देहरादून: राजधानी में विदेश मंत्रालय (भारत सरकार) और उत्तराखंड सरकार के संयुक्त तत्वाधान में विदेश संपर्क स्टेट आउटरीच कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें मुख्य सचिव राधा रतूड़ी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई. कार्यक्रम में प्रवासियों से संबंधित मुद्दों और समस्याओं के समाधान के लिए आपसी सहयोग को मजबूत करने पर मंथन हुआ. इसी बीच राधा रतूड़ी ने बताया कि विदेशों में पढ़ाई कर रहे उत्तराखंड के मूल निवासियों के सामने आने वाली परेशानियों का समाधान करने के लिए सरकार प्रवासी बोर्ड का गठन करने जा रही है.
उत्तराखंड के प्रवासियों की समस्याओं का होगा समाधान: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर विदेशों में रह रहे उत्तराखंड के मूल निवासियों की शिकायतों के समाधान और उनके हितों की रक्षा के लिए एक प्रवासी बोर्ड गठित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के संदर्भ में विदेशों में शिक्षा के लिए जाने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रक्रियाओं, प्लेसमेंट एजेंसियों के सेंसटाइजेशन, सुरक्षित व कानूनी माइग्रेशन, वैवाहिक विवाद, मृतकों के पार्थिव अवशेषों की वापसी की प्रक्रियाओं की जानकारी, प्रवासियों के संबंध में डेटा शेयरिंग का विशेष महत्व है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस पहल से राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और हितधारकों को केन्द्र सरकार द्वारा प्रवासियों के हित में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी मिलेगी. इस प्रयास से विभिन्न देशों में रहने वाले उत्तराखंड के प्रवासियों की विभिन्न समस्याओं के समाधान में भी सहायता मिलेगी.
प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को गहरा करना कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य : कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय से सचिव (सीपीवी एंड ओआईए) अरुण कुमार चटर्जी ने कहा कि विदेश संपर्क प्रोग्राम विदेश मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को गहरा करना और उनसे संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए राज्य सरकारों के साथ साझेदारी करना है. साल 2017 से अब तक पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक की राज्य सरकारों के साथ आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं.
विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा: विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (डीई अंकन बनर्जी ने प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ जुड़ाव, विदेश में भारतीय महिलाओं से संंबंधित मुद्दे, भारतीय छात्रों से संंबंधित मुद्दे, एनआरआई/पीआईओ के अधिकार व कानूनी मुद्दे, राज्यों में एनआरआई संस्थान, प्रवासी भारतीयों के लिए विदेश मंत्रालय की योजनाओं और डेटा का संग्रह जैसे विषयों पर चर्चा की. वहीं, विदेश मंत्रालय के सयुंक्त सचिव (सीपीवी) बिनॉय जॉर्ज ने विदेश में मरने वाले भारतीय नागरिकों के पार्थिव अवशेषों के परिवहन, काउंसलर शिकायत निवारण पोर्टल, उत्तराखंड में राज्य स्तर पर काउंसलर एक्सेस की प्रक्रिया, राष्ट्रीयता सत्यापन, विदेशियों तक काउंसलर एक्सेस और सजायाफता व्यक्तियों का स्थानांतरण जैसे विषयों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के अनु सचिव (ईडी) रशेल गर्ग ने व्यापार व निवेश के अवसरों व चुनौतियों के संबंध में चर्चा की.
ये भी पढ़ें-