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यूपी रोडवेज में निजीकरण का विरोध, डिपो पहुंचे प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों का सामान फेंका - UP ROADWAYS NEWS

यूपी के 19 डिपो की तरह ही अवध डिपो का भी प्राइवेटाइजेशन हो गया है. इसको लेकर कर्मचारियों ने विरोध किया.

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निजीकरण को लेकर कर्मचारियों का विरोध (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने प्रदेश के 19 डिपो को प्राइवेट कंपनी के हवाले करने का फैसला लिया. नए साल के पहले दिन यानी एक जनवरी से जिन प्राइवेट कंपनियों को डिपो का ठेका मिला है, वह काम शुरू करेंगी. हालांकि रोडवेज में निजीकरण को लेकर कर्मचारियों का विरोध तेज हो रहा है. रविवार को परिवहन निगम मुख्यालय के ठीक पीछे स्थित अवध बस डिपो का काम जिस फर्म को दिया गया है, उसके प्रतिनिधि डिपो में पूजा पाठ करने पहुंचे. लेकिन, उन्हें हवन पूजन करने ही नहीं दिया गया. इसके बाद कर्मचारियों ने जमकर विरोध जताया और कुर्सियां इधर-उधर फेंक दीं.

परिवहन निगम के जिम्मेदार कर्मचारी इसे रोकने का प्रयास भी करते रहे. लेकिन, कर्मचारियों ने एक भी नहीं सुनी. बिना पूजा पाठ किए ही कंपनी के प्रतिनिधियों को वापस लौटना पड़ गया. पूजा पाठ करने आए कंपनी के प्रतिनिधियों और उसका विरोध कर रहे कर्मचारियों का वीडियो सामने आया है. हालांकि परिवहन निगम के अधिकारी इस तरह की किसी भी घटना से अनभिज्ञता जता रहे हैं.

निजीकरण को लेकर कर्मचारियों का विरोध (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ के अवध डिपो में एसी बसों का मेंटेनेंस होता है. प्रदेश के 19 डिपो की तरह ही अवध डिपो का भी प्राइवेटाइजेशन हो गया है. एक जनवरी से एसडीएल नाम की कंपनी यहां पर काम संभालेगी. तैयारी के लिए रविवार को ही कंपनी के प्रतिनिधि अवध डिपो में हवन पूजन करने पहुंचे थे. लेकिन, यहां पर भारी विरोध के चलते कंपनी के प्रतिनिधियों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ गया.

इसे भी पढ़ें - खुशखबरी! यूपी रोडवेज के कर्मचारियों का बढ़ा 8 फीसदी महंगाई भत्ता, जानिए कितनी बढ़ेगी सैलरी? - UP ROADWAYS


वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से रोडवेज के कर्मचारियों ने यहां पर प्राइवेटाइजेशन का विरोध किया. परिवहन निगम की कार्यशालाओं की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से 19 डिपो के वर्कशॉप को आउटसोर्सिंग के माध्यम से निविदा पर दिए जाने के लिए टेंडर किया गया था. तीन रुपए 57 पैसे प्रति किलोमीटर से लेकर पांच रुपए 48 पैसे तक में इन वर्कशॉप में बसों के मेंटेनेंस का कार्य निजी कंपनियों को दे दिया जाएगा. इनमें मुख्य रूप से श्यामा इंटरप्राइजेज, एसडीएल एंटरप्राइजेज, आरके ऑटोमोबाइल हैं.

निजी हाथों में सौंपे गए ये डिपो: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के सोहराब गेट डिपो, छुटमलपुर डिपो, एटा डिपो, विकास नगर डिपो,
लखनऊ का अवध डिपो, नजीबाबाद डिपो, हरदोई डिपो, जीरो रोड डिपो, ताज डिपो, साहिबाबाद डिपो, देवरिया डिपो, वाराणसी कैंट डिपो, सुल्तानपुर डिपो, झांसी डिपो, बलिया डिपो, बांदा डिपो, बदायूं डिपो, इटावा डिपो और बलरामपुर डिपो शामिल हैं.

परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि जिन फर्मों ने डिपो में बसों के मेंटेनेंस का ठेका लिया है, उन फर्मों को स्पेयर पार्ट्स, लेबर, यूरिया, लुब्रिकेंट टायर और अन्य स्पेयर की व्यवस्था स्वयं करनी होगी. परिवहन निगम की तरफ से वर्कशॉप परिसर, डीजल और रिपेयर के लिए बसें उपलब्ध कराई जाएंगी.

क्या कहते हैं अधिकारी : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) व प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि ऐसी जानकारी आई है कि अवध डिपो में कंपनी के प्रतिनिधि आज पूजा पाठ करने गए थे, लेकिन कर्मचारियों ने विरोध जताया. इसके चलते पूजा नहीं हो पायी. अब सीनियर अधिकारियों की देखरेख में यहां पर काम शुरू कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें - महाकुंभ 2025 में यूपी रोडवेज फर्रुखाबाद से चलाएगी 77 बसें, सभी यात्रियों का कराया जाता बीमा, प्राइवेट बसों में नहीं मिलती ये सुविधा - FARRUKHABAD ROADWAYS

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने प्रदेश के 19 डिपो को प्राइवेट कंपनी के हवाले करने का फैसला लिया. नए साल के पहले दिन यानी एक जनवरी से जिन प्राइवेट कंपनियों को डिपो का ठेका मिला है, वह काम शुरू करेंगी. हालांकि रोडवेज में निजीकरण को लेकर कर्मचारियों का विरोध तेज हो रहा है. रविवार को परिवहन निगम मुख्यालय के ठीक पीछे स्थित अवध बस डिपो का काम जिस फर्म को दिया गया है, उसके प्रतिनिधि डिपो में पूजा पाठ करने पहुंचे. लेकिन, उन्हें हवन पूजन करने ही नहीं दिया गया. इसके बाद कर्मचारियों ने जमकर विरोध जताया और कुर्सियां इधर-उधर फेंक दीं.

परिवहन निगम के जिम्मेदार कर्मचारी इसे रोकने का प्रयास भी करते रहे. लेकिन, कर्मचारियों ने एक भी नहीं सुनी. बिना पूजा पाठ किए ही कंपनी के प्रतिनिधियों को वापस लौटना पड़ गया. पूजा पाठ करने आए कंपनी के प्रतिनिधियों और उसका विरोध कर रहे कर्मचारियों का वीडियो सामने आया है. हालांकि परिवहन निगम के अधिकारी इस तरह की किसी भी घटना से अनभिज्ञता जता रहे हैं.

निजीकरण को लेकर कर्मचारियों का विरोध (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ के अवध डिपो में एसी बसों का मेंटेनेंस होता है. प्रदेश के 19 डिपो की तरह ही अवध डिपो का भी प्राइवेटाइजेशन हो गया है. एक जनवरी से एसडीएल नाम की कंपनी यहां पर काम संभालेगी. तैयारी के लिए रविवार को ही कंपनी के प्रतिनिधि अवध डिपो में हवन पूजन करने पहुंचे थे. लेकिन, यहां पर भारी विरोध के चलते कंपनी के प्रतिनिधियों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ गया.

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वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से रोडवेज के कर्मचारियों ने यहां पर प्राइवेटाइजेशन का विरोध किया. परिवहन निगम की कार्यशालाओं की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से 19 डिपो के वर्कशॉप को आउटसोर्सिंग के माध्यम से निविदा पर दिए जाने के लिए टेंडर किया गया था. तीन रुपए 57 पैसे प्रति किलोमीटर से लेकर पांच रुपए 48 पैसे तक में इन वर्कशॉप में बसों के मेंटेनेंस का कार्य निजी कंपनियों को दे दिया जाएगा. इनमें मुख्य रूप से श्यामा इंटरप्राइजेज, एसडीएल एंटरप्राइजेज, आरके ऑटोमोबाइल हैं.

निजी हाथों में सौंपे गए ये डिपो: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के सोहराब गेट डिपो, छुटमलपुर डिपो, एटा डिपो, विकास नगर डिपो,
लखनऊ का अवध डिपो, नजीबाबाद डिपो, हरदोई डिपो, जीरो रोड डिपो, ताज डिपो, साहिबाबाद डिपो, देवरिया डिपो, वाराणसी कैंट डिपो, सुल्तानपुर डिपो, झांसी डिपो, बलिया डिपो, बांदा डिपो, बदायूं डिपो, इटावा डिपो और बलरामपुर डिपो शामिल हैं.

परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि जिन फर्मों ने डिपो में बसों के मेंटेनेंस का ठेका लिया है, उन फर्मों को स्पेयर पार्ट्स, लेबर, यूरिया, लुब्रिकेंट टायर और अन्य स्पेयर की व्यवस्था स्वयं करनी होगी. परिवहन निगम की तरफ से वर्कशॉप परिसर, डीजल और रिपेयर के लिए बसें उपलब्ध कराई जाएंगी.

क्या कहते हैं अधिकारी : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) व प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि ऐसी जानकारी आई है कि अवध डिपो में कंपनी के प्रतिनिधि आज पूजा पाठ करने गए थे, लेकिन कर्मचारियों ने विरोध जताया. इसके चलते पूजा नहीं हो पायी. अब सीनियर अधिकारियों की देखरेख में यहां पर काम शुरू कराया जाएगा.

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