देहरादून: उत्तराखंड में खनन को लेकर तमाम आरोपों के बीच राज्य को बड़ा फायदा हुआ है. दरअसल मौजूदा वित्तीय वर्ष में खनन के जरिए राज्य के खजाने में भारी बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल की तुलना में 10, 20 या 50 नहीं बल्कि 78 फीसदी राजस्व की बढ़ोतरी करने में खनन विभाग कामयाब हुआ है. यह स्थिति तब है जब राज्य में आपत्तियों के चलते कई मामले कोर्ट में हैं और सभी खनन की साइट्स शुरू नहीं की जा सकी है.
राजस्व में हुई बढ़ोतरी: उत्तराखंड के खजाने में भारी बढ़ोतरी को लेकर खनन विभाग से अच्छी खबर सामने आई है. दरअसल, मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024- 25 में खनन विभाग से राजस्व प्राप्ति काफी ज्यादा बढ़ा है. आंकड़ों के रूप में देखे तो इस वित्तीय वर्ष में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना के लिहाज से कुल 78 फीसदी राजस्व बढ़ोतरी हुई है. खनन विभाग में राजस्व के लिहाज से इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है. जबकि अधिकारी राजस्व प्राप्ति में इस बढ़ोतरी के लिए कुशल प्रबंधन को वजह बता रहे हैं.
आंकड़े कर रहे तस्दीक: साल 2022-23 में निदेशालय ने 472.25 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति की थी. जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 645.42 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया गया था. इस तरह देखा जाए तो पिछले साल की तुलना में 173.17 करोड़ रुपए ज्यादा राजस्व अर्जित किया गया. उधर दूसरी तरफ वित्तीय वर्ष 2024- 25 में अप्रैल से सितंबर महीने के दौरान 6 महीने में ही 456.63 करोड़ राजस्व की प्राप्ति की गई है. जोकि वित्तीय वर्ष 2023 24 के पहले 6 महीनो में 200.5 करोड़ के राजस्व की तुलना में 78 फीसदी ज़्यादा है.
पारदर्शी और टीमवर्क से राजस्व में इजाफा: मामले में खनन विभाग में निदेशक राजपाल लेघा बताते हैं कि विभाग की तरफ से तय नियमों का शक्ति के साथ पालन करवाया जा रहा है और यही कारण है कि पारदर्शी और टीमवर्क के साथ किए गए कामों के चलते खनन विभाग अपना राजस्व बढ़ाने में कामयाब रहा है. खनन विभाग के निदेशक राजपाल लेघा कहते हैं कि राज्य सरकार द्वारा 45 में चौक गेट्स की स्थापना की गई है. साथ ही स्टोन क्रशर और स्क्रीनिंग संयंत्र में उप खनिज की आपूर्ति में भी सुधार किया गया है. इस तरह कई सुधार होने के बाद खनन विभाग अपने राजस्व के लक्ष्यों की तरफ बढ़ रहा है.