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महिला से 13 लाख रुपए की ठगी करने वाला साइबर ठग अरेस्ट, आप भूलकर भी न करें इस तरह की गलती! - cyber criminal arrest

Accused arrested from Chhattisgarh by uttarakhand stf उत्तराखंड एसटीएफ ने ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब के नाम पर पूरे देश में ठगी करने वाले आरोपी को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया पर ऑनलाइन पार्ट टाइम नौकरी से संबंधित भ्रामक विज्ञापन पोस्ट करके लोगों को फंसाया जाता था.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 12, 2024, 4:29 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने BINANCE नाम की फर्जी कंपनी के कर्मचारी बनकर ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब के नाम पर किए जा रहे स्कैम का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के एक सदस्य को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपी ऑनलाइन पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर पूरे देश में ठगी कर रहे थे. इसी क्रम में देहरादून निवासी एक महिला के साथ ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब के नाम पर 13 लाख से अधिक रुपये की धोखाधड़ी की गई थी.

देहरादून की महिला से 13 लाख की ठगी: देहरादून निवासी एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया था कि 15 दिसंबर 2023 को इंस्टाग्राम पर विज्ञापन के माध्यम से टास्क पूरा करने के बदले ऑनलाइन नौकरी के ऑफर की जानकारी के लिए क्लिक किया, तो गूगल में साइट का एक लिंक आया. आगे बढ़ने के लिए दोबारा क्लिक करने पर पीड़िता के व्हाटस्अप नंबर पर एक मैसेज आया. जिनमें आरोपियों द्वारा ऑनलाइन नौकरी का ऑफर देते हुए अलग-अलग टास्क पूरे करने के बदले लाभ कमाने की बात की गई और पीड़िता के व्हाट्सअप नंबर पर एक लिंक भेजा गया. लिंक को खोलकर वीडियो को लाइक करके स्क्रीन शॉट लेकर वापस भेजने की बात कही गई. साथ ही बताया गया कि आपको एक वीडियो को लाइक करने के 150 रुपये मिलेंगे. इसके लिए पीड़िता द्वारा उन्हें अपने पति का बैंक खाता दे दिया गया. इस पर पीड़िता द्वारा वीडियो को लाइक कर स्क्रीन शॉट भेजने के बदले में 450 रुपये पहला अमाउंट प्राप्त किए गए.

आरोपियों ने पीड़िता को व्हाट्सअप पर टेलीग्राम का भेजा लिंक: इसके बाद आरोपियों द्वारा पीड़िता को व्हाट्सअप पर टेलीग्राम का लिंक दिया गया. टेलीग्राम में प्रियंका अरोड़ा नाम की महिला से बात हुई, जिसने खुद को बााइनेंस कंपनी की रिसेप्शनिस्ट बताया. जिसके द्वारा पीड़िता को चेटिंग के माध्यम से निर्देश देते हुए टास्क दिए गए. पीड़िता द्वारा लिंक खोलने के बाद उनके द्वारा बनाए गए टेलीग्राम ग्रुप (नार्मल, सुपर और एक्सीलेंट ग्रुप) में अलग-अलग टास्क पूरे कर करीब 5000 रुपये का लाभ प्राप्त किया गया. इस पर साइबर ठगों द्वारा पीड़िता को दोबारा विश्वास में ले लिया गया और पीड़िता के फोन पर एक लिंक भेजकर फोन-पे डाउनलोड कराया गया. पीड़िता के बैंक खाते से संबंधित जानकारी भी प्राप्त की गई. इसके बाद पीड़िता को शक होने पर, जब अपना बैंक बैलेंस चेक किया गया,तो बैंक खाते से 13 लाख 67 हजार रुपये निकाल चुके थे.

आरोपियों ने पीड़िता को रुपये वापस देने की दिया आश्वासन: इसके बाद पीड़िता द्वारा आरोपियों से संपर्क करने की कोशिश की गई. जिसके बाद आरोपियों ने सभी रुपये एक दिन में वापस खाते में डालने का आश्वासन दिया. इसके बाद सारे टेलीग्राम ग्रुप और चैट आरोपियों द्वारा दिसंबर 2023 में ही डिलीट कर दी गई. पीड़िता की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. मामले का खुलासा करने के लिए गठित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर और आरोपियों द्वारा पीड़िता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गई. संदिग्ध मोबाइल नंबर और खातों की जानकारी से आरोपियों का छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से संबंध होना पाया गया. जिससे साइबर थाने की पुलिस टीम को संबंधित स्थानों के लिए रवाना किया गया. जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने एक आरोपी राजू बाघ निवासी जिला दुर्ग छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया.

अपराध का तरीका: आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आदि के माध्यम से ऑनलाइन पार्ट टाइम नौकरी के लिए गूगल पर फर्जी लुभावने विज्ञापन और लिंक डाले जाते हैं. जिस पर इनके झांसे में आए पीड़ितों द्वारा लिंक पर क्लिक करते ही इन साइबर अपराधियों द्वारा तुरंत संबंधित से व्हाटसएप य मैसेज के माध्यम से संपर्क किया जाता है और उन्हें विश्वास में लेकर टेलीग्राम ग्रुप आदि से जोड़कर पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर लुभाव देकर लिंक के माध्यम से वीडियो लाइक करने के टास्क देकर लाभ के लिए उनसे बैंक खाते की जानकारी प्राप्त की जाती है और उनके खाते में शुरूआत में कुछ लाभ दिया जाता है. जिससे पीड़ित दोबारा इनके झांसे में आ जाते हैं और फिर आरोपियों द्वारा फोन-पे एप डाउनलोड कराकर इनके बैंक खातों की अन्य गोपनीय जानकारी प्राप्त कर पीड़ितों की धनराशि हड़प लेते हैं.

आरोपी अपने साथियों के साथ अलग-अलग राज्यों में कर रहे ठगी: एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि पूछताछ में आरोपी राजू बाघ द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है. जिसके द्वारा प्रयोग किए जा रहे ICICI बैंक के खाता संख्या के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में कई शिकायतें दर्ज होना पाया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य सह आरोपियों की तलाश जारी है.

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देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने BINANCE नाम की फर्जी कंपनी के कर्मचारी बनकर ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब के नाम पर किए जा रहे स्कैम का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के एक सदस्य को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपी ऑनलाइन पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर पूरे देश में ठगी कर रहे थे. इसी क्रम में देहरादून निवासी एक महिला के साथ ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब के नाम पर 13 लाख से अधिक रुपये की धोखाधड़ी की गई थी.

देहरादून की महिला से 13 लाख की ठगी: देहरादून निवासी एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया था कि 15 दिसंबर 2023 को इंस्टाग्राम पर विज्ञापन के माध्यम से टास्क पूरा करने के बदले ऑनलाइन नौकरी के ऑफर की जानकारी के लिए क्लिक किया, तो गूगल में साइट का एक लिंक आया. आगे बढ़ने के लिए दोबारा क्लिक करने पर पीड़िता के व्हाटस्अप नंबर पर एक मैसेज आया. जिनमें आरोपियों द्वारा ऑनलाइन नौकरी का ऑफर देते हुए अलग-अलग टास्क पूरे करने के बदले लाभ कमाने की बात की गई और पीड़िता के व्हाट्सअप नंबर पर एक लिंक भेजा गया. लिंक को खोलकर वीडियो को लाइक करके स्क्रीन शॉट लेकर वापस भेजने की बात कही गई. साथ ही बताया गया कि आपको एक वीडियो को लाइक करने के 150 रुपये मिलेंगे. इसके लिए पीड़िता द्वारा उन्हें अपने पति का बैंक खाता दे दिया गया. इस पर पीड़िता द्वारा वीडियो को लाइक कर स्क्रीन शॉट भेजने के बदले में 450 रुपये पहला अमाउंट प्राप्त किए गए.

आरोपियों ने पीड़िता को व्हाट्सअप पर टेलीग्राम का भेजा लिंक: इसके बाद आरोपियों द्वारा पीड़िता को व्हाट्सअप पर टेलीग्राम का लिंक दिया गया. टेलीग्राम में प्रियंका अरोड़ा नाम की महिला से बात हुई, जिसने खुद को बााइनेंस कंपनी की रिसेप्शनिस्ट बताया. जिसके द्वारा पीड़िता को चेटिंग के माध्यम से निर्देश देते हुए टास्क दिए गए. पीड़िता द्वारा लिंक खोलने के बाद उनके द्वारा बनाए गए टेलीग्राम ग्रुप (नार्मल, सुपर और एक्सीलेंट ग्रुप) में अलग-अलग टास्क पूरे कर करीब 5000 रुपये का लाभ प्राप्त किया गया. इस पर साइबर ठगों द्वारा पीड़िता को दोबारा विश्वास में ले लिया गया और पीड़िता के फोन पर एक लिंक भेजकर फोन-पे डाउनलोड कराया गया. पीड़िता के बैंक खाते से संबंधित जानकारी भी प्राप्त की गई. इसके बाद पीड़िता को शक होने पर, जब अपना बैंक बैलेंस चेक किया गया,तो बैंक खाते से 13 लाख 67 हजार रुपये निकाल चुके थे.

आरोपियों ने पीड़िता को रुपये वापस देने की दिया आश्वासन: इसके बाद पीड़िता द्वारा आरोपियों से संपर्क करने की कोशिश की गई. जिसके बाद आरोपियों ने सभी रुपये एक दिन में वापस खाते में डालने का आश्वासन दिया. इसके बाद सारे टेलीग्राम ग्रुप और चैट आरोपियों द्वारा दिसंबर 2023 में ही डिलीट कर दी गई. पीड़िता की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. मामले का खुलासा करने के लिए गठित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर और आरोपियों द्वारा पीड़िता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गई. संदिग्ध मोबाइल नंबर और खातों की जानकारी से आरोपियों का छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से संबंध होना पाया गया. जिससे साइबर थाने की पुलिस टीम को संबंधित स्थानों के लिए रवाना किया गया. जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने एक आरोपी राजू बाघ निवासी जिला दुर्ग छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया.

अपराध का तरीका: आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आदि के माध्यम से ऑनलाइन पार्ट टाइम नौकरी के लिए गूगल पर फर्जी लुभावने विज्ञापन और लिंक डाले जाते हैं. जिस पर इनके झांसे में आए पीड़ितों द्वारा लिंक पर क्लिक करते ही इन साइबर अपराधियों द्वारा तुरंत संबंधित से व्हाटसएप य मैसेज के माध्यम से संपर्क किया जाता है और उन्हें विश्वास में लेकर टेलीग्राम ग्रुप आदि से जोड़कर पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर लुभाव देकर लिंक के माध्यम से वीडियो लाइक करने के टास्क देकर लाभ के लिए उनसे बैंक खाते की जानकारी प्राप्त की जाती है और उनके खाते में शुरूआत में कुछ लाभ दिया जाता है. जिससे पीड़ित दोबारा इनके झांसे में आ जाते हैं और फिर आरोपियों द्वारा फोन-पे एप डाउनलोड कराकर इनके बैंक खातों की अन्य गोपनीय जानकारी प्राप्त कर पीड़ितों की धनराशि हड़प लेते हैं.

आरोपी अपने साथियों के साथ अलग-अलग राज्यों में कर रहे ठगी: एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि पूछताछ में आरोपी राजू बाघ द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है. जिसके द्वारा प्रयोग किए जा रहे ICICI बैंक के खाता संख्या के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में कई शिकायतें दर्ज होना पाया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य सह आरोपियों की तलाश जारी है.

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