देहरादून: उत्तराखंड में लगातार मौसम का मिजाज बदल रहा है. इसके साथ ही हर साल गर्मियों और मानसून सीजन के दौरान जल जनित रोगों से संबंधित मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है. जिसको देखते स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में संक्रामक रोगों की रोकथाम को लेकर एसओपी जारी कर दी है. स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने एसओपी जारी कर प्रदेश में जल जनित रोगों की रोकथाम को लेकर अधिकारियों-कर्मचारियों को सख्त दिशा-निर्देश भी दिए हैं.
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार के अनुसार गर्मियों के दौरान पीने के पानी से होने वाले संक्रामक रोगों से जुड़े मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. साथ ही डायरिया, डिसेंट्री, कालरा, वायरल हेपेटाइटिस और टाइफाइड बीमारी के फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है. संक्रामक रोगों से संक्रमित मरीज से दूसरे स्वास्थ्य मरीज में बीमारी के फैलने का खतरा बना रहा है. जिसको देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि नगर निगम, नगर पालिका, पंचायती राज विभाग, ग्राम विकास समिति से समन्वय बनाकर लगातार स्वच्छता एवं साफ सफाई के साथ ही जन जागरूकता अभियान चलाया जाए.
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि क्षेत्र में जल जनित रोग से जुड़े मामले सामने आने पर जिला स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम की ओर से त्वरित उपचार, नियंत्रण और रोकथाम के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए. सभी राजकीय और निजी चिकित्सा इकाइयों की ओर से जल जनित रोगों के रोगियों की सूचना अनिवार्य रूप से आईडीएसपी- आईएचआईपी पोर्टल पर रोजाना अपडेट करें. साथ ही जिला स्तर पर गठित रैपिड रिस्पांस टीम को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने सभी चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस, आईवी फ्लूड, एंटीबायोटिक्स समेत अन्य जरूरी दवाओं को रखने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि रोगों से बचने के लिए पानी उबालकर पिए, शौचालयों का प्रयोग करें और शौचालयों को साफ रखें. नहाने के लिए केवल साफ पानी का ही इस्तेमाल करें.