लखनऊ: 'प्रधानमंत्री जनधन खाता योजना' ने बुधवार को दस साल पूरे कर लिए हैं. इस अवधि में देश भर में 53 करोड़ से अधिक जनधन खाते खोले गए हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश सभी राज्यों में पहले स्थान पर है और यहां 9.46 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खोले गए हैं. यह देशभर में खोले गए कुल खातों का 18 प्रतिशत है. इन खातों में लगभग पांच करोड़ खाताधारक महिलाएं हैं. जनधन खातों के माध्यम से रूपे कार्ड वितरित करने में भी उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है.
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले दस वर्ष में गरीबों के जनधन खाते खोलने को प्राथमिकता दी गई है, जिसका परिणाम है कि 21 अगस्त तक प्रदेश में कुल 9,46,62,464 लाभार्थियों के जनधन खाते खोले जा चुके हैं. खाता खुलवाने वालों में सर्वाधिक संख्या ग्रामीण और कस्बों में रहने वालों की है, जहां 6,81,66,123 लोगों के खाते खोले गए हैं. शहरी और बड़े शहरी क्षेत्रों में 2,64,96,341 खाते खोलने में सफलता मिली है. प्रदेश में सभी खोले गए जनधन खातों में 21 अगस्त तक कुल मिलाकर 48,525.75 करोड़ रुपये की धनराशि जमा है, जो कुल धनराशि का 21 प्रतिशत से ज्यादा है.
अन्य राज्यों की बात करें, तो यूपी के बाद बिहार का नंबर आता है, जहां 6,06,80,517 खाते खोले गए हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल (5,18,88,115), मध्य प्रदेश (4,38,81,099), राजस्थान (3,57,41,553), महाराष्ट्र (3,54,81,136) और ओडिशा (2,19,54,863) जैसे राज्यों का नंबर आता है। ताजा आंकड़ों के अनुसार यूपी में रूपे कार्ड धारकों की संख्या छह करोड़ 24 लाख 23 हजार 540 है, जो देश में सर्वाधिक है. बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश में 65 लाख के करीब नए प्रधानमंत्री जनधन अकाउंट खोले गए हैं. इनमें से 91 प्रतिशत से अधिक जनधन खातों के आधार सीडिंग का भी कार्य पूरा हो चुका है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री जनधन योजना एक राष्ट्रीय मिशन है. इसमें प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता, वित्तीय साक्षारता, ऋण की उपलब्धता, बीमा तथा पेंशन सुविधा सहित सभी बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. इसके अलावा लाभार्थियों को रूपे डेबिट कार्ड भी प्रदान किया जाता है, जिसमें एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर भी शामिल होता है.
सबसे अहम बात यह कि इस योजना के अंतर्गत सभी सरकारी (केंद्र, राज्य और स्थानीय निकाय से प्राप्त होने वाले) वित्तीय लाभों को लाभार्थियों के खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए प्रदान किया जाता है. इससे लाभार्थियों को वित्तीय योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत सीधे उनके बैंक अकाउंट में प्राप्त हो रहा है। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में भी सफलता मिलती है।