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यूपी रोडवेज बस के ड्राइवर-कंडक्टर वर्दी में नहीं हुए तो जाएगी नौकरी; नेम प्लेट को लेकर आया कड़ा आदेश - UP Roadways Bus Driver Conductors

उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने पिछले दिनों निर्देश दिए थे कि सभी चालक परिचालक बस संचालन के समय वर्दी में ही नजर आएं और नेम प्लेट भी जरूर लगाएं. परिवहन मंत्री के निर्देश के अनुपालन में लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने सर्कुलर जारी कर अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह चालक परिचालकों को वर्दी में रहने के लिए कहें. बस संचालन के समय हरहाल में वर्दी और नेम प्लेट में ही दिखें.

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यूपी रोडवेज बस के ड्राइवर-कंडक्टर वर्दी में नहीं हुए तो जाएगी नौकरी (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 5:36 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चालक परिचालक अब वर्दी और नेम प्लेट लगाए नजर आएंगे. ऐसा नहीं करने पर उनको जुर्माना भरना पड़ेगा. तीन बार अगर लगातार वर्दी और नेम प्लेट के नहीं मिले तो नौकरी से भी हाथ धो बैठेंगे. लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक ने चालक परिचालकों के लिए यह आदेश जारी किया है.

इसके अलावा कंडक्टरों की कमी से जूझ रहे परिवहन निगम में ऐसे भी कंडक्टर हैं जो ड्यूटी करने नहीं आते हैं. अब जीरो किलोमीटर करने वाले चालक परिचालक का भी डाटा तैयार किया जा रहा है. ऐसे चालक परिचालकों को पहले ड्यूटी के लिए बुलाया जाएगा और ड्यूटी दी जाएगी. अगर नहीं आएंगे तो उन्हें नौकरी से बाहर किया जाएगा.

लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने नए नियम के बारे में दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat)

उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने पिछले दिनों निर्देश दिए थे कि सभी चालक परिचालक बस संचालन के समय वर्दी में ही नजर आएं और नेम प्लेट भी जरूर लगाएं. परिवहन मंत्री के निर्देश के अनुपालन में लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने सर्कुलर जारी कर अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह चालक परिचालकों को वर्दी में रहने के लिए कहें. बस संचालन के समय हरहाल में वर्दी और नेम प्लेट में ही दिखें.

क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि सभी चालक परिचालक वर्दी में चलेंगे और चेकिंग के दौरान अगर बिना वर्दी के मिलेंगे तो उन पर ₹200 का जुर्माना लगाया जाएगा. तीन बार अगर वर्दी या नेम प्लेट लगाए नहीं मिलेंगे तो फिर उनकी संविदा समाप्ति पर भी विचार किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि ऐसे भी चालक परिचालक हैं जो संविदा पर नौकरी लिए हुए हैं लेकिन ड्यूटी करने नहीं आ रहे हैं. सभी डिपो के एआरएम को निर्देशित किया गया है कि ऐसे चालक परिचालकों की सूची तैयार करें. उन्हें ड्यूटी पर बुलाएं.जीरो किलोमीटर करने वाले संविदा चालक परिचालकों पर कार्रवाई करें.

इन डिपो में खड़ी हैं सैकड़ों बसें: लखनऊ रीजन में तमाम बसें खराब होकर डिपो में ही खड़ी रह जाती हैं जिससे हर रोज लखनऊ रीजन को 25 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. डिपोवार बसों का ब्योरा तैयार किया गया है. इनमें चारबाग में 128 बसों में 41 बसें संचालित नहीं हो पा रही हैं.

अवध डिपो में 107 बसों में से 33 खड़ी हैं. कैसरबाग डिपो में 139 में से 35 खड़ी हैं. कैसरबाग अनुबंधित में 131 में से 12 बसें खड़ी हैं. रायबरेली में 159 में से 24 खड़ी हैं. बाराबंकी में 104 बसों में से चार बसें खड़ी हैं.

आलमबाग में 82 बसों में सात बसें खड़ी हैं. उपनगरीय डिपो में 12 में से दो बसें खड़ी हैं. हैदरगढ़ डिपो में 110 में से 23 बजे वर्कशॉप में ही खड़ी हैं. कुल मिलाकर लखनऊ रीजन के इन सभी डिपो में 972 बसों में से 181 बसें रूट पर जाने के बजाय कार्यशालाओं में खड़ी हैं.

चालकों की कमी के चलते नहीं चल पा रहीं बसें: चालकों के अभाव में बसों के न चल पाने की संख्या की बात की जाए तो चारबाग में छह बसें, कैसरबाग में 13 बसें, कैसरबाग अनुबंधित में कोई बस नहीं. रायबरेली में आठ और हैदरगढ़ डिपो में छह बसें खड़ी हैं. कुल मिलाकर इन डिपो में 43 बसें ड्राइवर के अभाव में रूट पर नहीं जा पा रही हैं, जबकि परिचालकों के अभाव में भी रायबरेली डिपो की पांच बसें संचालित नहीं हो पा रही हैं.

यूपी रोडवेज को रोज हो रहा 25 लाख का नुकसान: लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने सभी डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को नोटिस जारी कर तीन दिनों के अंदर ऑफ रोड बसों का कारण स्पष्ट करने का अल्टीमेटम जारी किया है. उन्होंने कहा है बसवार और तिथिवार पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो निगम को हुई राजस्व हानि की प्रतिपूर्ति समान रूप से आपसे की जाएगी. बसों का संचालन पूरी तरह से नहीं हो पाने के चलते हर रोज 25 लाख रुपए की आय कम प्राप्त हो पा रही है.

ये भी पढ़ेंः बस यात्रियों के लिए खुशख़बरी! यूपी रोडवेज खरीद रहा 120 इलेक्ट्रिक और 1000 डीजल बसें, कुंभ में मिलेगी स्पेशल सेवा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चालक परिचालक अब वर्दी और नेम प्लेट लगाए नजर आएंगे. ऐसा नहीं करने पर उनको जुर्माना भरना पड़ेगा. तीन बार अगर लगातार वर्दी और नेम प्लेट के नहीं मिले तो नौकरी से भी हाथ धो बैठेंगे. लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक ने चालक परिचालकों के लिए यह आदेश जारी किया है.

इसके अलावा कंडक्टरों की कमी से जूझ रहे परिवहन निगम में ऐसे भी कंडक्टर हैं जो ड्यूटी करने नहीं आते हैं. अब जीरो किलोमीटर करने वाले चालक परिचालक का भी डाटा तैयार किया जा रहा है. ऐसे चालक परिचालकों को पहले ड्यूटी के लिए बुलाया जाएगा और ड्यूटी दी जाएगी. अगर नहीं आएंगे तो उन्हें नौकरी से बाहर किया जाएगा.

लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने नए नियम के बारे में दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat)

उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने पिछले दिनों निर्देश दिए थे कि सभी चालक परिचालक बस संचालन के समय वर्दी में ही नजर आएं और नेम प्लेट भी जरूर लगाएं. परिवहन मंत्री के निर्देश के अनुपालन में लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने सर्कुलर जारी कर अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह चालक परिचालकों को वर्दी में रहने के लिए कहें. बस संचालन के समय हरहाल में वर्दी और नेम प्लेट में ही दिखें.

क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि सभी चालक परिचालक वर्दी में चलेंगे और चेकिंग के दौरान अगर बिना वर्दी के मिलेंगे तो उन पर ₹200 का जुर्माना लगाया जाएगा. तीन बार अगर वर्दी या नेम प्लेट लगाए नहीं मिलेंगे तो फिर उनकी संविदा समाप्ति पर भी विचार किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि ऐसे भी चालक परिचालक हैं जो संविदा पर नौकरी लिए हुए हैं लेकिन ड्यूटी करने नहीं आ रहे हैं. सभी डिपो के एआरएम को निर्देशित किया गया है कि ऐसे चालक परिचालकों की सूची तैयार करें. उन्हें ड्यूटी पर बुलाएं.जीरो किलोमीटर करने वाले संविदा चालक परिचालकों पर कार्रवाई करें.

इन डिपो में खड़ी हैं सैकड़ों बसें: लखनऊ रीजन में तमाम बसें खराब होकर डिपो में ही खड़ी रह जाती हैं जिससे हर रोज लखनऊ रीजन को 25 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. डिपोवार बसों का ब्योरा तैयार किया गया है. इनमें चारबाग में 128 बसों में 41 बसें संचालित नहीं हो पा रही हैं.

अवध डिपो में 107 बसों में से 33 खड़ी हैं. कैसरबाग डिपो में 139 में से 35 खड़ी हैं. कैसरबाग अनुबंधित में 131 में से 12 बसें खड़ी हैं. रायबरेली में 159 में से 24 खड़ी हैं. बाराबंकी में 104 बसों में से चार बसें खड़ी हैं.

आलमबाग में 82 बसों में सात बसें खड़ी हैं. उपनगरीय डिपो में 12 में से दो बसें खड़ी हैं. हैदरगढ़ डिपो में 110 में से 23 बजे वर्कशॉप में ही खड़ी हैं. कुल मिलाकर लखनऊ रीजन के इन सभी डिपो में 972 बसों में से 181 बसें रूट पर जाने के बजाय कार्यशालाओं में खड़ी हैं.

चालकों की कमी के चलते नहीं चल पा रहीं बसें: चालकों के अभाव में बसों के न चल पाने की संख्या की बात की जाए तो चारबाग में छह बसें, कैसरबाग में 13 बसें, कैसरबाग अनुबंधित में कोई बस नहीं. रायबरेली में आठ और हैदरगढ़ डिपो में छह बसें खड़ी हैं. कुल मिलाकर इन डिपो में 43 बसें ड्राइवर के अभाव में रूट पर नहीं जा पा रही हैं, जबकि परिचालकों के अभाव में भी रायबरेली डिपो की पांच बसें संचालित नहीं हो पा रही हैं.

यूपी रोडवेज को रोज हो रहा 25 लाख का नुकसान: लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने सभी डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को नोटिस जारी कर तीन दिनों के अंदर ऑफ रोड बसों का कारण स्पष्ट करने का अल्टीमेटम जारी किया है. उन्होंने कहा है बसवार और तिथिवार पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो निगम को हुई राजस्व हानि की प्रतिपूर्ति समान रूप से आपसे की जाएगी. बसों का संचालन पूरी तरह से नहीं हो पाने के चलते हर रोज 25 लाख रुपए की आय कम प्राप्त हो पा रही है.

ये भी पढ़ेंः बस यात्रियों के लिए खुशख़बरी! यूपी रोडवेज खरीद रहा 120 इलेक्ट्रिक और 1000 डीजल बसें, कुंभ में मिलेगी स्पेशल सेवा

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