देहरादून: उत्तराखंड में पहली बार वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस का आयोजन होने जा रहा है. तय कार्यक्रम के अनुसार, राज्य में 10वीं वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एंड अरोग्य एक्सपो का आयोजन 12 से 15 दिसंबर तक किया जाएगा. जिसकी तैयारियों में आयुष विभाग जुटा हुआ है. आयुर्वेद सम्मेलन में महज एक महीने से कम का वक्त ही बचा है, लेकिन अभी तक विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के लिए स्थान का चयन नहीं हो पाया है. जिसके चलते तमाम विभागों की ओर से की जाने वाली तमाम व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं. हालांकि, सम्मेलन में तमाम विभागों की ओर से स्टॉल भी लगाए जाएंगे.
वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के आने की संभावना है. इसके लिए आयुष विभाग की ओर से सम्मेलन का शुभारंभ करने के लिए प्रधानमंत्री समेत अन्य नेताओं से समय मांगा गया है. संभावना जताई जा रही है कि अगर सम्मेलन में बड़े नेता शामिल होते हैं तो फिर एफआरआई में सम्मेलन का आयोजन किया जा सकता है. नहीं तो पवेलियन या फिर परेड ग्राउंड में आयोजित किया जा सकता है. हालांकि, एफआरआई की ओर से भी सम्मेलन का आयोजन करने के लिए अभी कोई अनुमति आयुष विभाग को नहीं मिली है.
वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस, वर्ल्ड आयुर्वेद फाउंडेशन का एक मंच है. जिसका उद्देश्य आयुर्वेद का वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार करना है. साल 2002 में कोच्चि में एक आउटरीच कार्यक्रम के रूप में पहला वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस का अयोजित किया गया था. इसके बाद हर दो साल में पुणे, जयपुर, बैंगलोर, भोपाल, दिल्ली, कोलकाता और अहमदाबाद में सम्मेलन आयोजित किया गया. आगामी 10वीं वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एंड अरोग्य एक्सपो में देशभर से आयुष व आयुर्वेद क्षेत्र जुड़े प्रतिनिधियों, संस्थाओं, संगठनों, एनजीओं के साथ ही यूरोप, अफ्रीका, एशिया, लेटिन अमेरिका, नार्थ ईस्ट एशिया के विभिन्न देश प्रतिभाग करेंगे.
वहीं, ज्यादा जानकारी देते हुए आयुष विभाग ने अपर सचिव डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि आयुष मंत्रालय भारत सरकार और राज्य सरकार की ओर से विश्व आयुर्वेद सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें करीब 6000 डेलिगेट्स प्रतिभाग करेंगे. साथ ही 4 हजार पेपर प्रेजेंटेशन और तमाम टॉपिक पर चर्चा की जाएगा. सम्मेलन में 52 देशों से डेलिगेट्स शामिल होंगे. इसके साथ ही देश में आयुष से जुड़े लोग और आयुर्वेद शैक्षिक संस्थान के लोग भी शामिल होंगे. साथ ही बताया कि तमाम विभागों की ओर से सम्मेलन में स्टॉल भी लगाए जाएंगे. जिसमें पर्यटन विभाग, उद्योग विभाग और कृषि विभाग समेत अन्य विभाग शामिल हैं.
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