लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग विशेष रणनीति तैयार कर रहा है. इसके तहत प्राकृतिक स्थलों व सांस्कृतिक विरासत को क्षति पहुंचाए बगैर स्थानीय लोगों को स्वरोजगार तथा आमदनी से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए नेचर गाइड तैयार करने की योजना बनाई गई है. विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को नवाबगंज पक्षी विहार समेत अन्य स्थलों पर क्यूरेटेड टूर कराया जाएगा.
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया गया है. बोर्ड ईको टूरिज्म की संभावनाओं को धरातल पर उतार रहा है. पर्यटन स्थलों पर लगातार पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, इसका परिणाम भी दिखने लगा है. फिरोजाबाद स्थित रपड़ी इसका बड़ा उदाहरण है. बुनियादी सुविधाएं बढ़ने से यहां पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
नेचर गाइड के लिए क्या होनी चाहिए शैक्षणिक योग्यता: पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि दुधवा, कतर्नियाघाट व पीलीभीत टाइगर रिजर्व आदि स्थलों पर नेचर गाइड तैनात किए जाएंगे. इसकी शुरुआत दुधवा से होगी. सभी नेचर गाइड्स को मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान (एमकेआईटीएम) में प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसका प्रारूप भी तैयार हो चुका है. नेचर गाइड के लिए उम्र सीमा 18 से 35 वर्ष और न्यूनतम शिक्षा इंटर निर्धारित की गई है. इसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार देने के साथ पर्यटकों को भ्रमण में बेहतर सुविधा प्रदान करना है.
नेचर गाइड के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अक्टूबर से शुरू होगा: नेचर गाइड्स की ट्रेनिंग लेने के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान (एमकेआईटीएम) की आधिकारिक वेबसाइट www.mkitm.com पर जाकर पंजीकरण करना होगा. पंजीकरण की प्रक्रिया अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू होगी, जिसकी सूचना पर्यटन विभाग की तरफ से जारी किया जाएगा.
प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि नेचर गाइड को विभाग की तरफ से इन पार्कों के बारे में बेसिक जानकारी देने के साथ ही वहां के जानवरों की कौन-कौन सी प्रजातिया मिलती है. उनके बारे में भी बताया जाएगा.
साथ ही उनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन सभी नेचर गाइड को पर्यटन विभाग की तरफ से एक साल के लिए लाइसेंस जारी होगा. मैंने बताया कि इन नेचर गाइड को विभाग की तरफ से कोई सैलरी नहीं दिया जाएगा. बल्कि या ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की तरफ से कुछ फीस यात्रियों से लेने की अनुमति होगी. यह फीस कितना होगा या बोर्ड के गठन के बाद तय होगा.
क्या है क्यूरेटेड टूर: जयवीर सिंह ने बताया कि क्यूरेटेड टूर के लिए उन्नाव जिला स्थित नवाबगंज पक्षी विहार, गौतमबुद्धनगर जिले में ओखला पक्षी विहार, आगरा में सुर सरोवर पक्षी विहार, चंदौली स्थित राजदरी जलप्रपात, मीरजापुर में औरा टांडा जलप्रपात, पीलीभीत टाइगर रिजर्व और इटावा लायन सफारी शामिल हैं. उन्हें उस स्थल और भ्रमण आकर्षणों के बारे में विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से जानकारी दी जाएगी.
क्यूरेटेड टूर में क्या-क्या होगा: भ्रमण के साथ ही फिल्म भी दिखाई जाएगी. इज मई ट्रिप के साथ पहला क्यूरेटेड टूर उन्नाव जिले शुरू होगा. इसके लिए विभिन्न विद्यालयों से बात चल रही है. पर्यटकों के इज माय ट्रिप द्वारा पैकेज तैयार किया जा रहा है. इज माय ट्रिप का ईको टूरिज्म विकास बोर्ड के साथ एमओयू हुआ है.
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