सरगुजा: इन दिनों पोषण माह चल रहा है. कुपोषण को दूर करने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच सरगुजा से कुपोषण दूर करने वाली संस्था की हालत चिंताजनक है. यहां आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति ही महज 64% है. यानी कि 36 फीसद बच्चे आंगनबाड़ी नहीं जाते हैं. ऐसे में जब 36 फीसद बच्चे आंगनबाड़ी तक पहुंच ही नहीं रहे हैं तो उनमें कुपोषण कैसे दूर होगा.?
आंगनबाड़ी में बच्चों की उपस्थिति कम: जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को प्ले स्कूल जैसी व्यवहारिक शिक्षा के अलावा मुख्य रूप से पोषक आहार देना, उनके पोषण की स्थिति को मॉनिटर करना, आवश्यक टीकों की जांच करना होता है. कुपोषण के खिलाफ अभियान में आंगनबाड़ी सबसे अहम कड़ी है, लेकिन सरगुजा जिले में 9.22% बच्चे कम वजन, 7.66% दुर्बल और 14.79% बौनेपन से जूझ रहे हैं. वहां के आंगनबाड़ी में ही जब उपस्थिति कम है तो ऐसे में पोषण माह की उपलब्धि क्या होगी?
25 फीसदी बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का लक्ष्य: इस बारे में जिला महिला बाल विकास के अधिकारी जे आर प्रधान कहते हैं कि, "कलेक्टर साहब की समीक्षा बैठक में आंगनबाड़ी में 64 फीसदी उपस्थिति पर चिंता जाहिर की गई. उन्होंने इसे 25 फीसदी बढ़ाने का लक्ष्य दिया है, जिसके बाद समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सुपरवाइजर को निर्देश दिए गए हैं कि वो घर-घर जाएं और कम से कम 90 से 95 फीसद तक बच्चों को आंगनबाड़ी तक लाएं."
"ये आरोप कांग्रेस का नहीं है, ये तो उनके ही विभाग की समीक्षा में सामने आया है. आप सोचिए कि जब कलेक्टर लगातार आंगनबाड़ी का दौरा कर रहे हैं तब ये स्थिति है. वरना वास्तविक स्थिति क्या होगी? ये भाजपा सरकार की निष्क्रियता का परिणाम है." :जेपी श्रीवास्तव, पीसीसी प्रवक्ता
बीजेपी ने माना लापरवाही होने की बात: इस मामले में भाजपा नेता आलोक दुबे ने भी लापरवाही होने की बात कही है. उन्होंने कहा कि, "ये बड़ी लापरवाही है. ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाइजर की लापरवाही का परिणाम है. हम लोगों ने कलेक्टर से मिलकर इस विषय पर चर्चा की है. लापरवाही करने वाले लोगों पर कार्रवाई होगी. उमीद है कि आंगनबाड़ी में उपस्थिति को हम 90 से 95 फीसद तक कर पाएंगे."
बता दें कि पोषण माह में 12 से 23 सितंबर तक प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में वजन तिहार हो रहा है. इस बीच 0 से 6 साल के बच्चों का वजन और ऊंचाई माप कर दर्ज किया जा रहा है. ताकि जिले को कुपोषण मुक्त किया जा सके.