नैनीताल: वरिष्ठ अधिवक्ता और दो बार उत्तराखंड हाईकोर्ट में महाधिवक्ता रहे एलपी नैथानी का 28 जुलाई को दुबई में निधन हो गया. वे करीब 93 वर्ष के थे. उनका अंतिम संस्कार उत्तराखंड में ही होगा. उनका पार्थिव शरीर को भारत लाने की तैयारी की जा रही है. जानकारी के मुताबिक हरिद्वार में उनका दाह संस्कार किया जाएगा. सीएम धामी ने भी उनके निधन पर दुख जताया है.
मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने उत्तराखण्ड के प्रथम महाधिवक्ता श्री एल.पी. नैथानी के निधन पर दुःख व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) July 29, 2024
एलपी नैथानी की पढ़ाई इलाहाबाद से हुई.1953 में उन्होंने एलएलबी की डिग्री हासिल की. 1959 में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हुए. वे संविधान के ज्ञाता थे और कई विभागों और संस्थानों के अधिवक्ता रहे. उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान हुए मुजफ्फरनगर कांड के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने और इस प्रकरण की इलाहाबाद हाईकोर्ट से सीबीआई जांच के आदेश कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.
इसके अलावा अधिवक्ता नैथानी पर्यावरण कानून, मानव अधिकार कानून और सामाजिक मुद्दों के विद्वान थे. उन्हें उत्तराखंड सरकार की अधिसूचना 29 नवंबर 2000 के माध्यम से उत्तराखंड राज्य के पहले महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने 5 अप्रैल 2002 तक इस पद के कर्तव्यों का पालन किया. 12 मार्च 2007 की अधिसूचना के माध्यम से उन्हें फिर से राज्य के महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया और 15 जनवरी 2010 तक इस पद पर रहे.
एलपी नैथानी 50 वर्षों से अधिक समय तक कानूनी बिरादरी के संरक्षक रहे. वह हजारों लोगों के खासकर विधि व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत रहे हैं. उनके परिवार में उनकी पत्नी का कुछ सालों पहले ही निधन हुआ है. जबकि उनकी तीन बेटियां हैं. तीनों डॉक्टर हैं. दो बेटी दुबई और एक अमेरिका में रहती हैं.
एलपी नैथानी मूल रूप से पौड़ी के नैथाणा (नैथानी) गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी लाइब्रेरी की समस्त कानूनी और अन्य पुस्तकें हाईकोर्ट बार को दान कर दी थी. उनके निधन पर हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने शोक व्यक्त किया है.
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