लखनऊ: एक तरफ व्यापारियों पर जीएसटी की सख्ती और दूसरी तरफ शराब की बढ़ती मांग ने उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व में जबरदस्त उछाल लाया है. मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2024-25 के नवम्बर महीने में कुल 18389.80 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है. जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 1779.27 करोड़ रुपए अधिक है. जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 के नवम्बर माह में 16610.53 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था.
उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि जीएसटी के जरिए इस वर्ष नवम्बर महीने तक कुल 7793.48 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई, जबकि इसी माह में प्राप्ति 6652.20 करोड़ रुपए रही थी. वैट के अन्तर्गत इस वर्ष नवम्बर तक 2685.19 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत् पिछले वित्तीय वर्ष यानि 2023 में नवंबर महीने तक प्राप्ति 2737.13 करोड़ रुपए रही थी.
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शराब की बढ़ती मांग से बढ़ा राजस्व: शराब की मांग ने भी राजस्व को बड़ा फायदा पहुंचाया है. वित्त मंत्री ने बताया कि आबकारी के अन्तर्गत इस वर्ष नवंबर महिले तक कुल 4071.27 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई, जबकि पिछले वर्ष इसी माह में प्राप्ति 3788.55 करोड़ रुपए रही थी.
स्टांप और निबंधन से भी हुआ फायदा: बताया गया कि स्टाम्प तथा निबन्धन के इस वर्ष नवम्बर तक की राजस्व प्राप्ति 2263.77 करोड़ रुपये है, जबकि वर्ष नवम्बर तक प्राप्ति 1961.94 करोड़ रुपए रही थी.
परिवहन से भी बढ़ा राजस्व: योगी सरकार में उत्तर प्रदेश में परिवहन पर विशेष ध्यान दिया गया है. एक तरफ जहां नई बसों का संचालन शुरू हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ हाईवे बनने से रोडवेज के परिचालन में भी सुधार हुआ है.परिवहन के अन्तर्गत भी राजस्व में वृद्धि हुई है.इस वर्ष नवंबर महीने तक राजस्व प्राप्ति 1205.28 करोड़ रुपए है. जबकि पिछले वर्ष इसी माह में प्राप्ति 1065.08 रुपए करोड़ रही थी.
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