देहरादून: बीते एक सप्ताह में बाल आयोग ने देहरादून के कई अवैध रूप से चल रहे हैं सदरसों पर अपना शिकंजा कसा है. हाल ही में देहरादून आईएसबीटी के पास मौजूद आजाद कॉलोनी में संचालित एक तथाकथित मदरसा जामिया तूसलाम अल इस्लामिया से शिकायत मिली थी. जिसके बाद बाल आयोग की टीम यहां जांच के लिए पहुंची थी. यहां 30 बच्चों की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली थी. जिसके बाद बाल आयोग ने मौके पर जाकर औचक निरीक्षण किया. जिसमें पाया गया कि 20 गज की जमीन पर तकरीबन चार मंजिला इमारत का मदरसा संचालित किया जा रहा है. यहां 55 बच्चे रह रहे थे. मदरसे में कुल डेढ़ सौ बच्चे पढ़ते हैं. इसी दौरान बाल आयोग ने अपनी पड़ताल में पाया कि यहां निर्माण कई महीनो में मानकों के अनुरूप नहीं हैं.
बाल आयोग ने इस मदरसे के खिलाफ कार्रवाई की है. जिस पर बीते रोज आयोग में इस मदरसे की तरफ से प्रबंधक तो नहीं आए लेकिन उनकी तरफ से कुछ लोग ही पहुंचे. वह अपना प्राधिकार साबित नहीं कर पाए. इसलिए उन्हें नहीं सुना गया. वहीं इसी मामले पर अब प्रदेश में संचालित किये जा रहे हैं अन्य प्राइवेट मदरसों पर भी बाल आयोग ने अपनी नजरें टेढ़ी कर ली हैं. उत्तराखंड की बाल बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष गीता खन्ना ने इस मामले पर राष्ट्रीय बाल आयोग से भी बातचीत की. जिस पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने चिंता जाहिर की है.
उत्तराखंड बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बताया मदरसों की जांच करना उनका उद्देश्य बिल्कुल भी नहीं है. यह उनका अधिकार क्षेत्र भी नहीं है, लेकिन जहां भी बच्चे और उनसे जुड़े अधिकारों की बात होगी यह उनका कर्तव्य है कि वह संज्ञान लें. उन्होंने कहा मदरसों में अगर बच्चे रह रहे हैं तो वह इस बात को जरूर सुनिश्चित करेंगे कि वहां पर बच्चे सुरक्षित रहें.
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