मेरठ : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यूं तो हर खेल के प्रति युवाओं में दिलचस्पी देखने को मिलती है, लेकिन यहां आधुनिक सुविधाओं वाला शूटिंग रेंज अभी तक नहीं था. कई वर्षों से यहां के खिलाड़ी इसके इंतजार में थे. अब उनका यह सपना पूरा होने जा रहा है. कैलाश प्रकाश स्टेडियम में शूटिंग रेंज बनकर लगभग तैयार होने वाला है. इसका लाभ यहां के सैकड़ों खिलाड़ियों को मिलेगा. इस बारे में ईटीवी भारत ने क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह से खास बातचीत की.
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह ने बताया कि मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में बन रहे शूटिंग रेंज का कार्य वर्तमान में समाप्त होने वाला है. शूटिंग रेंज में जो टारगेट लगने हैं उसके लिए शासन को पत्राचार करके बताया गया है. जल्द ही उम्मीद है कि शासन से टारगेट के लिए अनुमति प्राप्त हो जाएगी, उसके बाद यहां टारगेट की भी उपलब्धता हो जाएगी. टारगेट लग जाएंगे. जिसके बाद इसमें बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त करना शुरू कर देंगे. बजट की बात करें तो कुल 8 करोड़ 56 लाख रुपये का बजट शूटिंग रेंज के लिए तय था, जिसमें टारगेट भी सम्मिलित है.
योगेंद्र पाल कहते हैं कि टारगेट की अनुमति शासन से ली गई है. इस शूटिंग रेंज के लिए जो तय समय सीमा निर्धारित थी वह समय भी निकल गया, लेकिन उन बच्चों की विवशता को कोई नहीं समझना चाहता जोकि अपने हुनर को निखारने के लिए आतुर हैं. कई युवाओं से बातचीत की. उन्होंने कहा कि उन्हें बेसब्री से शूटिंग रेंज के खुलने का इंतजार है.
एक दिन में 200 बच्चे लेंगे प्रशिक्षण : मेरठ के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह बताते हैं कि कुल 51 टारगेट इसमें लगाए जाने हैं, जिसके बाद एक समय में 51 बच्चे एक साथ प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. कुल मिलाकर 200 बच्चे एक दिन में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. वह बताते हैं कि शूटिंग में मेरठ के खिलाड़ियों ने अच्छा किया है और आगे उम्मीद है कि और भी बेहतर यहां के बच्चे करेंगे. देश का मान भी अलग-अलग प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर बढ़ाएंगे.
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी बताते हैं कि शासन स्तर पर पत्राचार भी जारी है, वार्ता भी जारी है. जल्द ही बच्चों को यहां अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस शूटिंग रेंज मिल जाएगी. फिलहाल ऐसे युवा जो शूटिंग के क्षेत्र में करियर तलाश रहे हैं उनका कहना है कि सरकार से भी यही गुजारिश है कि देरी की जो भी वजह है उस पर गौर करें और उन्हें अवसर मिले ताकि कहीं बाहर प्रशिक्षण लेने के लिए नहीं जाना पड़े.
21 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट में शामिल हुई थी रेंज : गौरतलब है कि कोरोना काल से पहले से ही यहां शूटिंग रेंज स्थापित किये जाने को लेकर शासन स्तर से कवायदें होती आ रही हैं. युवा शूटरों का कहना है कि यहां अत्याधुनिक शूटिंग रेंज बनने के बाद अन्य खिलाड़ियों का पलायन रुक जाएगा. खिलाड़ियों को सीखने के लिए अन्य प्रदेशों का रुख नहीं करना पड़ेगा. बता दें कि मेरठ से निकल रही शूटिंग प्रतिभाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने 21 फरवरी 2019 को मेरठ में बनने वाली रेंज को अपने प्रोजेक्ट में शामिल किया था.
उससे पूर्व तीन दिसंबर 2019 को शासन को प्रस्ताव बनाकर लखनऊ भेजा गया था. मेरठ जिले की अगर बात करें तो अर्जुन व लक्ष्मण अवार्डी युवा शूटर सौरभ ओलंपिक कोटा ले चुके हैं, जबकि शहजर रिजवी वर्ल्ड में पहली रैंकिंग हासिल कर चुके हैं. रवि कुमार कॉमनवेल्थ में देश को दो बार शूटिंग में देश को पदक दिला चुके हैं. इस तरह से अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर जो इंतजार युवा खिलाड़ी कर रहे हैं वह कब तक खत्म होता है.
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