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गिरिडीह में जच्चा-बच्चा की मौत पर हंगामा, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप - Mother AND CHILD DEATH IN HOSPITAL

Death of Pregnant Woman. गिरिडीह के एक अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत को लेकर हंगामा हो गया. दोनों की मौत को लेकर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया. घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन मामले की जांच में जुट गई है.

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नर्सिंग होम के बाहर बैठे परिजन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 27, 2024, 6:56 PM IST

गिरिडीह: पचम्बा थाना इलाके के लखारी स्थित नर्सिंग होम में एक प्रसूता और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. घटना की सूचना पर पचम्बा थाना इंस्पेक्टर मंटू कुमार, सहायक अवर निरीक्षक जितेंद्र सिंह के अलावा नवीन चौरसिया, महेशलुंडी मुखिया शिवनाथ साव अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन मृतक के परिजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते रहे.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

क्या हैं पूरा मामला

दरअसल, जमुआ थाना क्षेत्र के बिरनी प्रखंड के द्वारपहरी के रहने वाले मो. सुल्तान अंसारी की पत्नी जैबा तबस्सुम (22 वर्ष) को प्रसव पीड़ा हुआ. इस पीड़ा में उसे पहले सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद सोमवार को जैबा तबस्सुम को क्रेसेंट में भर्ती करवाया गया. मृतक के परिजनों के मुताबिक सोमवार की सुबह करीब 11 बजे भर्ती कराने के बाद चिकित्सक ने ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के दरमियान बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण बच्चे और महिला की मौत हो गई.

गलत आरोप लगा रहे हैं परिजन: डॉक्टर

इधर, चिकित्सक डॉ बरनाबस हेमब्रोम ने कहा कि लापरवाही का आरोप गलत है. उनका कहना है कि मेरे अस्पताल में आने से पहले महिला को सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वहां तबीयत जब ज्यादा बिगड़ गई तो महिला को उसकी बहन ने ही मेरे नर्सिंग होम में भर्ती करवाया. यहां भर्ती होने से पहले ही महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो चुकी थी. भर्ती होने के बाद इसकी जानकारी भी परिजनों को दे दी गई थी. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि महिला को बाहर ले जाए. लेकिन मृतका की बहन ने कहा कि बच्चा पेट में मर चुका हैं, दुर्गन्ध आ रही हैं. ऐसे में अपना कर्तव्य समझते हुए डॉक्टर ने सर्जरी की, लेकिन दुर्भाग्य हैं कि महिला की मौत हो गई.

पांच लाख पर हुआ समझौता

इधर, घटना के बाद हो रहे हंगामा को देखते हुए दोनों पक्ष के बीच समझौता हुई. नवीन चौरसिया, मुखिया शिवनाथ साव समेत कई लोगों की मौजूदगी में पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय लिया गया.

एक अन्य क्लिनिक में भी हंगामा

दूसरी तरफ सिरसिया स्थित एक क्लिनिक में भी हंगामा हो गया. यहां सर्जरी के दो तीन दिन बाद एक महिला की मौत हो गई. दरअसल, अधिवक्ता गौरव भदानी की पत्नी को इस क्लिनिक में भर्ती कराया गया था. यहां सर्जरी से एक बच्ची हुई और बाद में महिला की मौत हो गई. इस घटना के बाद सोमवार की रात को परिजन मृतका का शव लेकर यहां पहुंचे और हंगामा किया. सूचना पर मुफ्फसिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो, नगर थाना प्रभारी शैलेश कुमार पहुंचे. इस दौरान परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया. वहीं, जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव चुन्नुकान्त और उपाध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा ने दोषी चिकित्सक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. क्लिनिक में हंगामे की खबर सुनकर कई डॉक्टर भी पहुंचे. डॉक्टरों का कहना था कि कोई भी डॉक्टर अपने मरीज की जान क्यों लेगा. हादसे के कई कारण हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें: देवघर का अजब-गजब अस्पताल, यहां एक्सपायरी दवाएं ऐसे किए जाते हैं डिस्पोज!

ये भी पढ़ें: पाकुड़ सदर अस्पताल में महिला की मौत पर परिजनों ने काटा बवाल, डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

गिरिडीह: पचम्बा थाना इलाके के लखारी स्थित नर्सिंग होम में एक प्रसूता और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. घटना की सूचना पर पचम्बा थाना इंस्पेक्टर मंटू कुमार, सहायक अवर निरीक्षक जितेंद्र सिंह के अलावा नवीन चौरसिया, महेशलुंडी मुखिया शिवनाथ साव अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन मृतक के परिजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते रहे.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

क्या हैं पूरा मामला

दरअसल, जमुआ थाना क्षेत्र के बिरनी प्रखंड के द्वारपहरी के रहने वाले मो. सुल्तान अंसारी की पत्नी जैबा तबस्सुम (22 वर्ष) को प्रसव पीड़ा हुआ. इस पीड़ा में उसे पहले सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद सोमवार को जैबा तबस्सुम को क्रेसेंट में भर्ती करवाया गया. मृतक के परिजनों के मुताबिक सोमवार की सुबह करीब 11 बजे भर्ती कराने के बाद चिकित्सक ने ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के दरमियान बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण बच्चे और महिला की मौत हो गई.

गलत आरोप लगा रहे हैं परिजन: डॉक्टर

इधर, चिकित्सक डॉ बरनाबस हेमब्रोम ने कहा कि लापरवाही का आरोप गलत है. उनका कहना है कि मेरे अस्पताल में आने से पहले महिला को सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वहां तबीयत जब ज्यादा बिगड़ गई तो महिला को उसकी बहन ने ही मेरे नर्सिंग होम में भर्ती करवाया. यहां भर्ती होने से पहले ही महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो चुकी थी. भर्ती होने के बाद इसकी जानकारी भी परिजनों को दे दी गई थी. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि महिला को बाहर ले जाए. लेकिन मृतका की बहन ने कहा कि बच्चा पेट में मर चुका हैं, दुर्गन्ध आ रही हैं. ऐसे में अपना कर्तव्य समझते हुए डॉक्टर ने सर्जरी की, लेकिन दुर्भाग्य हैं कि महिला की मौत हो गई.

पांच लाख पर हुआ समझौता

इधर, घटना के बाद हो रहे हंगामा को देखते हुए दोनों पक्ष के बीच समझौता हुई. नवीन चौरसिया, मुखिया शिवनाथ साव समेत कई लोगों की मौजूदगी में पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय लिया गया.

एक अन्य क्लिनिक में भी हंगामा

दूसरी तरफ सिरसिया स्थित एक क्लिनिक में भी हंगामा हो गया. यहां सर्जरी के दो तीन दिन बाद एक महिला की मौत हो गई. दरअसल, अधिवक्ता गौरव भदानी की पत्नी को इस क्लिनिक में भर्ती कराया गया था. यहां सर्जरी से एक बच्ची हुई और बाद में महिला की मौत हो गई. इस घटना के बाद सोमवार की रात को परिजन मृतका का शव लेकर यहां पहुंचे और हंगामा किया. सूचना पर मुफ्फसिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो, नगर थाना प्रभारी शैलेश कुमार पहुंचे. इस दौरान परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया. वहीं, जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव चुन्नुकान्त और उपाध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा ने दोषी चिकित्सक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. क्लिनिक में हंगामे की खबर सुनकर कई डॉक्टर भी पहुंचे. डॉक्टरों का कहना था कि कोई भी डॉक्टर अपने मरीज की जान क्यों लेगा. हादसे के कई कारण हो सकते हैं.

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