लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी, दोनों उप मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी समेत बीजेपी के अनेक महारथी भी पार्टी प्रत्याशियों को जीत नहीं दिला सके. पश्चिम से लेकर पूरब तक यही हाल रहा. बड़े-बड़े सियासी सूरमा मामूली सिपाहियों से पराजित होते हुए दिखाई दिए. चुनाव में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रदर्शन में भी गिरावट आई. साल 2019 में चार-चार लाख वोट से जीतने वाले नेता हजारों में जीतने को तरस रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी अपने-अपने क्षेत्र में खास असर नहीं डाल पाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभाव वाले लोकसभा क्षेत्र में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. चंदौली, रॉबर्ट्सगंज, जौनपुर, मछली शहर में भारतीय जनता पार्टी को जीत नहीं मिल सकी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रभाव वाले लोकसभा क्षेत्र बस्ती और संत कबीर नगर में भी भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा.
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के प्रभाव क्षेत्र वाले लोकसभा क्षेत्र मुरादाबाद और संभल के अलावा जाट नेता होने के नाते सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना, रामपुर और आंवला में भी भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त मिली. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के प्रभाव वाले लोकसभा क्षेत्र इलाहाबाद, कौशांबी और प्रतापगढ़ में भी पार्टी की अभूतपूर्व पराजय हुई. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के प्रभाव वाले लोकसभा क्षेत्र लखनऊ और उन्नाव में बीजेपी का वोट बहुत घटा है. मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा.
परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह बलिया से विधायक हैं. यहां भी भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. लोकसभा धौरहरा से सपा प्रत्याशी आनंद भदौरिया ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उत्तराखंड की सह प्रभारी प्रभारी रेखा वर्मा को 4077 वोटों से पराजित किया.
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