मेरठ : यूपी पुलिस के लिखित परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके हैं. युवाओं का अब अगला लक्ष्य फिजिकल टेस्ट को पास करना है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर उन अभ्यर्थियों को किस तरह से अपनी तैयारी करनी चाहिए, किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. कैसे होगी दौड़ पूरी?
मेरठ कॉलेज के शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रोफेसर योगेश देश में अनेकों ऐसे कैंप कर चुके हैं जहां युवाओं को वह उनकी क्षमता बढ़ाने से लेकर उनकी परफॉर्मेंस सुधारने को प्रशिक्षित करते हैं. प्रोफेसर योगेश कुमार बताते हैं कि यूपी पुलिस का जो फिजिकल टेस्ट होने वाला है, उसमें गौर करने वाली बात ये है कि जो भी अभ्यर्थी इस पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए आवेदन किए हैं वह सभी अधिकांश ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे में यह भी स्पष्ट है कि अभी गांवों में उस तरह से न हीं तो एथलेटिक ट्रैक है और न ही उसे तरह से तैयारी कराने वाले पर्याप्त प्रशिक्षक या विशेषज्ञ ही हैं.
प्रोफेसर योगेश बताते हैं कि ऐसे युवाओं को कतई परेशान होने की जरूरत नहीं है. कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए तैयारी करें, निश्चित ही सफलता मिलेगी. प्रोफेसर योगेश बताया कि यूपी पुलिस फिजिकल टेस्ट के दौरान सबसे पहले दौड़ लगानी होती है. यहां पुरुष वर्ग के 4.8 किलोमीटर दौड़ पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित होता है. जबकि महिला वर्ग में 2.4 किलोमीटर दौड़ लगानी होती है. उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा के तहत पुरुषों को जहां 25 मिनट में 4.8 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होती है. वहीं महिलाओं के लिए 14 मिनट में 2.4 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होती है.
इस दौड़ को पूरा करने के लिए तीन बातों को ध्यान देना जरूरी है. जिनमें कंटीन्यूअस मेथड अर्थात लगातार दौड़ना. इसमें चाहे किसी खेल के मैदान में अपनी तैयारी कर रहे हों या फिर गांव की पगडंडियों से लेकर किसी खेत में या किसी ट्रैक पर यहां जितनी दूरी का लक्ष्य निर्धारित है, युवाओं को उससे कम से कम 200 से 400 मिटर की दूरी लगातार पूरी करें. उसके बाद कंप्लीट रिकवरी लें, फिर इसे दोबारा करें, ये आपकी दक्षता पर निर्भर करेगा कि आप कितने फिट महसूस रहे हैं.
प्रोफेसर योगेश बताते हैं कि अगर आपकी रिकवरी सामान्य रहती है तो फिर पुनः तीसरी बार भी कर सकते हैं. इसके अगले दिन जो आपने अपने लिए दौड़ने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है, उस कुल दूरी को कुछ अलग अलग तीन चार या ज्यादा भागों में विभाजित कर लें, उसके बाद जब दौड़े तो उनके समय को देखते हुए अभ्यास करें. ज्यादा से ज्यादा बार छोटे-छोटे टुकड़ों में कुल दूरी को विभाजित करके अभ्यास करते हुए अपनी प्रैक्टिस करें. आप ऐसा तीन या पांच बार भी कर सकते हैं, उसके बाद पूर्ण रिकवरी लें.
अगले दिन यानी तीसरे दिन आपको किसी एक साथी या परिवार के सदस्य की मदद लेनी होगी, जब वह कहे फास्ट तो फास्ट दौड़ना शुरु करें. जब वह निर्देश दें कि धीमी गति पर दौड़ना है तो धीमी गति पड़ दौड़े, उससे आपकी रिकवरी भी हो जाएगी. इस प्रकार तीस मिनट से अधिक का ये एक चक्र दौड़कर पूरा करें. उसके अगले तीन दिन तक इसी प्रकार इसको पुनः रिपीट करते रहें. ये तीनों तरीके आपकी मध्यम गति की दौड़ को पूरा करने में मदद करेंगे.
प्रोफेसर डॉक्टर योगेश बताते हैं कि क्योंकि अधिकतर जो अभ्यार्थियों व ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं. ऐसे में अक्सर गांव में कोई ना कोई खेत भी ऐसा मिल जाता है, जो कि जिसकी जुताई हुई है और खाली पड़ा हुआ है, ऐसे उस खेत में रेस लगाएंगे तो उससे काफी अच्छी परफॉर्मेंस होने वाली है.
डाइट में सबसे ज्यादा यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यूं तो दूध अपने आप में ही सम्पूर्ण आहार है. उसके साथ अपनी क्षमता नुसार कुछ बादाम डाइट में ले सकते हैं. फलों, ग्रीन सलाद और सब्जियों का सेवन करें. किसी भी तरह के इंजेक्शन या टेबलेट का सेवन कदापि न करें, ऐसा करने से पूरी तरह से परहेज करें, उनसे कोई परफॉर्मेंस नहीं बनने वाली. परफॉर्मेंस सिर्फ और सिर्फ अभ्यास से सुधरेगी. किसी भी प्रकार के इंजेक्शन या टेबलेट के सेवन से समस्या हो सकती ही, जो कि जानलेवा और घातक भी साबित हो सकती है.
उन्होंने कहा कि जब आप अपने फिजिकल के लिए तैयारी कर रहे हैं या आप अपनी दौड़ पूरी करने के लिए उतरें तो पूरी तरह से तनाव मुक्त रहें. जब काफी लोगों के बीच आप दौड़ने मैदान में उतरेंगे तो वहां कई बार धक्कामुक्की भी होती है, तो ऐसे में बेलेंस को बनाना अत्यंत आवश्यक है. दौड़ के लिए जब मैदान में कुछ बच्चे उतरते हैं तो जरूरत से ज्यादा ताकत लगा देते हैं.
उन्होंने कहा कि अमूमन ऐसा देखा गया है कि ऐसे युवा कई बार अपनी दौड़ को पूरी भी नहीं कर पाते. अपने बेलेंस पर ध्यान रखें दिल दिमाग से पूरी तरह फिट रहकर सकारात्मक सोच के साथ यह निश्चित कर लें कि दौड़ पूरी करनी है तो आप दौड़ पूरी करेंगे. मानसिक तौर पर मज़बूत रहें और यह जान लें कि कभी भी दौड़ करते हुए कोई ऐसी समस्या नहीं आती कि जान पर बन आए. लगता है कि थकेंगे, लेकिन अपने लक्ष्य पर निगाह रखते हुए अपनी दौड़ को पूरा करना है.
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