चंडीगढ़: हाल ही में आयोजित अपनी आपातकालीन बैठक को रद्द करने के बाद नगर निगम ने एक बार फिर बैठक बुलाई है, जिसमें शहर के कुछ एजेंडों पर चर्चा की गई है. साथ ही भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने मीटिंग की शुरुआत में 1 घंटे तक हंगामा किया. पंजाब और हरियाणा की सरकारी बिल्डिंग जो चंडीगढ़ में हैं, उन पर टैक्स वसूली की बात की गई, ताकि शहर का रेवेन्यू बढ़ाया जा सके. ऐसे में भाजपा के पार्षदों ने टैक्स वसूली को लेकर हंगामा किया.
पिछली बैठक भी हंगामेदार रही: बता दें कि इन दिनों चंडीगढ़ नगर निगम में सब कुछ सही नहीं चल रहा है. निगम भारी वित्तीय समस्याओं से जूझ रहा है. इसके लिए हाल ही में मेयर कुलदीप ने आपाताकालीन बैठक भी बुलाई थी, जिसमें वित्तीय समस्याओं पर चर्चा की जानी थी, लेकिन बैठक से पहले एजेंडा नहीं बताने के कारण भाजपा पार्षदों ने उस वक्त भी जमकर हंगामा किया था, जिसके कारण बैठक को रद्द करना पड़ा था.
बिल्डिंगों पर कर वसूली की बात पर हंगामा : वहीं, अब आज मंगलवार को भी चंडीगढ़ नगर निगम ने पार्षदों की बैठक बुलाई है, जिसमें भी वित्तीय समस्याओं पर बात होनी थी, लेकिन चंडीगढ़ में स्थित पंजाब और हरियाणा की सरकारी बिल्डिंगों पर कर वसूली की बात पर हंगामा शुरू हो गया. इसी दौरान आम आदमी की एक पार्षद की ओर से एक मनोनीत पार्षद पर विवादित टिप्पणी कर दी गई थी, जिसके कारण भाजपा पार्षदों ने माफी की मांग को लेकर हंगामा तेज कर दिया.
आप और भाजपा पार्षदों में तूतू-मैंमैं: हंगामा बढ़ता देख मेयर कुलदीप ने टी ब्रेक कर दिया. वहीं भाजपा पार्षदों ने सदन में नीचे बैठकर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. बता दें कि भाजपा पार्षदों ने सवाल किया था कि क्या पंजाब एमएलए हॉस्टल से निगम को टैक्स मिलता है? इस पर आप पार्षदों ने भी पलटवार करते हुए पूछा कि क्या हरियाणा एमएलए हॉस्टल से भी टैक्स मिलता है? आप पार्टी के पार्षद पंजाब सरकार के पक्ष में बोलते दिखाई दिए, तो वहीं भाजपा पार्षद हरियाणा सरकार के पक्ष में बोलते दिखे.
पार्षद गीता चौहान वेल में रोने लगीं: हंगामे के बीच भाजपा पार्षदों ने वेल में बैठकर विरोध जताया. निगम की फाइनेंशियल कंडीशन खराब है, इसके बावजूद उस पर चर्चा करने के बजाय बैठक हंगामेदार हो गई. इस बीच नॉमिनेटेड पार्षद गीता चौहान वेल में बैठकर रोने लगीं. उनका कहना है कि उन्हें भला बुरा कहा गया है.
इसे भी पढ़ें : चंडीगढ़ नगर निगम में जोरदार हंगामे के बाद बैठक रद्द, वित्तीय संकट पर बुलाई गई थी इमरजेंसी बैठक