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यूपी में त्रिनेत्र 2.0 लॉन्च; अब एक क्लिक में अपराधियों की कुंडली हाजिर, AI तकनीक की मदद से अपराध पर लगाम - crime controlled with help of AI

उत्तर प्रदेश पुलिस ने त्रिनेत्र 2.0 लॉन्च किया है. जिसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक की सहायता से आपराधिक रिकार्ड डिजिटलाइज करने के साथ साथ मालखानों में रखे सामान की जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी.

UP Police Launch Trinetra 2.0
यूपी पुलिस ने किया त्रिनेत्र 2.0 लॉन्च
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 15, 2024, 10:48 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने त्रिनेत्र 2.0 शुरू किया है. जिसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक (Artificial Intelligence Technology)की सहायता से आपराधिक रिकार्ड डिजिटलाइज करने के साथ साथ मालखानों में रखे गए सामान की जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी. डीजीपी प्रशांत कुमार ने त्रिनेत्र 2.0 की शुरुआत की है. अब तक त्रिनेत्र में करीब 9 लाख 32 हजार अपराधिक डाटा डिजिटलाइज किया जा चुका है. इसका इस्तेमाल आने वाले चुनाव में ग्राउंड जीरो पर पुलिसकर्मी आसानी से चेकिंग के दौरान कर सकेंगे. इसकी सहायता से अपराधियों का मिलान कर सकेगें. साथ ही काईम जीपीटी के नये फीचर से नई नई सूचनाएं बिना समय गवाएं त्रिनेत्र 2.0 के जरिए प्राप्त कर सकेंगे.

कैसे काम करेगा त्रिनेत्र 2.0: डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि, मोबाइल एप और वेब डैशबोर्ड त्रिनेत्र 2.0 को एंड्राइड और आईओएस मोबाइल एप के रूप में और कंप्यूटर पर वेब डैशबोर्ड के जरिए संचालित किया जा सकेगा. त्रिनेत्र 2.0 पुलिस को क्राइम संबंधित डेटा डिजिटाइज्ड करने की सुविधा देगा. जैसे, क्राइम हिस्ट्री, एफआईआर डिटेल, इंटरोगेशन रिपोर्ट, आडियो, फोटोग्राफ, रिवॉर्ड, जेल इन, जेल आउट डिटेल, सीजर डिटेल.

फेसिअल रिकॉजिनिशन: सभी पुलिस फोर्स को त्रिनेत्र 2.0 ऐप और वेब डैशबोर्ड के जरिए फेसिअल रिकॉजिनिशन की सुविधा मिलेगी. जिससे संदिग्ध को उसके फोटो के जरिए सर्च किया जा सकेगा. उदाहरण के लिए, किसी बड़े समारोह, बाजार में किसी संदिग्ध को तलाश करना हो तो वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से उन्हें ढूंढ़ लिया जाएगा. इसके अलावा त्रिनेत्र 2.0 में ऑडियो बेस्ड सर्च की सुविधा होगी, जिससे अपराधी को उसकी आवाज के माध्यम से पहचाना जा सकेगा.
UP police launched Trine
एडवांस गैंग एनालिसिस फीचर: डीजीपी के मुताबिक, पुलिस को हर अपराधी और उसके संबंधित अपराधियों की कुंडली सिर्फ एक क्लिक में प्राप्त करने की सुविधा देगा. त्रिनेत्र के क्राइम जीपीटी फीचर से अपराधी के बारे में या अपराध के बारे में सभी जानकारी सेकंड में प्राप्त की जा सकेगी. वहीं त्रिनेत्र 2.0 में सीजर डिटेल और अन्य संबंधित डॉक्यूमेंट ऐड किए जा सकेंगे, जिसकी एनालिसिस क्राइम जीपीटी फीचर से की जा सकेगी.

मालखाने में मौजूद समान के लिए क्यूआर कोड: किसी भी थाने में जब्त किए गए सामान का क्यू आर कोड जेनेरेट करेगा, जिससे सीज किए हुए सामानों के बारे में जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकेगी. वहीं लापता लोगों की खोज करने में भी त्रिनेत्र 2.0 सहायक होगा. लापता लोगों के फोटोग्राफ जोड़ने और फेसिअल रिकॉजिनिशन के माध्यम से खोज की सुविधा प्रदान करेगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने त्रिनेत्र 2.0 शुरू किया है. जिसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक (Artificial Intelligence Technology)की सहायता से आपराधिक रिकार्ड डिजिटलाइज करने के साथ साथ मालखानों में रखे गए सामान की जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी. डीजीपी प्रशांत कुमार ने त्रिनेत्र 2.0 की शुरुआत की है. अब तक त्रिनेत्र में करीब 9 लाख 32 हजार अपराधिक डाटा डिजिटलाइज किया जा चुका है. इसका इस्तेमाल आने वाले चुनाव में ग्राउंड जीरो पर पुलिसकर्मी आसानी से चेकिंग के दौरान कर सकेंगे. इसकी सहायता से अपराधियों का मिलान कर सकेगें. साथ ही काईम जीपीटी के नये फीचर से नई नई सूचनाएं बिना समय गवाएं त्रिनेत्र 2.0 के जरिए प्राप्त कर सकेंगे.

कैसे काम करेगा त्रिनेत्र 2.0: डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि, मोबाइल एप और वेब डैशबोर्ड त्रिनेत्र 2.0 को एंड्राइड और आईओएस मोबाइल एप के रूप में और कंप्यूटर पर वेब डैशबोर्ड के जरिए संचालित किया जा सकेगा. त्रिनेत्र 2.0 पुलिस को क्राइम संबंधित डेटा डिजिटाइज्ड करने की सुविधा देगा. जैसे, क्राइम हिस्ट्री, एफआईआर डिटेल, इंटरोगेशन रिपोर्ट, आडियो, फोटोग्राफ, रिवॉर्ड, जेल इन, जेल आउट डिटेल, सीजर डिटेल.

फेसिअल रिकॉजिनिशन: सभी पुलिस फोर्स को त्रिनेत्र 2.0 ऐप और वेब डैशबोर्ड के जरिए फेसिअल रिकॉजिनिशन की सुविधा मिलेगी. जिससे संदिग्ध को उसके फोटो के जरिए सर्च किया जा सकेगा. उदाहरण के लिए, किसी बड़े समारोह, बाजार में किसी संदिग्ध को तलाश करना हो तो वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से उन्हें ढूंढ़ लिया जाएगा. इसके अलावा त्रिनेत्र 2.0 में ऑडियो बेस्ड सर्च की सुविधा होगी, जिससे अपराधी को उसकी आवाज के माध्यम से पहचाना जा सकेगा.
UP police launched Trine
एडवांस गैंग एनालिसिस फीचर: डीजीपी के मुताबिक, पुलिस को हर अपराधी और उसके संबंधित अपराधियों की कुंडली सिर्फ एक क्लिक में प्राप्त करने की सुविधा देगा. त्रिनेत्र के क्राइम जीपीटी फीचर से अपराधी के बारे में या अपराध के बारे में सभी जानकारी सेकंड में प्राप्त की जा सकेगी. वहीं त्रिनेत्र 2.0 में सीजर डिटेल और अन्य संबंधित डॉक्यूमेंट ऐड किए जा सकेंगे, जिसकी एनालिसिस क्राइम जीपीटी फीचर से की जा सकेगी.

मालखाने में मौजूद समान के लिए क्यूआर कोड: किसी भी थाने में जब्त किए गए सामान का क्यू आर कोड जेनेरेट करेगा, जिससे सीज किए हुए सामानों के बारे में जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकेगी. वहीं लापता लोगों की खोज करने में भी त्रिनेत्र 2.0 सहायक होगा. लापता लोगों के फोटोग्राफ जोड़ने और फेसिअल रिकॉजिनिशन के माध्यम से खोज की सुविधा प्रदान करेगा.

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