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वैशाख का महीना आज से शुरू, जानिए इसे क्यों माना जाता है श्रेष्ठ महीना ? - Vaishakh Month 2024 - VAISHAKH MONTH 2024

Vaishakh Month 2024: वैशाख माह भारतीय काल गणना के अनुसार वर्ष का दूसरा माह है. इस माह को एक पवित्र माह के रूप में माना जाता है. जिनका संबंध देव अवतारों और धार्मिक परंपराओं से है. ऐसा माना जाता है कि इस माह के शुक्ल पक्ष को अक्षय तृतीया के दिन विष्णु अवतारों नर-नारायण, परशुराम, नृसिंह और ह्ययग्रीव के अवतार हुआ था.

जानिए वैशाख को क्यों कहा जाता है श्रेष्ठ महीना
जानिए वैशाख को क्यों कहा जाता है श्रेष्ठ महीना
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 24, 2024, 11:05 AM IST

बुधवार 24 अप्रैल से वैशाख मास की शुरूआत,

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आज से वैशाख महीने की शुरुआत हो रही है. वैशाख हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना होता है. जोकि चैत्र महीने के बाद आता है. चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के बाद वैशाख महीने की शुरुआत होती है. धार्मिक दृष्टि से वैशाख मास शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है.

वैशाख मास जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है. वैशाख मास को माधव मास भी कहा जाता है.इस माह को एक पवित्र माह के रूप में माना जाता है। जिनका संबंध देव अवतारों और धार्मिक परंपराओं से है. ऐसा माना जाता है कि इस माह के शुक्ल पक्ष को अक्षय तृतीया के दिन विष्णु अवतारों नर-नारायण, परशुराम, नृसिंह और ह्ययग्रीव के अवतार हुआ और शुक्ल पक्ष की नवमी को देवी सीता धरती से प्रकट हुई.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा बताते हैं की सनातन धर्म में वैशाख मास को सभी महीना में सबसे अच्छा महीना माना गया है. भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि मुझे मार्गशीर्ष और वैशाख का महीना सबसे प्रिय है. मान्यताओं के अनुसार त्रेतायुग की शुरुआत भी वैशाख माह से हुई है. इस माह की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही वैशाख माह की तिथियों का सम्बंध लोक परंपराओं में अनेक देव मंदिरों के पट खोलने और महोत्सवों के मनाने के साथ जोड़ दिया गया. यही कारण है कि हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध मंदिर श्री केदारनाथ के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया को खुलते हैं..इसी वैशाख के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को हिन्दू तीर्थ धाम पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी निकलती है.

ये भी पढ़ें : आज से पुण्यदायी वैशाख की शुरुआत, चिकित्सा कार्यों के लिए अच्छी है तिथि

वैशाख महीने की 24 अप्रैल से शुरुआत हो रही है जो की 23 मई को समाप्त होगा. वैशाख मास में ठंडी वस्तुओं को दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. वैशाख मास में ठंडा जल, मीठा शरबत, घड़ा आदि जरूर दान करना चाहिए. शास्त्रों में बताया गया है कि ऐसा करने से नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है. स्कंद पुराण के अनुसार वैशाख मास को सभी महीना में सर्वश्रेष्ठ माना गया है. वैशाख मास में सभी देवी देवताओं का जल में वास होता है. मान्यता है कि वैशाख महीने में विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है. सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि बुधवार, 24 अप्रैल 2024 को सुबह 5:18 से प्रारंभ होगी. जोकि गुरुवार, 25 अप्रैल 2024 को सुबह 6:46 मिनट पर समाप्त होगी.

ये भी पढ़ें : जानें आज वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का महत्व, इन उपायों से मिलेगी सुख-शांति व पापों से मुक्ति

बुधवार 24 अप्रैल से वैशाख मास की शुरूआत,

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आज से वैशाख महीने की शुरुआत हो रही है. वैशाख हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना होता है. जोकि चैत्र महीने के बाद आता है. चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के बाद वैशाख महीने की शुरुआत होती है. धार्मिक दृष्टि से वैशाख मास शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है.

वैशाख मास जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है. वैशाख मास को माधव मास भी कहा जाता है.इस माह को एक पवित्र माह के रूप में माना जाता है। जिनका संबंध देव अवतारों और धार्मिक परंपराओं से है. ऐसा माना जाता है कि इस माह के शुक्ल पक्ष को अक्षय तृतीया के दिन विष्णु अवतारों नर-नारायण, परशुराम, नृसिंह और ह्ययग्रीव के अवतार हुआ और शुक्ल पक्ष की नवमी को देवी सीता धरती से प्रकट हुई.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा बताते हैं की सनातन धर्म में वैशाख मास को सभी महीना में सबसे अच्छा महीना माना गया है. भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि मुझे मार्गशीर्ष और वैशाख का महीना सबसे प्रिय है. मान्यताओं के अनुसार त्रेतायुग की शुरुआत भी वैशाख माह से हुई है. इस माह की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही वैशाख माह की तिथियों का सम्बंध लोक परंपराओं में अनेक देव मंदिरों के पट खोलने और महोत्सवों के मनाने के साथ जोड़ दिया गया. यही कारण है कि हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध मंदिर श्री केदारनाथ के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया को खुलते हैं..इसी वैशाख के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को हिन्दू तीर्थ धाम पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी निकलती है.

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वैशाख महीने की 24 अप्रैल से शुरुआत हो रही है जो की 23 मई को समाप्त होगा. वैशाख मास में ठंडी वस्तुओं को दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. वैशाख मास में ठंडा जल, मीठा शरबत, घड़ा आदि जरूर दान करना चाहिए. शास्त्रों में बताया गया है कि ऐसा करने से नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है. स्कंद पुराण के अनुसार वैशाख मास को सभी महीना में सर्वश्रेष्ठ माना गया है. वैशाख मास में सभी देवी देवताओं का जल में वास होता है. मान्यता है कि वैशाख महीने में विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है. सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि बुधवार, 24 अप्रैल 2024 को सुबह 5:18 से प्रारंभ होगी. जोकि गुरुवार, 25 अप्रैल 2024 को सुबह 6:46 मिनट पर समाप्त होगी.

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