देहरादून: उत्तराखंड में राजकीय विद्यालयों को शिक्षकों की जरूरत है. कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी भी महसूस की जा रही है, शायद यही कारण है कि विभाग में अतिथि शिक्षकों की तैनाती के लिए कैबिनेट स्तर पर मंजूरी दी गई थी. हैरत की बात यह है कि शिक्षकों की जरूरत होने के बावजूद भी 100 फीसदी अतिथि शिक्षक भर्ती नहीं किए गए हैं.
उत्तराखंड कैबिनेट ने राजकीय विद्यालयों में विभिन्न विषयों के 5200 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने की मंजूरी दी थी. इसके बदले शिक्षा विभाग ने केवल 4200 अतिथि शिक्षकों की ही नियुक्ति की है. इस तरह 1000 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने की स्थिति में होने के बावजूद भी शिक्षा विभाग में ऐसा नहीं किया. इसी को देखते हुए अब शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को इस पर काम करने के निर्देश दिए हैं.
शिक्षा मंत्री ने राज्य भर के स्कूलों में 1000 अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए कहा है. इसमें गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की भर्ती की जाएगी. इसके लिए जिलों में मुख्य शिक्षा अधिकारियों से इन विषयों के खाली पदों की सूचना एक सप्ताह के भीतर निदेशालय को देने के निर्देश दे दिए गए हैं. इसके बाद अब विभिन्न विद्यालयों में इन तीनों ही महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सकेगा.
इसके अलावा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने विभिन्न विद्यालयों में निर्माण कार्य की धीमी गति पर भी नाराजगी जताते हुए सभी जिलों से डीपीआर मंगा कर जल्द शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं. इसके अलावा यदि कोई कार्यवाही संस्था कामकाज में लापरवाही बरती है तो फौरन उसके स्थान पर नई कार्यवाही संस्था का प्रस्ताव भी शासन को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. इसके अतिरिक्त निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग के लिए निदेशालय और शासन स्तर के अधिकारियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपने और स्वीकृत बजट को समय पर खर्च करने के लिए भी कहा गया है.