मसूरी: उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने उप जिला अस्पताल मसूरी का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में मरीजों को मुहैया कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी ली. साथ ही डॉक्टर और स्टाफ को मिलने वाली व्यवस्थाएं भी जांची. इसके अलावा उन्होंने अस्पताल के तमाम उपकरणों की जांच भी की. उन्होंने डेंगू से निपटने के लिए डेंगू वार्ड बनाने के निर्देश दिए.
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि उप जिला अस्पताल मसूरी में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. यहां पर सीटी स्कैन मशीन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड किए जा रहे हैं. अस्पताल में वार्ड बॉय और स्टाफ नियुक्त किए जा चुके हैं. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए देहरादून सीएमओ को निर्देशित कर दिया गया है. उन्होंने बताया स्वास्थ्य विभाग की मसूरी गन हिल में काफी जमीन है, जहां पर अंग्रेजों के जमाने का अस्पताल संचालित किया जाता था. सीएमओ को गन हिल की जमीन को किस तरह से इस्तेमाल में लाया जा सकता है, इसके लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं. जैसे ही सीएमओ से प्रस्ताव मिलेगा होगा, वैसे ही कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में पैसों की किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मसूरी उप जिला अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों की आवास बनाए जाने के लिए आग्रह किया गया था, जिसको लेकर उन्होंने अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग की जमीन का निरीक्षण किया गया है. वहां अस्पताल के आस पास डॉक्टरों के लिए आवास बनाए जाने को लेकर सीएमओ को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं. मसूरी में सुगम स्थल पर मोर्चरी के निर्माण को लेकर भी जगह चिन्हित की जा रही है. जगह मिलते ही मोर्चरी का निर्माण करा दिया जाएगा.
मंत्री रावत ने कहा कि स्वास्थ्य विभागों को 1500 वार्ड बॉय नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसको स्थानीय आधार पर सीएमओ लगा सकता है. मसूरी में पर्यटक काफी संख्या में आते हैं और सरकार की इच्छा है कि मसूरी में पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले, साथ ही कोई भी मरीज देहरादून रेफर न हो. सरकार की ओर से मसूरी उप जिला अस्पताल को लेकर दीर्घकालिक प्लान बनाया जा रहा है. हाल में अस्पताल में 50 बैड है, जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाई जाएगी.
डेंगू से निपटने की तैयारी पूरी: उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर में डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है. उनकी ओर से सभी जिलाधिकारी को निर्देश दे दिए गए हैं. वहीं, सभी जिला अस्पताल और उप जिला अस्पताल में अलग से डेंगू के लिए वार्ड स्थापित किए जाएंगे. ताकि, डेंगू के मरीज को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि किसी भी ऐडेट कॉलेज का प्रांतीयकरण न किया जाए. अगर किसी कॉलेज का मैनेजमेंट चाहता है कि प्राधिकरण हो तो सरकार उसके लिए विचार कर सकती है.
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में हर ब्लॉक में कॉलेज खोल दिए गए हैं. छात्र-छात्राओं को सीटों को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती है. पहले इसको लेकर छात्र आंदोलन होते थे, लेकिन अब सभी विषयों में सीट मिल जाता है. उन्होंने कहा कि कॉलेज के सत्र नियमित हो गए हैं. रिजल्ट भी समय से आ रहे हैं और क्लासेस भी समय से शुरू हो रही है. उन्होंने कहा कि उनकी ओर से प्रदेश के सभी डिग्री कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं. इसी महीने 25-25 पेड़ अपने कॉलेज परिसर में लगाएंगे.
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