लखनऊ: राजधानी के चारबाग बस स्टेशन से चलने वाली बसें अब आलमबाग बस स्टेशन से रवाना होंगी. पीपीपी मॉडल पर तैयार पहले आलमबाग बस टर्मिनल के बाद अब चारबाग बस अड्डा इस मॉडल पर तैयार होगा. इस वजह से दो वर्षों तक चारबाग बस स्टेशन को आलमबाग बस टर्मिनल पर शिफ्ट किया जाएगा. शुक्रवार को परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह के निर्देश पर परिवहन निगम मुख्यालय में प्रमुख सचिव परिवहन एल. वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई थी. बैठक में दो माह के भीतर सभी बस स्टेशन अस्थाई जमीन में शिफ्ट करने को मंजूरी दे दी गई.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने अधिकारियों की उपस्थिति में 16 जनपदों के जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. चारबाग समेत 23 बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किए जाने के संबंध में अस्थाई बस स्टेशन के लिए जमीन की व्यवस्था को लेकर दिशा निर्देश दिए. एमडी मासूम अली सरवर ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशनों को विकसित करने के लिए निर्माण अवधि में बसों के संचालन को लेकर जमीन की उपलब्धता पर बैठक बुलाई गई थी. बैठक में रायबरेली समेत 16 जिलों में जमीन चिन्हित करने की जानकारी दी गई. इन जिलों में बस स्टैंड को शिफ्ट करने और निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं.
18 से 19 अगस्त तक महिलाओं के लिए बस सेवा फ्री
इस बार भी रक्षाबंधन पर 18 अगस्त की रात से 19 अगस्त की रात तक नि:शुल्क रोडवेज बसों की सेवाएं बहनों को उपलब्ध कराई जाएगी. लखनऊ से छोटे-छोटे शहरों के बीच 200 से ज्यादा अतिरिक्त बसों के इंतजाम किए जाएंगे. क्षेत्रीय प्रबंधक ने सभी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. इनमें कैसरबाग से सीतापुर, बराबंकी, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर के लिए अतिरिक्त बसें चलेगी. चारबाग बस स्टेशन से कानपुर, रायबरेली, मौरावां, फतेहपुर, अयोध्या, ऊंचाहार के लिए बसें उपलब्ध होंगी. आलमबाग बस स्टेशन से बनारस और प्रयागराज के लिए अतिरिक्त बसों के इंतजाम किए गए हैं. क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि पिछली बार रक्षाबंधन पर सबसे ज्यादा रायबरेली और बाराबंकी के बीच महिलाओं ने सफर किया था. इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार भी जहां के यात्री ज्यादा होंगे, उन रूटों पर यात्रियों की भीड़ की निगरानी करने के लिए यातायात निरीक्षकों की तैनाती की जाएगी.