देहरादूनः उत्तराखंड में पिछले कई सालों से चर्चाओं में बना हुआ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रकरण एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और तत्कालीन डीएफओ किशन चंद को जमकर फटकार लगाई और आरक्षित वन क्षेत्र के लिए जरूरी दिशा निर्देश भी दिए. खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के इन निर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार भी हरकत में दिखाई दी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी सरकार के पास नहीं पहुंची है. लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने आदेशों के अनुक्रम में अग्रिम कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है.
सुप्रीम कोर्ट की खबर के बाद से ही उत्तराखंड में राज्य सरकार से लेकर वन महकमे तक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध पेड़ कटान का मामला सभी की जुबां पर रहा. खासतौर पर जिन अधिकारियों के नाम इस मामले में जोड़े जा रहे थे और उनका किसी जांच में नाम आया था. ऐसे अधिकारियों में भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लेकर खासा इंतजार था.
उधर दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश आने के बाद सरकार हरकत में आ गई और निर्देशों के क्रम में जल्द से जल्द आदेशों का पालन कराए जाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई. इस मामले में उत्तराखंड वन विभाग के मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का परीक्षण करवाया जाएगा और उसके बाद जो भी निर्देश मिले हैं, उसके अनुपालन को सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सीबीआई के साथी राज्य सरकार को भी जल्द से जल्द जांच को लेकर फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के लिए कह दिया गया है. जिस पर राज्य सरकार जल्द ही आदेशों का अनुपालन करेगी.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद जहां एक तरफ हरक सिंह रावत और किशन चंद की मुश्किलें बढ़ गई है तो वहीं इस मामले में बाकी अधिकारियों ने राहत की सांस ली है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि कुछ जांच में बाकी अधिकारियों के नाम भी सामने आए थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान सीधे तौर पर इन अधिकारियों के नाम ना आने से ऐसे अधिकारियों ने राहत की सांस ली है.