देहरादून: वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 को लेकर बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से मुस्लिम समुदाय से रायशुमारी और उनके पक्ष को जेपीसी तक पहुंचाने के लिए एक 7 सदस्यीय दल का गठन किया गया है. इस दल में बीजेपी में मौजूद मुस्लिम समुदाय का नेतृत्व करने वाले बड़े नेताओं को रखा गया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी के आलाकमान के निर्देशों के अनुसार बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने इस टीम का गठन किया गया है.
7 सदस्यीय दल में ये लोग हैं शामिल: इस सात सदस्यीय टीम में उत्तराखंड से वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनावर पटेल, हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक चौधरी जाकिर हुसैन, गुजरात वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहर सिंह लोखंडवाला तो वहीं बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मौलाना हबीब हैदर, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नासिर हुसैन के अलावा हिमाचल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राजबली शामिल हैं.
इस 7 सदस्यीय दल में शामिल उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि बीजेपी पूरे देश और दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे की ओर से गठित की गई इस टीम के माध्यम से मुस्लिम समुदाय की आवाज को जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) तक पहुंचाया जाए जाएगा. साथ में उन्होंने ये भी कहा कि जेपीसी को कुछ मुस्लिम संगठन गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में अब तक बहुत अनियमितताएं हुई हैं और आम आवाम का पैसा कुछ खास लोगों की जेब में जा रहा है. इसे जनता के हित में काम लाने के लिए संशोधन किया जा रहा है. जिसके लिए वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक लाया गया है. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में जो जरूरी बदलाव हैं, वो होने चाहिए. इसी को लेकर के बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे की ओर से गठित टीम ने पूरी एक्सरसाइज कर ली है. कल इस संबंध में दोपहर 3 बजे दिल्ली में बड़ी बैठक होनी है.
मुस्लिम समुदाय के बड़े नेताओं के पास अवैध कब्जे, सीबीआई जांच की मांग: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 देश के लिए इसलिए भी जरूरी है. क्योंकि, उनके स्टडी में ये भी सामने आया है कि वक्फ बोर्ड की करोड़ों की संपत्ति कौड़ियों के भाव मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारी के पास है. ये सभी वक्फ बोर्ड में संशोधन के बाद प्रभावित होंगे. जिसकी वजह से ये लोग नहीं चाहते हैं कि वो बोर्ड अधिनियम में संशोधन हो.
शादाब शम्स ने देश के बड़े मुस्लिम नेताओं और मुस्लिम संगठनों के कई पदाधिकारियों का नाम लेते कई आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि इन लोगों के पास मुस्लिम समुदाय के आम लोगों की ओर से वक्फ बोर्ड को दान की गई भूमि का बड़ा हिस्सा है, जो कि जनहित के काम नहीं आ रहा है. उनकी पूरी कोशिश है कि मुस्लिम समुदाय का यह योगदान मुस्लिम समुदाय के दबे कुचले और निम्न वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए होना चाहिए.
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