प्रयागराज : रकम दोगुना करने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में ईडी ने जांच शुरू कर दी है. चार सौ करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में ईडी यह भी पता लगा रही है कि इस केस में कितने लोगों ने वैध के अलावा अवैध धन को बिना अपने नाम के निवेश किया था. ईडी ने जांच की शुरुआत इस मामले में पहला केस दर्ज करवाने वाले वादी कौशल सिंह से पूछताछ की है.
बता दें 2020 में निहारिका वेंचर्स नाम की इस कंपनी की शुरुआत अभिषेक द्विवेदी ने की थी. अभिषेक द्विवेदी ने इस कंपनी में प्रॉपर्टी और शेयर बाजार में निवेश करने के नाम पर सैकड़ों लोगों से निवेश करवाया था. उसने लोगों को जल्द ही पैसे को दोगुना करने और अधिक ब्याज देने का सपना दिखाकर कई सौ करोड़ का अपनी कंपनी में निवेश करा लिया. इसके बाद बीते जून में डायरेक्टर अभिषेक द्विवेदी और उसकी पत्नी निहारिका समेत अन्य सभी कर्मी कंपनी के दफ्तर में ताला लगा कर फरार हो गए.
इसके बाद कौशल सिंह समेत तमाम लोगों ने कंपनी और उसके मालिकों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस केस दर्ज करने के बाद आरोपी अभिषेक द्विवेदी उसके पिता ओपी द्विवेदी समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
वादी से ईडी ने की पूछताछ : मामले की जानकारी लेने के लिए ईडी वादी मुकदमा कौशल सिंह को नोटिस भेजकर बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया था. जिसके बाद ईडी के कार्यालय में कौशल सिंह से कई घंटे तक निहारिका वेंचर्स कंपनी और उसके एमडी अभिषेक द्विवेदी के साथ ही अन्य बारे में भी कई जानकारियां हासिल कीं. साथ ही ईडी ने कंपनी में निवेश करने वालों के बारे में भी जानकारी ली.
सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज करवाने वाले निवेशक कौशल के अनुसार सिविल लाइंस में निहारिका वेंचर्स नाम की कंपनी का कार्यालय था. कंपनी ने रियल इस्टेट और शेयर बाजार में निवेश करने हर महीने 6 फीसदी तक मुनाफा देने का वादा किया था. इसमें मैंने 35 लाख रुपये इन्वेस्ट किए थे. साथ ही अन्य सैकड़ों लोगों ने इस कंपनी में करोड़ों रुपये का निवेश किया. कंपनी में निवेश करने वालों में प्रयागराज के अलावा कौशाम्बी, प्रतापगढ़, वाराणसी, लखनऊ समेत अलग अलग जिलों के सैकड़ों निवेशक शामिल हैं.