देहरादून: चारधाम की यात्रा पर हर साल आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौंती बनी हुई है कि उत्तराखंड की जनता के साथ-साथ अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को किस तरह से बेहतर स्वास्थ्य विभाग सविधा मुहैया कराई जाए. जबकि प्रदेश में पहले से ही डॉक्टर्स की भारी कमी है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल की है. जिसके तहत स्वास्थ्य सचिव की ओर से कई राज्यों के स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर इस बाबत अनुरोध किया गया था की जो डॉक्टर सेवा भाव के साथ चारधाम में अपनी सेवा देना चाहते हैं वो दे सकते हैं. लेकिन अभी तक अन्य राज्यों के किसी भी डॉक्टर ने इस संबंध में कोई क्वेरी नहीं की है.
17 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन: बता दें कि चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही अभी तक करीब 17 लाख से अधिक श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इस साल चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 60 लाख के पार पहुंच सकता है. लाखों श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर लाभ दिया जा सके, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को बड़े स्तर पर इंतजाम करने होंगे. ताकि हर साल चारधाम यात्रा के दौरान होने वाले श्रद्धालुओं के मौत के आंकड़ों को कम किया जा सके.
अन्य राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को लिखा गया था पत्र: स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि करीब एक महीने पहले कई राज्यों के स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया था कि चाहे वो सरकारी डॉक्टर हो या फिर प्राइवेट डॉक्टर हो, जो अपनी सेवा भाव से चारधाम यात्रा में अपनी सेवा देना चाहते हैं, उनके रहने खाने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जाएगी. इस पत्र के बाद कोई रिस्पांस ना मिलने के चलते हाल ही में स्वास्थ्य सचिव की ओर से दोबारा रिमाइंडर पत्र अन्य राज्यों के स्वास्थ्य सचिव को भेजा गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चारधाम यात्रा के दौरान जो डॉक्टर सेवा भाव से काम करने के लिए इच्छुक हैं वो सामने जरूर आएंगे.
साल 2023 में 140 डॉक्टरों की लगाई थी ड्यूटी: डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि साल 2023 में चारधाम की यात्रा के दौरान 140 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन इस साल डॉक्टरों की संख्या बढ़ाकर 184 कर दी गई है. इन सभी डॉक्टरों में 44 स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स भी शामिल हैं. साथ ही चारधाम यात्रा मार्गों पर हेल्थ एटीएम लगाए गए हैं. 11 भाषाओं में स्वास्थ्य संबंधी एसओपी भी जारी की गई है, जिसे अन्य राज्यों के स्वास्थ्य सचिव को भी भेजा गया है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में जो हॉस्पिटल बना रहे हैं, उसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने जरूरी स्वास्थ्य उपकरण भी भेजने शुरू कर दिए हैं. चारधाम यात्रा के शुरुआती पड़ाव ऋषिकेश से लेकर धामों तक करीब 50 स्थानों पर स्क्रीनिंग पॉइंट बनाए गए हैं, जहां डॉक्टर्स तैनात होंगे. जिसके पास टेस्टिंग डिवाइस होंगे. जिसके जरिए 28 तरह के टेस्ट किए जा सकेंगे. 50 साल से अधिक उम्र के सभी श्रद्धालुओं का अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग की जाएगी.
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