पर आरटीओ कार्यालय ने एनआईसी को पत्र लिखकर सुधार के लिए कहा है.

ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में विधायक नीरज बोरा के चचेरे भाई सुनील कुमार अपने ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यूवल करवाने गए थे. उन्होंने रिन्यूवल से सम्बंधित सभी तरह की प्रक्रिया पूरी कर ली. इसके बाद उन्हें स्मार्ट कार्ड डीएल भेजा गया. डीएल मिलने के बाद कार्यालय की कारगुजारी उजागर हुई है. उन्हें जो डीएल मिला, उसमें डीएल को 12 अगस्त को जारी किया गया अंकित है, जबकि इसकी वैलिडिटी 12 अगस्त, 2023 में खत्म दिखाई गई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जिस डीएल को 2024 में जारी किया गया है, उसकी वैधता एक साल पहले कैसे खत्म हो गई? परिवहन विभाग की ये लापरवाही बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. इसके बाद विभाग की किरकिरी हो रही है.

इस बारे में आरटीओ संजय तिवारी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. एनआइसी के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण ये गलती हुई है. इसे सुधारने के लिए एनआईसी को पत्र लिखा गया है. गलती सुधारने के बाद फिर से स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक के पते पर भेजा जाएगा.

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