जयपुर. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदिवासियों की डीएनए जांच करवाने के बयान पर गुरुवार को विधानसभा में हंगामा हुआ. इसके चलते स्पीकर को सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विपक्ष की मांग पर मदन दिलावर के बयान को लेकर विशेष चर्चा हुई. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री किसी एक समाज के लिए यह कहे कि उनका डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा. इससे बड़ी शर्म की बात हमारे लिए हो नहीं सकती है. उसके बाद भी जिस प्रकार से राजस्थान सरकार की ओर से राज्य की गरिमा पर चोट पहुंचाई गई है, उसके बावजूद मदन दिलावर सदन में जवाब दे रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री भी उनका इस्तीफा नहीं ले रहे हैं.
आपको क्या हक है कि किसी दूसरे समाज के डीएनए पर टिप्पणी करने का. हंगामे के बीच स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. आधे घंटे बाद कार्रवाई शुरू हुई तो विपक्ष शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ गया. जूली ने कहा कि शिक्षा मंत्री का इस्तीफा नहीं होने पर वे सदन का बहिर्गमन करते हैं.
सीएम की चुप्पी पर सवाल : टीकाराम जूली ने कहा कि दुख इस बात का है कि मदन दिलावर के बयान पर मुख्यमंत्री और भाजपा ने एक शब्द भी नहीं कहा. संस्कारों की बात कहने वाली पार्टी के नेता इस तरह का बयान देते हैं. इससे आदिवासी समाज ही नहीं पूरे राजस्थान का सिर शर्म से झुका है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि मदन दिलावर का इस्तीफा लें और मदन दिलावर से सदन में माफी की भी मांग की.
आदिवासी हिंदू थे, हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे : मदन दिलावर ने कहा कि आदिवासी वो समाज है, जिसने प्रकृति को बचाया और पर्यावरण का संरक्षण किया है. हमारी संस्कृति को बनाए रखा है. आदिवासी समाज के बारे में कोई नकारात्मक चर्चा करना उनका मकसद नहीं था. अनादिकाल से इस देश में आदिवासी समाज रहता आया है और उनका सब सम्मान करते हैं. मेरे से पूछा गया कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं. तब मैंने कहा कि आदिवासी हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे.
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नारेबाजी के बीच सदन की कार्रवाई स्थगित : दिलावर ने कहा कि आदिवासी समाज अनादिकाल से आदिवासी हैं. हम सब आदिवासी हैं. हम पृथ्वी पर रहते आए हैं. वे आदिवासियों का सम्मान करते हैं. जब दुबारा पूछा गया कि आदिवासी अपने आप को हिंदू नहीं मानते. तब मैंने कहा कि वंशावली दिखवा लेंगे. हालांकि डीएनए को लेकर जो बात निकली वो नहीं निकलनी चाहिए थी. इस बीच प्रतिपक्ष ने मैदान दिलावर से माफी मांगने को बात को लेकर नारेबाजी की. इसके बाद स्पीकर प्रो. वासुदेव देवनानी ने सदन आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया. कार्रवाई फिर शुरू हुई तो विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया.