श्रीनगर: उत्तराखंड के अध्यापक पांडे दंपति जल्द राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों सम्मानित होने जा रहे हैं. श्रीनगर के रहने वाले डॉक्टर संजय पांडे ओर उनकी पत्नी डॉक्टर लता पांडेय को साल 2022-23 के संगीत नाट्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. 27 फरवरी को संगीत नाट्य अकादमी ने इन दोनों के नाम की घोषणा की. यह पहला मौका होगा जब किसी दंपति को एक साथ इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है.
![sangeet natak puraskar to Sanjay Pandey](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/28-02-2024/20863247_pandey.jpg)
डॉक्टर पांडेय दंपति का ये सफर इतना आसान नहीं रहा. पिछले 20 सालों से ये पांडे दंपति संगीत के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. डॉक्टर संजय पांडेय मूल रूप से जिला बागेश्वर के वज्यूल गांव के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआती शिक्षा जोशीमठ से हुई. हायर एजुकेशन के लिए डॉक्टर संजय श्रीनगर पहुंचे. उन्होंने गढ़वाल विवि से हायर एजुकेशन प्राप्त की. उन्होंने गढ़वाल विवि से ही अपनी पीएचडी की. आज डॉक्टर संजय गढ़वाल केंद्रीय विवि के लोक कला निष्पादन केंद्र के वरिष्ठ अध्यापक हैं. वे सालों से छात्रों को लोक कला के बारे में सीखा पढ़ा रहे हैं.
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संजय पांडे की पत्नी डॉक्टर लता पांडेय मूल रूप से जिला अल्मोड़ा की रहने वाली हैं. उनकी पढ़ाई लिखाई अपने गृह जनपद से ही पूरी हुई. उन्होंने नैनीताल यूनिवर्सिटी से अपनी पीएचडी की है. वे कई वर्षों से जीजीआईसी श्रीनगर में शिक्षिका के तौर पर कार्य कर रही हैं.
![sangeet natak puraskar to Sanjay Pandey](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-02-2024/20863247_pandey1.jpg)
ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉक्टर संजय पांडेय ने कहा उन्हें खुशी है कि उन्हें इतने बड़े पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. उन्होंने कहा इसमें उनकी पत्नी का भी अहम योगदान रहा है. उनकी पत्नी उनके साथ हर समय खड़ी रहती हैं. परिवार के साथ सामजिक जिम्मेदारी का भी वे अच्छे से निर्वहन करती हैं. डॉक्टर लता ने कहा वे संगीत के स्वरों के साथ 8 साल की उम्र से जुड़ी हैं. उन्होंने रामलीला से गायन का कार्य शुरू किया.
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