कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्री गीता महोत्सव 2024 का आयोजन हो रहा है. महोत्सव में अलग-अलग राज्यों के शिल्पकार हाथों से बनी चीजों की प्रदर्शनी के लिए स्टॉल लगाए हैं. मेले में शिल्पकारों की कलाकारी देख हर कोई हैरान है. वहीं, लोग इन स्टॉलों से जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं. इस बीच उत्तराखंड के उत्तरकाशी की रहने वाली अनीता ने भी यहां अपना स्टॉल लगाया है. इनके स्टॉल में बिक रहे कपड़े लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.
आकर्षण का केन्द्र बना स्टॉल: खास बात यह है कि इस स्टॉल में सर्दियों में पहनने वाले जो कपड़े मिल रहे हैं, वो कपड़े दिव्यांग बच्चों और महिलाओं ने बनाया है. इन कपड़ों को देख शायद ही कोई हो जो उसे खरीदने का न सोचे. उत्तराखंड की अनीता से ईटीवी भारत ने बातचीत की. अनीता ने बताया कि वो गीता महोत्सव के मौके पर पहली बार आई है. इससे पहले कई मेलों में वो जा चुकी है. कुरुक्षेत्र के लोगों से भी उनको काफी प्यार उन्हें मिल रहा है. लोग काफी खरीददारी कर रहे हैं. लोगों को उनके स्टॉल का कपड़ा बेहद पसंद आ रहा है. खास बात तो यह है कि इन कपड़ों को देख कोई ये नहीं बता सकता कि इसे दिव्यांगों ने तैयार किया है.
सालों से दिव्यांगों को बना रही आत्मनिर्भर: दरअसल, उत्तराखंड की अनीता सालों से विकलांग बच्चों को सर्दी के कपड़े तैयार करने का प्रशिक्षण दे रही हैं. इनका लक्ष्य दिव्यांग महिला और बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना है. अनीता को उसके इस नेक काम के कारण कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है. अनीता की मानें तो वो सालों से विकलांगों को ये कला सीखा रही हैं. उनका लक्ष्य विकलांगों को आत्मनिर्भर बनाना है.
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 के मौके पर कुरुक्षेत्र में कई राज्यों से आए शिल्पकारों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए हैं. इन स्टॉलों में देश के विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकार अपनी कला की प्रदर्शनी कर रहे हैं. गीता जयंती में इन लोगों को न केवल अपनी प्रतिभा को दिखाने का मंच मिला है. बल्कि व्यापार को भी बढ़ावा मिल रहा है.
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