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बागपत की बेटी पूजा तोमर; अमेरिका में फहराया तिरंगा, पहली महिला मार्शल आर्ट फाइटर बनीं, पढ़िए- कैसा रहा स्ट्रगल? - who is pooja tomar

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 11, 2024, 11:51 AM IST

Updated : Jun 11, 2024, 1:31 PM IST

भारत की पहली एमएमए फाइटर पूजा तोमर ने इतिहास रच दिया (Pooja Tomar world champion in MMA) है. वह यूएफसी में मुकाबला जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं.

बागपत की बेटी का UFC में जलवा
बागपत की बेटी का UFC में जलवा (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
इतिहास रचने पर गांव में खुशी का माहौल (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

बागपत : जनपद का बिजरोल गांव इस समय खूब सुर्खियों में है. सुर्खियों में इसलिए है क्योंकि एक छोटे से गांव से निकलकर एक बेटी ने देश का नाम रोशन किया है. बिजरोल गांव की रहने वाली पूजा तोमर ने अमेरिका में अल्टीमेट फाइटिंग चैम्पियनशिप (UFC) में पहली फाइट जीत कर इतिहास रच दिया है. मिक्सड मार्शल आर्ट (MMA) में पूजा तोमर अल्टीमेट फाइट चैंपियनशिप की भी विजेता बन गई हैं, जिसको लेकर गांव में खुशी का माहौल है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पूजा तोमर ने कहा कि मैं अभी अमेरिका में हूं, अपनी फाइट जीतने के बाद सबसे ज्यादा मैं थैंक यू बोलना चाहती हूं, मेरे गांव बिजरोल के सभी ताऊ, चाचा के लिए. मैं जल्दी आ रही हूं आप लोगों का आशीर्वाद लेने के लिए. लास्ट फाइट के बाद आप लोगों ने जो मुझे इतना सारा प्यार दिया थैंक यू जल्दी आऊंगी.

पूजा तोमर के घर में इस समय खुशी का माहौल है. सभी लोग पूजा तोमर को अपना आशीर्वाद और दुआएं दे रहे हैं. बिजरोल गांव में पूजा के परिवार के लोगों का कहना है कि हम बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं. आज से करीब 50 साल पहले पूजा का परिवार बुढ़ाना चला गया था. उनके घर के लोगों से फोन पर बात होती रहती है. बहुत ख़ुशी है. गांव समाज के सहयोग से स्वागत करेंगे. पहले आयी थी तब भी पूरा सहयोग हुआ था



बिजरोल गांव के थाम्बा चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि पूजा तोमर हमारे गांव की ही बेटी है. वह अब से 30 साल पहले यहां से जमीन बेच करके चले गए थे वहां उनका काम नहीं चला और फिर अब वह बुढ़ाना आ गए थे और वर्तमान में बुढ़ाना ही रह रहे हैं. हम उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं. पूजा ने हमारे देश का नाम तो रोशन किया ही है, हमारी बिरादरी का और गांव का भी नाम किया है. गांव में जितना बड़ा स्वागत हमने पहली बार किया था उससे ज्यादा बड़ा स्वागत करेंगे. पूरा गांव भावुक है.

मां का जीवन संघर्ष देख फाइटिंग चैंपियन बनीं पूजा : मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में मिक्स मार्शल आर्ट में देश की पहली अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियन बनीं पूजा तोमर की कामयाबी से उनकी मां बहुत खुश हैं. पूजा तोमर के दादा चौधरी करताराम वर्ष 1974 में परिवार लेकर बुढ़ाना आ गए थे और उनके छह बेटों में रामकुमार तोमर चौथे नंबर पर थे. एक सड़क हादसे में रामकुमार तोमर की मौत हो गई थी और परिवार में तीन बेटियां थीं. लेकिन रामकुमार की पत्नी बबीता तोमर ने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत कर बेटियों को कामयाब बनाया. बेटियों को पालने, पढ़ाने और खेल के मैदान में उतारने तक बबीता ने हिम्मत दिखाई.

बबीता तोमर ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी अंजलि ने नर्सिंग का कोर्स किया है. वह इन दिनों लंदन में है और उसके पति अनिल दुहन खिलाड़ी हैं और दिल्ली में रहते हैं. दूसरी बेटी अनु तोमर डाॅक्टर है, वह दिल्ली के द्वारका में रहती है. वह भी अपनी बेटी पूजा के साथ करीब दस साल पहले दिल्ली चली गई थीं और वहीं पर द्वारका में रहती हैं. पूजा की प्रारंभिक शिक्षा बुढ़ाना के राष्ट्रीय इंटर कॉलेज में हुई है. मिक्स मार्शल आर्ट खेल के प्रति शुरुआत से ही उसका जुनून था और वह लगातार जिम जाती थी और वहीं से उसे वुशु खेलने की प्रेरणा मिली थी. पूजा ने प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर की वुशु प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर विभिन्न पदक हासिल किए हैं.

उन्होंने कहा कि दिल्ली जाने के बाद पूजा ने मिक्स मार्शल आर्ट को अपनाया था और अमेरिका में आयोजित अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनिशप में पूजा ने 52 किलो भार वर्ग में ब्राजील की रायने डास सांतोस को हराकर जीत हासिल की है. वह बोली की मुझे अपनी बेटियों पर नाज है और अमेरिका में हुई अल्टीमेट फाइटिंग चैम्पियनशिप जीतकर पूजा तोमर ने परिवार व देश का नाम रोशन किया है और पूजा की इस सफलता से परिवार में खुशी की लहर है और उसकी बेटी ने परिवार का नाम रोशन कर दिखाया है.



यह भी पढ़ें : पूजा तोमर ने रचा इतिहास, UFC में जीत दर्ज करने वाली पहली भारतीय बनी - MMA Fighter Puja Tomar

यह भी पढ़ें : मुजफ्फरनगर की बेटी पूजा तोमर का यूएफसी प्रतियोगिता में चयन, परिवार में खुशी की लहर

इतिहास रचने पर गांव में खुशी का माहौल (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

बागपत : जनपद का बिजरोल गांव इस समय खूब सुर्खियों में है. सुर्खियों में इसलिए है क्योंकि एक छोटे से गांव से निकलकर एक बेटी ने देश का नाम रोशन किया है. बिजरोल गांव की रहने वाली पूजा तोमर ने अमेरिका में अल्टीमेट फाइटिंग चैम्पियनशिप (UFC) में पहली फाइट जीत कर इतिहास रच दिया है. मिक्सड मार्शल आर्ट (MMA) में पूजा तोमर अल्टीमेट फाइट चैंपियनशिप की भी विजेता बन गई हैं, जिसको लेकर गांव में खुशी का माहौल है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पूजा तोमर ने कहा कि मैं अभी अमेरिका में हूं, अपनी फाइट जीतने के बाद सबसे ज्यादा मैं थैंक यू बोलना चाहती हूं, मेरे गांव बिजरोल के सभी ताऊ, चाचा के लिए. मैं जल्दी आ रही हूं आप लोगों का आशीर्वाद लेने के लिए. लास्ट फाइट के बाद आप लोगों ने जो मुझे इतना सारा प्यार दिया थैंक यू जल्दी आऊंगी.

पूजा तोमर के घर में इस समय खुशी का माहौल है. सभी लोग पूजा तोमर को अपना आशीर्वाद और दुआएं दे रहे हैं. बिजरोल गांव में पूजा के परिवार के लोगों का कहना है कि हम बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं. आज से करीब 50 साल पहले पूजा का परिवार बुढ़ाना चला गया था. उनके घर के लोगों से फोन पर बात होती रहती है. बहुत ख़ुशी है. गांव समाज के सहयोग से स्वागत करेंगे. पहले आयी थी तब भी पूरा सहयोग हुआ था



बिजरोल गांव के थाम्बा चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि पूजा तोमर हमारे गांव की ही बेटी है. वह अब से 30 साल पहले यहां से जमीन बेच करके चले गए थे वहां उनका काम नहीं चला और फिर अब वह बुढ़ाना आ गए थे और वर्तमान में बुढ़ाना ही रह रहे हैं. हम उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं. पूजा ने हमारे देश का नाम तो रोशन किया ही है, हमारी बिरादरी का और गांव का भी नाम किया है. गांव में जितना बड़ा स्वागत हमने पहली बार किया था उससे ज्यादा बड़ा स्वागत करेंगे. पूरा गांव भावुक है.

मां का जीवन संघर्ष देख फाइटिंग चैंपियन बनीं पूजा : मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में मिक्स मार्शल आर्ट में देश की पहली अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियन बनीं पूजा तोमर की कामयाबी से उनकी मां बहुत खुश हैं. पूजा तोमर के दादा चौधरी करताराम वर्ष 1974 में परिवार लेकर बुढ़ाना आ गए थे और उनके छह बेटों में रामकुमार तोमर चौथे नंबर पर थे. एक सड़क हादसे में रामकुमार तोमर की मौत हो गई थी और परिवार में तीन बेटियां थीं. लेकिन रामकुमार की पत्नी बबीता तोमर ने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत कर बेटियों को कामयाब बनाया. बेटियों को पालने, पढ़ाने और खेल के मैदान में उतारने तक बबीता ने हिम्मत दिखाई.

बबीता तोमर ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी अंजलि ने नर्सिंग का कोर्स किया है. वह इन दिनों लंदन में है और उसके पति अनिल दुहन खिलाड़ी हैं और दिल्ली में रहते हैं. दूसरी बेटी अनु तोमर डाॅक्टर है, वह दिल्ली के द्वारका में रहती है. वह भी अपनी बेटी पूजा के साथ करीब दस साल पहले दिल्ली चली गई थीं और वहीं पर द्वारका में रहती हैं. पूजा की प्रारंभिक शिक्षा बुढ़ाना के राष्ट्रीय इंटर कॉलेज में हुई है. मिक्स मार्शल आर्ट खेल के प्रति शुरुआत से ही उसका जुनून था और वह लगातार जिम जाती थी और वहीं से उसे वुशु खेलने की प्रेरणा मिली थी. पूजा ने प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर की वुशु प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर विभिन्न पदक हासिल किए हैं.

उन्होंने कहा कि दिल्ली जाने के बाद पूजा ने मिक्स मार्शल आर्ट को अपनाया था और अमेरिका में आयोजित अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनिशप में पूजा ने 52 किलो भार वर्ग में ब्राजील की रायने डास सांतोस को हराकर जीत हासिल की है. वह बोली की मुझे अपनी बेटियों पर नाज है और अमेरिका में हुई अल्टीमेट फाइटिंग चैम्पियनशिप जीतकर पूजा तोमर ने परिवार व देश का नाम रोशन किया है और पूजा की इस सफलता से परिवार में खुशी की लहर है और उसकी बेटी ने परिवार का नाम रोशन कर दिखाया है.



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Last Updated : Jun 11, 2024, 1:31 PM IST
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