लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अब तीन एप के बजाय सिर्फ एक ही होगा. तीनों एप को इंटीग्रेटेड किया जा रहा है. इनको इंटीग्रेट करके एक नया सुगम एप तैयार किया जा रहा है. इस एप से यात्री घर बैठे ट्रेन की तरह ही बसों की लोकेशन ले सकेंगे. इसके अलावा ड्राइवर अगर बीच रास्ते में बस खराब हो गई है तो इसी एप पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे. तत्काल इसकी मॉनिटरिंग होगी.
इसके अलावा अभी तक ड्राइवर की ड्यूटी ऑफलाइन लगती थी जिसमें शिकायत थी कि संविदा कर्मियों को ड्यूटी नहीं दी जाती है. चहेते ड्राइवर कंडक्टरों को ड्यूटी मिलती है. अब इसी एप के जरिए ड्राइवर कंडक्टर को ड्यूटी मिलेगी. ड्यूटी अलॉटमेंट सॉफ्टवेयर के बजाय अब सुगम एप से काम होगा.
परिवहन निगम के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी 15 अगस्त को इस सुगम एप का लोकार्पण करेंगे. परिवहन निगम मुख्यालय पर बड़ा कंट्रोल एंड कमांड सेंटर मॉनिटरिंग के लिए स्थापित किया गया है.
यात्रियों को अगर ट्रेन पकड़नी होती है या फिर ट्रेन से उनका कोई अपना आवागमन कर रहा है तो उसकी लोकेशन वह घर बैठे ही ले सकते हैं. अपने मोबाइल पर ट्रेन का स्टे्टस चेक करने के बाद ही स्टेशन की तरफ रुख करते हैं लेकिन, बसों के साथ ऐसा नहीं था. बस से सफर करने के लिए उन्हें बस की लोकेशन और टाइम टेबल पता ही नहीं होता था, लेकिन अब ट्रेन की ही तर्ज पर यात्री घर बैठे बस की भी लोकेशन ले सकेंगे और टाइमिंग भी चेक कर सकेंगे.
"सुगम" एप उन्हें अपने मोबाइल पर इंस्टॉल करना पड़ेगा. इस एप पर वह चेक कर सकेंगे कि वर्तमान समय में बस किस लोकेशन पर है और कितनी देरी में बस मंजिल तक पहुंच जाएगी. अगर किसी यात्री को घर से बस स्टेशन आकर बस पकड़ना है तो उसके समय की बचत भी होगी क्योंकि यात्री को पता रहेगा कि बस आने में या निकलने में कितना समय है. यात्रियों को यह सुविधा परिवहन निगम के "सुगम" एप पर मिलेगी, जल्द ही इस एप को लांच किए जाने की तैयारी है.
बस डिफेक्ट होने पर ड्राइवर कर सकेंगे शिकायत: रोडवेज की तमाम पुरानी बसें अक्सर राह चलते खराब हो जाती हैं. इससे यात्रियों को काफी दिक्कत होती है. ड्राइवर जिम्मेदारों से संपर्क करते हैं लेकिन कई बार उनकी सुनवाई नहीं होती है. कार्यशालाओं में भी बसों का मेंटेनेंस अच्छा नहीं होने पर ड्राइवर रूट पर बस ले जाने से भी कई बार मना करते हैं, लेकिन जबरन उन्हें भेज दिया जाता है.
बस के डिफेक्ट की शिकायत के लिए वर्कशॉप में रजिस्टर जरूर बना है लेकिन उस पर अमल बहुत ज्यादा नहीं होता है. इससे ड्राइवर की समस्या बनी रहती है, लेकिन अब सुगम ऐप पर ड्राइवर की समस्या तत्काल दूर होगी, क्योंकि अब बस में किसी तरह का डिफेक्ट है तो ड्राइवर अपनी शिकायत सुगम एप पर दर्ज कर सकेंगे. इसकी मॉनिटरिंग निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक होगी. ऐसे में जिम्मेदारों पर दबाव रहेगा कि शिकायत का समुचित समाधान करें. ड्राइवरों को भी मोबाइल पर ऐप इंस्टॉल करने की सुविधा मिलेगी.
सुगम एप से ही लगेगी ड्राइवर कंडक्टर की ड्यूटी: परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि सुगम एप से ही अब ड्राइवर कंडक्टर की ड्यूटी लगाई जाएगी. अभी तक ड्यूटी अलॉटमेंट सॉफ्टवेयर से कई डिपो में ड्यूटी लगती है और तमाम डिपो में मैन्युअल ड्यूटी दी जाती है. कई बार संविदा चालक परिचालकों की शिकायत आती है कि पैसे का लेनदेन कर या फिर अपने चहेते ड्राइवर कंडक्टर को ही ड्यूटी ज्यादा दी जाती है.
अच्छे रूट पर भेजा जाता है, जबकि जो ड्राइवर कंडक्टर पैसा देने से मना करते हैं उन्हें छोटे रूट पर या फिर ड्यूटी से ही वंचित कर दिया जाता है. इससे उनके किलोमीटर पूरे नहीं होते हैं और वेतन कम बनता है. अब सुगम एप से ही ड्यूटी लगेगी तो फिर सभी संविदा ड्राइवर कंडक्टर को राहत मिलेगी. उनकी अनदेखी नहीं हो सकेगी और कमीशनखोरी का खेल भी खत्म होगा.
यूपीएसआरटीसी का साढ़े 11 हजार बसों का बेड़ा: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस बेड़े की बात की जाए तो कुल साढ़े 11 हजार बसें फ्लीट में शामिल हैं. इनमें साधारण बसों से लेकर एसी जनरथ और पिंक बसें भी हैं. जो यात्रियों को सफर में काफी सहूलियत प्रदान करती हैं.
हर रोज सफर करते हैं 16 लाख यात्री: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों से हर रोज प्रदेश भर में करीब 16 लाख यात्री सफर करते हैं. यात्रियों को अंतरजनपदीय और अंतरराज्यीय बस सेवा तो मिलती ही है, राज्य के बाहर भी सात राज्यों में रोडवेज की बसें यात्रियों को सफर कराती हैं. अब यात्रियों की यात्रा की संख्या में और भी ज्यादा बढ़ोतरी हो रही है. रोडवेज अधिकारियों का अनुमान है कि फ्लीट में नई बसें जुड़ने के बाद यह संख्या 18 लाख के करीब पहुंचेगी.
यूपीएसआरटीसी में 32 हजार संविदाकर्मी: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बात करें तो वर्तमान में कुल 32000 संविदा चालक परिचालक तैनात हैं. इनमें 14,500 संविदा ड्राइवर हैं तो 17,500 संविदा कंडक्टर नौकरी करते हैं. इन 32000 चालक परिचालक के सहारे रोडवेज बसें दौड़ती हैं. हालांकि सबसे ज्यादा दिक्कत इन्हें ही उठानी पड़ती है. नियमित ड्राइवर कंडक्टर का वेतन काफी होता है जबकि संविदा चालक परिचालकों को किलोमीटर के आधार पर वेतन मिलता है.
क्या कहते हैं अधिकारी: परिवहन निगम में वर्तमान में तीन एप चल रहे हैं. सुगम एप में यह तीनों इंटीग्रेटेड होंगे. वर्तमान में जो एनईसी कंपनी है वह लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस का काम करती है. टिकटिंग का काम ओरियन प्रो कंपनी करती है और ड्यूटी अलॉटमेंट सॉफ्टवेयर से अभी ड्यूटी की व्यवस्था होती है. अब सुगम एप में तीन अलग-अलग पार्ट रहेंगे. इस सुगम एप में यात्री बसों की लोकेशन घर बैठे ले सकेंगे. ड्राइवर बस डिफेक्ट की शिकायत कर सकेंगे और क्रू मैनेजमेंट भी इसी सुगम एप पर होगा. अपनी शिकायत भी चालक परिचालक दर्ज करा सकेंगे.
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