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मेडिका अस्पताल में महिला मरीज की मौत पर हंगामाः परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप, हॉस्पिटल प्रबंधन ने दी सफाई - Medica Hospital

Uproar in Medica Hospital over death of female patient. रांची के मेडिका अस्पताल में महिला मरीज की मौत पर हंगामा हुआ. इसको लेकर परिजनों ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं इस मामले को लेकर हॉस्पिटल प्रबंधन ने सफाई दी है.

Uproar in Medica Hospital over death of female patient in Ranchi
रांची के मेडिका अस्पताल में हंगामा करते परिजन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 16, 2024, 7:10 PM IST

रांचीः राजधानी रांची के मेडिका अस्पताल में सुशीला देवी नामक महिला मरीज की इलाज के दौरान मौत हुई है. परिजनों ने इलाज में लापरवाही को मौत का कारण बताया है. मरीज की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में चीख पुकार मच गई. कई महिलाओं ने ओपीडी एरिया में चीख-चीखकर कहा कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से सुशीला देवी की मौत हुई है.

इसको लेकर दिवंगत सुशीला देवी के पुत्र गौरव कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से लिखित शिकायत की है. उनका कहना है कि 13 जुलाई को डॉ. राजेश कुमार सिंह की देखरेख में उनकी माता का इलाज शुरु हुआ था. इलाज भी सही चल रहा था. इसी बीच 15 जुलाई को उन्हें हार्ट अटैक आया. लेकिन ना तो डॉक्टर और ना ही उनकी टीम के दूसरे मेंबर ने इसको नोटिस किया. इस लापरवाही की वजह से उनकी जान चली गई. गौरव कुमार ने मामले की जांच करवाने और हॉस्टिल की ओर से मुआवजा दिलाने की मांग की है.

वहीं इलाज में लापरवाही के आरोप के बाबत ईटीवी भारत की टीम ने मेडिका प्रबंधन का भी पक्ष लिया. मेडिका की पीआरओ भारती ओझा ने बताया कि मरीज को न्यूमोनिया के साथ-साथ सेप्टिसिमिया था. जब वह ओपीडी में आईं, तब उनका सेचुरेशन 80 प्रतिशत था. इस वजह से उनको भर्ती कर इलाज शुरु किया गया. उन्होंने बताया कि मरीज को डायबिटीज के साथ-साथ बीपी की भी बीमारी थी. पूर्व में भी वह मेडिका अस्पताल में भर्ती हुईं थी. तब ठीक होकर घर भी गईं थी. लेकिन इस बार दोनों बीमारियों के गंभीर होने की वजह से उनके ह्रदय पर ज्यादा असर पड़ा. इसकी वजह से उनकी मौत हो गई. अब देखना है कि स्वास्थ्य मंत्री के स्तर पर इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है.

रांचीः राजधानी रांची के मेडिका अस्पताल में सुशीला देवी नामक महिला मरीज की इलाज के दौरान मौत हुई है. परिजनों ने इलाज में लापरवाही को मौत का कारण बताया है. मरीज की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में चीख पुकार मच गई. कई महिलाओं ने ओपीडी एरिया में चीख-चीखकर कहा कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से सुशीला देवी की मौत हुई है.

इसको लेकर दिवंगत सुशीला देवी के पुत्र गौरव कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से लिखित शिकायत की है. उनका कहना है कि 13 जुलाई को डॉ. राजेश कुमार सिंह की देखरेख में उनकी माता का इलाज शुरु हुआ था. इलाज भी सही चल रहा था. इसी बीच 15 जुलाई को उन्हें हार्ट अटैक आया. लेकिन ना तो डॉक्टर और ना ही उनकी टीम के दूसरे मेंबर ने इसको नोटिस किया. इस लापरवाही की वजह से उनकी जान चली गई. गौरव कुमार ने मामले की जांच करवाने और हॉस्टिल की ओर से मुआवजा दिलाने की मांग की है.

वहीं इलाज में लापरवाही के आरोप के बाबत ईटीवी भारत की टीम ने मेडिका प्रबंधन का भी पक्ष लिया. मेडिका की पीआरओ भारती ओझा ने बताया कि मरीज को न्यूमोनिया के साथ-साथ सेप्टिसिमिया था. जब वह ओपीडी में आईं, तब उनका सेचुरेशन 80 प्रतिशत था. इस वजह से उनको भर्ती कर इलाज शुरु किया गया. उन्होंने बताया कि मरीज को डायबिटीज के साथ-साथ बीपी की भी बीमारी थी. पूर्व में भी वह मेडिका अस्पताल में भर्ती हुईं थी. तब ठीक होकर घर भी गईं थी. लेकिन इस बार दोनों बीमारियों के गंभीर होने की वजह से उनके ह्रदय पर ज्यादा असर पड़ा. इसकी वजह से उनकी मौत हो गई. अब देखना है कि स्वास्थ्य मंत्री के स्तर पर इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है.

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