ETV Bharat / state

गाजियाबाद: ग्रेप लागू होने के बाद हरकत में UPPCB, कई विभागों को सौंपी गई प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी

गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर खराब है. GRAP के तहत शहर में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए कई विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

Etv Bharat
Etv Bharat (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 15, 2024, 6:40 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में हर वर्ष की तरह इस बार भी प्रदूषण ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. सोमवार को लगातार दूसरे दिन गाजियाबाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बना रहा, जबकि मंगलवार को भी यहां प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में बरकरार है. अक्टूबर की शुरुआत होते ही गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है, जिसमें दिवाली से पहले की स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है.

गौतम बुद्ध नगर, ग्रेटर नोएडा और अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ गाजियाबाद की स्थिति भी चिंताजनक है. पिछले वर्ष दिवाली से पहले ही गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर रेड जोन में पहुंच गया था, और इस बार भी कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन में बना हुआ है.

गाजियाबाद: ग्रेप लागू होने के बाद हरकत में UPPCB, (ETV Bharat)

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का कार्यान्वयन: सोमवार से दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू हो गया है. यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है. नगर निगम ने विभिन्न क्षेत्रों में पानी का छिड़काव करने का निर्णय लिया है, जिससे सड़कों पर धूल के प्रभाव को कम किया जा सके. इसके साथ ही परिवहन विभाग को एक्सपायर वाहनों के संचालन पर रोक लगाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है.

क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में हर साल मौसम के बदलाव के साथ प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है. ग्रेप का पहला चरण लागू हो गया है, और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित विभिन्न विभागों द्वारा गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- धूल नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए टीमें गठित, स्मॉग गन तैनात की जाएंगी: सीएम आतिशी

पराली जलाने पर कार्रवाई: गाजियाबाद जिला प्रशासन ने पराली जलाने के खिलाफ कड़े कदम उठाने की घोषणा की है. विशेष मॉनिटरिंग सेल का गठन किया गया है, जो पराली और कूड़ा जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखेगा. यदि कोई किसान पराली या कूड़ा जलाने की गतिविधि में लिप्त पाया जाता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा. दो एकड़ से कम क्षेत्र में ₹2500, 5 एकड़ के लिए ₹5000 और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए ₹15000 तक का जुर्माना निर्धारित किया गया है.

प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव: गाजियाबाद और दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न होता है. खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए. नवंबर और दिसंबर में प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब हो जाती है, जहां आसमान धुंध की चादर से ढक जाता है. इस दौरान घाटी में वायु की गुणवत्ता में गिरावट के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

यह भी पढ़ें- प्रदूषण बढ़ने के असर को देखते हुए आज से ग्रैप-1 लागू, जानिए क्या रहेंगी पाबंदियां

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में हर वर्ष की तरह इस बार भी प्रदूषण ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. सोमवार को लगातार दूसरे दिन गाजियाबाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बना रहा, जबकि मंगलवार को भी यहां प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में बरकरार है. अक्टूबर की शुरुआत होते ही गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है, जिसमें दिवाली से पहले की स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है.

गौतम बुद्ध नगर, ग्रेटर नोएडा और अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ गाजियाबाद की स्थिति भी चिंताजनक है. पिछले वर्ष दिवाली से पहले ही गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर रेड जोन में पहुंच गया था, और इस बार भी कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन में बना हुआ है.

गाजियाबाद: ग्रेप लागू होने के बाद हरकत में UPPCB, (ETV Bharat)

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का कार्यान्वयन: सोमवार से दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू हो गया है. यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है. नगर निगम ने विभिन्न क्षेत्रों में पानी का छिड़काव करने का निर्णय लिया है, जिससे सड़कों पर धूल के प्रभाव को कम किया जा सके. इसके साथ ही परिवहन विभाग को एक्सपायर वाहनों के संचालन पर रोक लगाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है.

क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में हर साल मौसम के बदलाव के साथ प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है. ग्रेप का पहला चरण लागू हो गया है, और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित विभिन्न विभागों द्वारा गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- धूल नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए टीमें गठित, स्मॉग गन तैनात की जाएंगी: सीएम आतिशी

पराली जलाने पर कार्रवाई: गाजियाबाद जिला प्रशासन ने पराली जलाने के खिलाफ कड़े कदम उठाने की घोषणा की है. विशेष मॉनिटरिंग सेल का गठन किया गया है, जो पराली और कूड़ा जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखेगा. यदि कोई किसान पराली या कूड़ा जलाने की गतिविधि में लिप्त पाया जाता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा. दो एकड़ से कम क्षेत्र में ₹2500, 5 एकड़ के लिए ₹5000 और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए ₹15000 तक का जुर्माना निर्धारित किया गया है.

प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव: गाजियाबाद और दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न होता है. खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए. नवंबर और दिसंबर में प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब हो जाती है, जहां आसमान धुंध की चादर से ढक जाता है. इस दौरान घाटी में वायु की गुणवत्ता में गिरावट के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

यह भी पढ़ें- प्रदूषण बढ़ने के असर को देखते हुए आज से ग्रैप-1 लागू, जानिए क्या रहेंगी पाबंदियां

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.