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दिलावर के आदिवासियों पर दिए बयान पर सदन में हंगामा, मंत्री की सफाई के बाद भी माफी पर अड़ा विपक्ष - Uproar In Assembly

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 4:29 PM IST

Uproar in Rajasthan Assembly, राज्य के शिक्षा मंत्री के आदिवासियों की डीएनए जांच करवाने वाले बयान पर गुरुवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विशेष चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने शिक्षा मंत्री से सदन में माफी मांगने और मुख्यमंत्री से दिलावर का इस्तीफा लेने की मांग की. हालांकि, दिलावर ने इस पूरे मामले पर सदन में सफाई दी, बावजूद इसके विपक्ष माफी मांगने की बात पर अड़ा रहा.

Uproar in Rajasthan Assembly
दिलावर के आदिवासियों पर दिए बयान पर सदन में हंगामा (ETV BHARAT JAIPUR)

सदन में हंगामा (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदिवासियों की डीएनए जांच करवाने के बयान पर गुरुवार को विधानसभा में हंगामा हुआ. इसके चलते स्पीकर को सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विपक्ष की मांग पर मदन दिलावर के बयान को लेकर विशेष चर्चा हुई. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री किसी एक समाज के लिए यह कहे कि उनका डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा. इससे बड़ी शर्म की बात हमारे लिए हो नहीं सकती है. उसके बाद भी जिस प्रकार से राजस्थान सरकार की ओर से राज्य की गरिमा पर चोट पहुंचाई गई है, उसके बावजूद मदन दिलावर सदन में जवाब दे रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री भी उनका इस्तीफा नहीं ले रहे हैं.

आपको क्या हक है कि किसी दूसरे समाज के डीएनए पर टिप्पणी करने का. हंगामे के बीच स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. आधे घंटे बाद कार्रवाई शुरू हुई तो विपक्ष शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ गया. जूली ने कहा कि शिक्षा मंत्री का इस्तीफा नहीं होने पर वे सदन का बहिर्गमन करते हैं.

इसे भी पढ़ें - आदिवासियों के DNA टेस्ट वाले बयान पर विधानसभा में जमकर हंगामा, विपक्ष ने शिक्षा मंत्री के जवाब पर जताई आपत्ति - Rajasthan Assembly Session

सीएम की चुप्पी पर सवाल : टीकाराम जूली ने कहा कि दुख इस बात का है कि मदन दिलावर के बयान पर मुख्यमंत्री और भाजपा ने एक शब्द भी नहीं कहा. संस्कारों की बात कहने वाली पार्टी के नेता इस तरह का बयान देते हैं. इससे आदिवासी समाज ही नहीं पूरे राजस्थान का सिर शर्म से झुका है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि मदन दिलावर का इस्तीफा लें और मदन दिलावर से सदन में माफी की भी मांग की.

आदिवासी हिंदू थे, हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे : मदन दिलावर ने कहा कि आदिवासी वो समाज है, जिसने प्रकृति को बचाया और पर्यावरण का संरक्षण किया है. हमारी संस्कृति को बनाए रखा है. आदिवासी समाज के बारे में कोई नकारात्मक चर्चा करना उनका मकसद नहीं था. अनादिकाल से इस देश में आदिवासी समाज रहता आया है और उनका सब सम्मान करते हैं. मेरे से पूछा गया कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं. तब मैंने कहा कि आदिवासी हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे.

इसे भी पढ़ें - कोटा में कांग्रेसियों पर दर्ज मुकदमे का मामला गूंजा विधानसभा में, आधे घंटे के लिए विधानसभा स्थगित - Kota Protest Case

नारेबाजी के बीच सदन की कार्रवाई स्थगित : दिलावर ने कहा कि आदिवासी समाज अनादिकाल से आदिवासी हैं. हम सब आदिवासी हैं. हम पृथ्वी पर रहते आए हैं. वे आदिवासियों का सम्मान करते हैं. जब दुबारा पूछा गया कि आदिवासी अपने आप को हिंदू नहीं मानते. तब मैंने कहा कि वंशावली दिखवा लेंगे. हालांकि डीएनए को लेकर जो बात निकली वो नहीं निकलनी चाहिए थी. इस बीच प्रतिपक्ष ने मैदान दिलावर से माफी मांगने को बात को लेकर नारेबाजी की. इसके बाद स्पीकर प्रो. वासुदेव देवनानी ने सदन आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया. कार्रवाई फिर शुरू हुई तो विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया.

सदन में हंगामा (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदिवासियों की डीएनए जांच करवाने के बयान पर गुरुवार को विधानसभा में हंगामा हुआ. इसके चलते स्पीकर को सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विपक्ष की मांग पर मदन दिलावर के बयान को लेकर विशेष चर्चा हुई. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री किसी एक समाज के लिए यह कहे कि उनका डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा. इससे बड़ी शर्म की बात हमारे लिए हो नहीं सकती है. उसके बाद भी जिस प्रकार से राजस्थान सरकार की ओर से राज्य की गरिमा पर चोट पहुंचाई गई है, उसके बावजूद मदन दिलावर सदन में जवाब दे रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री भी उनका इस्तीफा नहीं ले रहे हैं.

आपको क्या हक है कि किसी दूसरे समाज के डीएनए पर टिप्पणी करने का. हंगामे के बीच स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. आधे घंटे बाद कार्रवाई शुरू हुई तो विपक्ष शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ गया. जूली ने कहा कि शिक्षा मंत्री का इस्तीफा नहीं होने पर वे सदन का बहिर्गमन करते हैं.

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सीएम की चुप्पी पर सवाल : टीकाराम जूली ने कहा कि दुख इस बात का है कि मदन दिलावर के बयान पर मुख्यमंत्री और भाजपा ने एक शब्द भी नहीं कहा. संस्कारों की बात कहने वाली पार्टी के नेता इस तरह का बयान देते हैं. इससे आदिवासी समाज ही नहीं पूरे राजस्थान का सिर शर्म से झुका है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि मदन दिलावर का इस्तीफा लें और मदन दिलावर से सदन में माफी की भी मांग की.

आदिवासी हिंदू थे, हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे : मदन दिलावर ने कहा कि आदिवासी वो समाज है, जिसने प्रकृति को बचाया और पर्यावरण का संरक्षण किया है. हमारी संस्कृति को बनाए रखा है. आदिवासी समाज के बारे में कोई नकारात्मक चर्चा करना उनका मकसद नहीं था. अनादिकाल से इस देश में आदिवासी समाज रहता आया है और उनका सब सम्मान करते हैं. मेरे से पूछा गया कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं. तब मैंने कहा कि आदिवासी हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे.

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नारेबाजी के बीच सदन की कार्रवाई स्थगित : दिलावर ने कहा कि आदिवासी समाज अनादिकाल से आदिवासी हैं. हम सब आदिवासी हैं. हम पृथ्वी पर रहते आए हैं. वे आदिवासियों का सम्मान करते हैं. जब दुबारा पूछा गया कि आदिवासी अपने आप को हिंदू नहीं मानते. तब मैंने कहा कि वंशावली दिखवा लेंगे. हालांकि डीएनए को लेकर जो बात निकली वो नहीं निकलनी चाहिए थी. इस बीच प्रतिपक्ष ने मैदान दिलावर से माफी मांगने को बात को लेकर नारेबाजी की. इसके बाद स्पीकर प्रो. वासुदेव देवनानी ने सदन आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया. कार्रवाई फिर शुरू हुई तो विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया.

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