लखनऊ : सूबे के कई शहरों में पिछले कई दिनों से उमस भरी गर्मी पड़ रही थी. अब बारिश राहत पहुंचाने लगी है. मंगलवार, बुधवार और गुरुवार के बाद अब 4 दिनों तक मॉनसून मेहरबान रहेगा. कई शहरों में तेज बारिश हो सकती है. झारखंड और उसके आसपास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अब पश्चिम बंगाल के गंगा के महारानी इलाकों और बांग्लादेश के ऊपर स्थित है. वहीं उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर स्थित है. इसकी वजह से शुक्रवार को यूपी के पश्चिमी इलाकों में जोरदार बारिश जबकि पूर्वी इलाकों में कहीं-कहीं भारी तो कहीं हल्की बारिश होने की चेतावनी मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी की गई है.
इन जिलों में होगी जोरदार बारिश : सहारनपुर, बिजनौर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, बांदा, फतेहपुर, चित्रकूट, कौशांबी, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, सोनभद्र, चंदौली जिलों में भारी बारिश होने की चेतावनी मौसम विज्ञान विभाग ने जारी की है. इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश में गरज-चमक के साथ हल्की व कहीं भारी बारिश होने की भी संभावना है.
पिछले 24 घंटे में इतनी बारिश हुई : उत्तर प्रदेश में अनुमान बारिश 8.01 के हिसाब से 6.8 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई जो कि 16% कम है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में अनुमान बारिश 7.8 के हिसाब से 4.3 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई जो कि 45% कम है. वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनुमानित बारिश 8.6 के हिसाब से 10.5 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई जो कि सामान्य से 22% अधिक है.
1 जून से 25 जुलाई तक हुई बारिश : उत्तर प्रदेश में अनुमानित बारिश 304 मिलीमीटर के सापेक्ष 280 मिमी रिकॉर्ड की गई जो कि 8% कम है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में 331.7 के सापेक्ष 281 मिमी रिकॉर्ड की गई जो कि 15% कम है. वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनुमानित बारिश 265.6 के सापेक्ष 278.4 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई जो कि सामान्य से 5% अधिक है.
पिछले 24 घंटे में इन जिलों में हुई भारी बारिश (मिमी में) : चित्रकूट 21, हरदोई 18, सोनभद्र 19, औरैया 23, ललितपुर 58, मुरादाबाद 40, शाहजहांपुर 16, कासगंज 15, झांसी 11, एटा 14, बुलंदशहर 14, आगरा 15, वाराणसी 14, प्रयागराज 15 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई.
लखनऊ में आज ऐसा रहेगा मौसम : राजधानी लखनऊ में गुरुवार को कुछ जगहों पर हल्की बारिश हुई. दिन में तेज धूप निकली. शाम के समय एक बार फिर मौसम ने करवट ली और आसमान में काले बादल छाए रहे. कुछ स्थानों पर फिर से बूंदाबांदी शुरू हुई. कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश हुई. शुक्रवार की सुबह भी हल्की बारिश होती रही. अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड की गई जो कि सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक है. वहीं न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो कि सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक है.
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में बादल छाए रहेंगे. कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है. अधिकतम तापमान 36 व न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
कानपुर देहात रहा सबसे गर्म : गुरुवार को कानपुर देहात उत्तर प्रदेश का सबसे गर्म जिला रहा. यहां अधिकतम तापमान 37.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान मेरठ में 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया.
मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर अतुल सिंह ने बताया कि चक्रवर्ती परिसंचरण के चलते उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है यह सिलसिला आगामी तीन से चार दिनों तक चलता रहेगा. आने वाले 5 दिनों तक अधिकतम न्यूनतम तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा.
अंबेडकरनगर में नहीं हो रही बारिश, खेतों में पड़ी दरारें : अंबेडकरनगर में कई दिनों से बरसात नहीं हो रही है. चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी ने जन जीवन अस्त व्यस्त है. पानी के अभाव में किसानों की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है. जिन क्षेत्रों में नहरों की सुविधा है वहां तो कुछ गनीमत है लेकिन जहां पर नहर नही हैं वहां के किसान परेशान हैं. पानी के अभाव में फसलें सूखने की कगार पर हैं. किसान शिवपूजन, राजेंद्र कुमार और बृजलाल का कहना है कि कई दिनों से बरसात नहीं हुई है. डीजल की महंगाई है. पानी के अभाव में खेतों में दरारें पड़ गई है.
सहारनपुर नदी में अचानक आए पानी में ट्रैक्टर बहा : सहारनपुर में शिवालिक पहाड़ियों में हुई भारी बारिश के बाद घाड क्षेत्र की बरसाती नदियों में उफान आ गया. दर्जनों गांवों का संपर्क तहसील व जिला मुख्यालय से घंटों कटा रहा. वहीं दूसरी और बाढ़ में एक ट्रैक्टर बह गया, जबकि चालक ने बमुश्किल अपनी जान बचाई. इसके अलावा दो महीने पहले बनाई गई सड़क भी पानी के कटाव में बह गई. जनपद सहारनपुर की तहसील बेहट का इलाका बरसाती नदियों के जाल से घिरा हुआ है.