देहरादून: आगामी दस मई को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 की विधिवत शुरुआत हो जाएगी, जिसको देखते हुए चारधाम यात्रा से संबंधित सभी विभाग अपने-अपने स्तर से व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कवायद में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड परिवहन निगम भी उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 की तैयारियों में जुट गया है.
उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 में यात्रियों की सुविधा और राजस्व बढ़ाने के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम ने निर्णय लिया है कि वो अपनी बसों को यात्रियों की बुकिंग पर संचालित करेंगे. परिवहन निगम ने स्टेज केयरिंग परमिट के बजाय कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट पर बसें संचालित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए परिवहन निगम ने चारधाम यात्रा शुरू होने से करीब एक माह पहले ही अस्थाई कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट के लिए आवेदन कर दिया है.
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड परिवहन निगम प्रबंधन ने प्रदेश के पर्वतीय मार्गों पर चलने वाली 394 बसों की अस्थाई कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट के लिए आवेदन किया है. दरअसल, साल 2020 में कोरोना काल के दौरान उत्तराखंड परिवहन निगम ने पहली बार चारधाम यात्रा में बसों का संचालन किया था. क्योंकि परिवहन विभाग ने कोरोना गाइडलाइन के अनुसार वाहनों में यात्री क्षमता को 50 फीसदी के साथ संचालित करने का आदेश दिया था, जिसे निजी ट्रांसपोर्टरों ने मानने से इंकार कर दिया था.
ऐसे में उत्तराखंड परिवहन निगम ने 50 फीसदी यात्री क्षमता के साथ चारधाम यात्रा के लिए बसों का संचालन किया था. वहीं साल 2021 में परिवहन निगम की बसों का बेहद कम इस्तेमाल हुआ. क्योंकि कोविड के चलते 2021 में चारधाम यात्रा को बहुत ही सीमित कर दिया गया था, लेकिन साल 2022 में चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ी जिसके चलते परिवहन निगम की बसें कम पड़ गई. बावजूद इसके साल 2022 में चारधाम यात्रा के दौरान फुटकर सवारी के रूप में ही चारधाम यात्रा के लिए बसों का संचालन किया जाता रहा.
फुटकर सवारी के तहत चारधाम यात्रा में बसों का संचालक तो परिवहन निगम कर रहा था, लेकिन इसका नुकसान भी परिवहन निगम को झेलना पड़ रहा था. क्योंकि चारधाम यात्रा पर जाने के लिए बड़ी संख्या में यात्री तो मिल रहे थे, लेकिन वापसी में बसें खाली लौटती थी, जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने परिवहन निगम की बसों को भी निजी बसों की तरह कांट्रैक्ट कैरिज के तहत बुकिंग पर चलने की अनुमति दे दी थी.
इसके लिए परिवहन निगम को राज्य परिवहन प्राधिकरण में बसों के लिए अस्थाई कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट का आवेदन करना पड़ा था, इसके बाद बसों का संचालन बुकिंग के तहत होने लगा. इसी तरह साल 2023 में भी परिवहन निगम ने बुकिंग की तरह बसों का संचालन किया था. लिहाजा इस साल भी परिवहन विभाग ने कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट की तरह ही बसों के संचालन का निर्णय लिया है. इसके लिए एक महीना पहले ही परिवहन निगम ने राज्य परिवहन प्राधिकरण में परमिट के लिए आवेदन कर दिया है. ताकि समय से ही बुकिंग की प्रक्रिया शुरू हो सके. इस प्रक्रिया के तहत यात्रियों को धामों में दर्शन के लिए ले जाने और वापस लाने की बुकिंग एक साथ होगी.
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