कानपुर: लगभग तीन माह पहले कानपुर शहर कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित सिविल लाइंस में 1000 करोड़ रुपये की नजूल की भूमि कब्जाने के मामले में पुलिस की ओर से कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. मामले में हरेंद्र मसीह को मास्टरमाइंड माना गया था. पुलिस की ओर से जमीन कब्जाने के मामले में अब तक 13 लोगों खिलाफ दो चार्जशीट दाखिल की गई हैं.
इनमें अवनीश दीक्षित को मुख्य आरोपी और हरेंद्र मसीह को मास्टरमाइंड माना गया है. पुलिस की ओर से जो चार्जशीट दाखिल की गई उसकी पुष्टि डीसीपी पूर्वी एसके सिंह ने की है. उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले को करीब तीन माह हो गए थे और इस मामले में पुलिस की ओर से अब चार्जशीट दाखिल होनी थी.
ऐसे में दो अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की गई हैं, जिसमें पहली चार्जशीट में लेखपाल विपिन कुमार ने 28 जुलाई 2024 को कोतवाली थाने में हरेंद्र मसीह, अवनीश दीक्षित समेत 13 नामजद समेत 20 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में संगठित अपराध के साथ बीएनएस की कई अन्य धाराओं में चार्जशीट लगाई गई हैं.
जमीन कब्जाने में प्रयोग किए गए दस्तावेज बने अहम आधार: डीसीपी पूर्वी एसके सिंह ने बताया कि पुलिस की ओर से जो चार्जशीट लगाई गई है, उसमें जमीन कब्जाने संबंधित दस्तावेजों को हम आधार बनाया गया है. इसमें जमीन पर कब्जा करने के लिए बनाई गई श्री आनंदेश्वर एसोसिएट्स कंपनी के दस्तावेज, जमीन की लिखा-पढ़ी संबंधी दस्तावेज, अवनीश दीक्षित की पावर ऑफ एटॉर्नी के दस्तावेज, लीज के कागजात, बैंकों में लेनदेन की रिपोर्ट को शामिल किया गया है.
इसी तरह डकैती को साबित करने के लिए पुलिस की ओर से वीडियो फुटेज में मौजूद लोगों के बयान और आरोपी संदीप शुक्ला के बयानों को भी आधार बनाया गया है. संदीप ने अपने बयानों में इस बात को स्वीकारा था कि घटना वाले दिन सीसीटीवी फुटेज जिस डीवीआर में सुरक्षित रखे गए थे, उसे अवनीश दीक्षित के कहने पर गंगा में फेंक दिया गया था. इसके अलावा आरोपियों की सीडीआर को भी चार्जशीट में दाखिल किया गया है.
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