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पेड़ के नीचे पल रहा भारत का भविष्य! जर्जर हालत में स्कूल भवन - Dilapidated school in Dumka

Dilapidated school in Dumka. जरमुंडी प्रखंड कार्यालय के पास मध्य विद्यालय हथनंगा में भारत का भविष्य पेड़ के नीचे शिक्षा ग्रहण कर रहा है. ये बच्चे स्कूल के बाहर पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. शिक्षकों के द्वारा विभाग को कई बार इसकी जानकारी दी गई लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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मध्य विद्यालय की तस्वीर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 14, 2024, 2:13 PM IST

Updated : Sep 14, 2024, 2:32 PM IST

दुमका: जरमुंडी प्रखंड कार्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय हथनंगा का भवन जर्जर हालत में रहने के कारण बच्चे बागीचे और पास के मंदिर में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. शिक्षकों का कहना है कि भवन काफी पुराना है और पूरी तरह जर्जर हो चुका है. ऐसे में मजबूरी में बाहर पढ़ाना पड़ता है, स्कूल के अंदर डर लगता है. विद्यालय का भवन पूरा जर्जर हो चुका है. इसलिए बच्चों को पेड़ के पास पढ़ाना पड़ता है. बारिश के मौसम में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जैसे ही बारिश शुरू होती है, बच्चों को घर भेज दिया जाता है. जिससे पढ़ाई बाधित हो रही है.

संवाददाता प्रमोद कुमार की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

विद्यालय में कुल नामांकित बच्चों की संख्या 205 है. जर्जर भवन की हालात को देखते हुए बच्चों को भवन के बाहर बगीचे और पास मंदिर में बैठाकर शिक्षा दी जा रही है. विद्यालय का एकमात्र कमरा है, जो कुछ अच्छी हालत में है. जिसका उपयोग रसोई घर और कार्यालय के लिए किया जाता है.

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मध्य विद्यालय की तस्वीर (ETV BHARAT)

शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय भवन निर्माण के लिए कई बार शिक्षा विभाग को सूचना दी गई, लेकिन अब तक भवन निर्माण नहीं हो सका. बच्चों ने बताया कि खुले प्रांगण में पढ़ने-लिखने में काफी दिक्कत हो रही है. ब्लैकबोर्ड नहीं रहने से शिक्षक द्वारा कागज पर सवाल हल करने दिया जाता है, जो समझ में नहीं आता है. शौचालय भी टूट गया है जिसके कारण बाहर खेतों में शौच के लिए जाने पर डर लगा रहता है.

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स्कूल के बाहर पढ़ाई करते बच्चे (ETV BHARAT)

वहीं, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी मो जमालुद्दीन ने बताया कि भवन जर्जर हो जाने की सूचना मिली थी. इसके बाद बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए तत्काल कन्या मध्य विद्यालय जरमुंडी में विद्यालय के शिक्षकों और बच्चों को शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन बच्चों के अभिभावकों ने बच्चों को वहां भेजने से मना कर दिया. जिसके बाद विद्यालय प्रांगण में एक शेड का निर्माण करा दिया गया. जहां विद्यालय का संचालन जारी है. भवन निर्माण कार्य का प्रस्ताव भी पारित हो गया है. बहुत जल्द भवन बन जाएगा. वहीं, पदाधिकारी ने कहा कि हम विद्यालय भवन के बारे में विभाग को सारी जानकारी दे चुके हैं, लेकिन अब तक पहल नहीं हुआ है.

ये भी पढ़ें: स्कूली बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़! बाउंड्री निर्माण कार्य में मिली गड़बड़ी

ये भी पढ़ें: ईटीवी भारत की खबर पर डीईओ ने लिया संज्ञान, खूंटी की फुदी पंचायत में संचालित राजकीयकृत मध्य विद्यालय का होगा कायाकल्प

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संवाददाता प्रमोद कुमार की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

विद्यालय में कुल नामांकित बच्चों की संख्या 205 है. जर्जर भवन की हालात को देखते हुए बच्चों को भवन के बाहर बगीचे और पास मंदिर में बैठाकर शिक्षा दी जा रही है. विद्यालय का एकमात्र कमरा है, जो कुछ अच्छी हालत में है. जिसका उपयोग रसोई घर और कार्यालय के लिए किया जाता है.

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मध्य विद्यालय की तस्वीर (ETV BHARAT)

शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय भवन निर्माण के लिए कई बार शिक्षा विभाग को सूचना दी गई, लेकिन अब तक भवन निर्माण नहीं हो सका. बच्चों ने बताया कि खुले प्रांगण में पढ़ने-लिखने में काफी दिक्कत हो रही है. ब्लैकबोर्ड नहीं रहने से शिक्षक द्वारा कागज पर सवाल हल करने दिया जाता है, जो समझ में नहीं आता है. शौचालय भी टूट गया है जिसके कारण बाहर खेतों में शौच के लिए जाने पर डर लगा रहता है.

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स्कूल के बाहर पढ़ाई करते बच्चे (ETV BHARAT)

वहीं, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी मो जमालुद्दीन ने बताया कि भवन जर्जर हो जाने की सूचना मिली थी. इसके बाद बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए तत्काल कन्या मध्य विद्यालय जरमुंडी में विद्यालय के शिक्षकों और बच्चों को शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन बच्चों के अभिभावकों ने बच्चों को वहां भेजने से मना कर दिया. जिसके बाद विद्यालय प्रांगण में एक शेड का निर्माण करा दिया गया. जहां विद्यालय का संचालन जारी है. भवन निर्माण कार्य का प्रस्ताव भी पारित हो गया है. बहुत जल्द भवन बन जाएगा. वहीं, पदाधिकारी ने कहा कि हम विद्यालय भवन के बारे में विभाग को सारी जानकारी दे चुके हैं, लेकिन अब तक पहल नहीं हुआ है.

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Last Updated : Sep 14, 2024, 2:32 PM IST
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