देहरादून: अग्निशमन वाहन में आग लगने की घटना अभी ज्यादा पुरानी नहीं हुई है.खास बात ये है कि ये घटना उस अग्निशमन वाहन में हुई जो प्रोटोकाल के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सचिवालय में मौजूदगी के चलते यहां लाई गई थी. इस घटना ने दमकल विभाग में बेहद पुराने हो चुके वाहनों की बदहाली को जाहिर कर दिया. हालांकि घटना के बाद दमकल विभाग में नए वाहनों की खरीद में तेजी लाते हुए इसकी शुरुआत की गई. लेकिन इसके बावजूद विभाग में अग्निशमन वाहनों की भारी कमी परेशानी बनी हुई है.
दमकल विभाग में वाहनों की भारी कमी: गौर हो कि दमकल विभाग में अगस्त महीने की शुरुआत तक कुल करीब 150 वाहनों की कमी थी.जबकि अपनी समय सीमा पूरी कर चुके वाहनों की विभाग में संख्या करीब 40 है. इस तरह कुल मिलाकर विभाग को 190 अग्निशमन वाहनों की जरूरत है. राज्य में अग्निशमन वाहनों के बेहद पुराना होने के कारण स्क्रैप पॉलिसी में कई वाहन विभाग से बाहर हो रहे हैं, जबकि पहले से ही दमकल विभाग में वाहनों की भारी कमी है.
नए वाहनों को खरीदने की मांग: इस तरह दमकल विभाग को सरकार से बजट की दरकार है.हालांकि तमाम योजना के तहत दमकल विभाग अपने नए वाहनों की खरीद के लिए बजट की व्यवस्था कर रहा है. विभाग में वाहनों की कमी के रिकॉर्ड को देखें तो यहां पर वाटर टेंडर की 45, फोम टेंडर की 32, पोर्टेबल पंप केयरिंग व्हीकल की 32 और रेस्क्यू टेंडर की 48 वाहनों की कमी है.दमकल विभाग नए वाहन खरीदने के लिए शासन स्तर पर भी गुहार लगा चुका है.
शासन से बजट को मिली स्वीकृति: विभाग को 15वें वित्त आयोग से गाड़ियों को खरीदने के लिए बड़ा बजट मिलने की उम्मीद है. इसी तरह राज्य मद से भी कई वाहन खरीदने का विभाग प्रस्ताव दे चुका है. अच्छी बात यह है कि अब तक दमकल विभाग को राज्य मद से 15 करोड़ की स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि 15वें वित्त आयोग से भी बड़े बजट की स्वीकृति मिली है. जबकि इसके अलावा स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन फंड से भी बजट की डिमांड की जा चुकी है.
दमकल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर एसके राणा ने बताया कि अग्निशमन वाहनों की खरीद के प्रयास किया जा रहे हैं, जल्द ही इसमें वाहनों की खरीद की जाएगी. विभिन्न मदों में कुछ बजट विभाग के लिए स्वीकृत कर दिया गया है, जबकि बाकी बजट के लिए भी प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.
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