देहरादून:उत्तराखंड में इन दिनों निकाय चुनाव के लिए प्रचार चल रहा है. प्रदेश के 11 नगर निगमों, 43 नगर पालिका, 46 नगर पंचायतों में इन दिनों चुनावी शोर है. निकाय चुनाव में कैंडिडेट जीत की जंप लगाने के लिए खूब दमखम दिखा रहे हैं. प्रदेशभर से निकाय चुनाव में टक्कर की खबरें सामने आ रही हैं. नगर निगम चुनाव की बात करें तो इस बार प्रदेश के तीन शहरों में मेयर पद के लिए मेजर टक्कर है. इन तीन शहरों के मेयर पद के चुनाव ने प्रदेश की सियासी गलियों में हड़कंप मचाया हुआ है. इन तीनों ही शहरों में मेयर पद के लिए जोर शोर से प्रचार चल रहा है. मेयर कैंडिडेट जीत के लिए रात दिन एक किये हुये हैं.
इन तीन नगर निगमों में पहला नंबर ऋषिकेश नगर निगम का आता है.ऋषिकेश नगर निगम में चुनाव त्रिकोणीय हैं. यहां से निर्दलीय कैंडिडेट दिनेश चंद्र मास्टर ने बीजेपी कांग्रेस की नीदें उड़ाई हुई हैं. दिनेश चंद्र मास्टर लगातार ऋषिकेश में स्थानीय कैंडिडेड का मुद्दा उछाले हुये हैं. ये बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही परेशानी का सबब है. बीजेपी ने ऋषिकेश से शंभू पासवान को टिकट दिया है. वहीं, कांग्रेस ने दीपक जाटव को मेयर कैंडिडेट बनाया है. ये दोनों ही मूल रूप से उत्तराखंडी नहीं हैं. जिसके कारण निर्दलीय कैंडिडेट दिनेश चंद्र ने इसे ही मास्टर स्ट्रोक के तौ र पर खेला है. बीजेपी, कांग्रेस की ओर से पार्टी के दिग्गज नेता चुनावी प्रचार में आ रहे हैं. सभी चुनावी माहौल बना रहे हैं. वहीं, दिनेश चंद्र मास्टर को बॉबी पंवार, त्रिभुवन सिंह चौहान के साथ ही स्थानीय संस्थाओं का खूब साथ मिल रहा है. जिसके कारण ऋषिकेश नगर निगम का चुनाव रोचक हो गया है.
इसके बाद दूसके नंबर पर श्रीनगर गढ़वाल नगर निगम आता है. श्रीनगर गढ़वाल नगर निगम में लड़ाई कई कोनों में लड़ी जा रही है. यहां बीजेपी, कांग्रेस के साथ ही कई बागी, निदर्लीय चुनावी गर्मी को बढ़ा रहे हैं. बीजेपी की ओर से बात करें तो यहां से आशा उपाध्याय को टिकट दिया गया है. आशा उपाध्याय टिकट फाइनल होने से एक दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुई.उसके अगले ही दिन उनका टिकट फाइनल हो गया. जिसके बाद भाजपा के दूसरे कैंडिडेट में असंतोष पैदा हो गया. इन्हीं में से लखतप सिंह भंडारी एक हैं. लखतप सिंह भंडारी ने निर्दलीय के तौर पर अपनी पत्नी को मेयर के लिए खड़ा किया है. उनकी पत्नी आरती भंडारी चुनाव में चुनौती भी देती नजर आ रही हैं. बीजेपी से नाराज कार्यकर्ताओं का उन्हें साथ मिल रहा है. इसके साथ ही निर्दलीय के तौर पर पूर्व में पालिकाध्यक्ष रही पूनम तिवाड़ी भी चुनावी मैदान में हैं. पूनम तिवाड़ी पहले कांग्रेस का हिस्सा रह चुकी हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि मेयर चुनाव में पूनम कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाएंगी. ऐसा ही आरती भंडारी के लिए भी कहा जा रहा है. इसके साथ ही इस बार यूकेडी ने भी मेयर कैंडिडेट के लिए सरस्वती देवी को चुनावी मैदान में उतारा है. ऐसे में साफ समझा जा सकता है कि श्रीनगर का ये चुनाव आने वाले दिनों में कितना रोचक होने वाला है.
इस कड़ी में तीसरा नाम हल्द्वानी नगर निगम का आता है. हल्द्वानी नगर निगम चुनाव की तारीखों के ऐलान, आरक्षण की घोषणा के बाद से ही सुर्खियों में है. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है, मगर इसके बाद भी यहां का चुनाव नीरस नहीं हैं. हल्द्वानी नगर निगम में बीजेपी ने गजराज बिष्ट को टिकट दिया है. कांग्रेस ने यहां से ललित जोशी को उतारा है. दोनों ही नेता दमदार कैंडिडेट है. हल्द्वानी नगर निगम में यहां का समीकरण इसे रोचक बनाता है. हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश हैं. जिनका यहां बड़ा जनाधार है. जिसके कारण यहां कांग्रेस मजबूत मानी जा रही है. वहीं, बीजेपी की बात करें तो गजराज बिष्ट का मजबूत छवि उन्हें कहीं से भी पीछे नहीं होने देती. इसके साथ बीजेपी का मजबूत संगठन उन्हें इस लड़ाई में और भी ताकत देता है. जिसके कारण वे बराबरी के टक्कर में खड़े नजर आते हैं.
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