प्रयागराजः जार्ज टाउन थाना क्षेत्र में 17 साल पहले नौकरी के नाम पर जालसाजी और धोखाधड़ी करके लोगों के ठगने वाले पति-पत्नी को यूपी एसटीएफ ने गुजरात के अहमदाबाद जिले के बेकरी सिटी के शिवान्ता अपार्टमेन्ट से गिरफ्तार किया है. पकड़े गए अमित श्रीवास्तव और शिखा श्रीवास्तव पर जार्ज टाउन थाने में 2007 में केस दर्ज हुआ था. जालसाज दंपत्ति के पास से मोबाइल और कैश बरामद किया है.
साफ्टवेयर बनाने के नाम पर लेते थे मोटी रकमः एसटीएफ की पूछताछ दंपत्ति ने बताया कि प्रयागराज में उन लोगों ने इंफोकॉन कन्सलटेन्टस प्राइवेट लिमिटेड नाम की कम्पनी खोली थी. जिसका मैनेजिंग डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव और सह निदेशक उसकी पत्नी शिखा श्रीवास्तव थी. इस कम्पनी में लोगों से पैसा जमा कराकर साफ्टवेयर डेवलपर व इंजीनियर के पद पर नौकरी देने का काम शुरू किया था. शुरुआत में बेरोजगारों को वेतन के रूप में हर महीने साढ़े हजार रुपये देते थे. इस नौकरी के बदले युवाओं से 80 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक लेते थे. नौकरी के एग्रीमेन्ट के तहत 3 सालों तक कम्पनी में काम करने का कॉन्ट्रैक्ट करवाया जाता था. जिसमें हर 6 महीने में वेतनवृद्धि का भी आश्वासन दिया गया था. बड़ी संख्या में बेरोजगारी से परेशान युवाओं ने नौकरी के लालच में पड़कर इस कंपनी में पैसा जमा कर दिया. ज्यादा रकम इकट्ठा करने के बाद दम्पति लोगों का पैसा लेकर फरार हो गए थे.
50-50 हजार रुपये इनाम घोषित थाः ठगी के शिकार युवाओं ने अमित और शिखा श्रीवास्तव के खिलाफ जार्ज टाउन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. इसके बाद पुलिस केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश में जुट गयी थी. लेकिन दंपत्ति यूपी छोड़कर दूसरे राज्यों में रहने लगे थे, जिस कारण पुलिस उन तक पहुंच सकी. इस पर पुलिस की तरफ से 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया था. इसके साथ ही उनके प्रयागराज स्थित महराष्ट्रा बैंक के खाते को फ्रीज करवा दिया गया था, जिसमें उस वक्त उस खाते में 10 लाख रुपये जमा थे.
फरारी के दौरान भी सॉफ्टवेयर कंपनी खोलीः 17 सालों से ज्यादा समय से यूपी पुलिस को चकमा देने वाले इस दंपत्ति को यूपी एसटीएफ ने 15 अगस्त को गुजरात अहमदाबाद जिले के अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया है. यहां पर दंपत्ति 7 सालों से रह रहे थे. यही नहीं एसटीएफ को यह भी पता चला है कि इस दंपत्ति ने फरारी के दौरान जिमनी साफ्टवेयर के नाम से एक कम्पनी खोल रखी थी. जो मेडिकल कार्य से सम्बन्धित साफ्टवेयर का काम करती थी. साथ ही दुबई में इसका वर्चुअल आफिस भी है. जहां पर 15 लोग काम करते हैं. जिनके द्वारा विदेशों में मेडिकल कार्य से सम्बन्धित साफ्टवेयर की सप्लाई का काम होता था. इसके अलावा भारत में बंगलौर, कोलकाता, जयपुर और प्रयागराज में भी इस कम्पनी का साफ्टवेयर सप्लाई किया गया था. इस कंपनी के प्रति सॉफ्टवेयर की कीमत 20 से 25 हजार रुपये तक कीमत ली जाती थी.यूपी एसटीएफ अब इस दंपत्ति के द्वारा अर्जित की गयी अवैध कमाई का विवरण पता करने में जुटी हुई है.