लखनऊ : लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने अपने परिवार के 5 सदस्यों को चुनाव मैदान में उतारा था. खुद भी और पत्नी डिंपल यादव सहित 3 चचेरे भाइयों को भी चुनाव लड़ाया. यादव परिवार के सभी 5 चेहरे चुनाव जीतने में सफल हो गए हैं. अब लोकसभा संसद में यादव परिवार के सभी 5 नेता एक साथ नजर आएंगे. उत्तर प्रदेश में जातीय समीकरण को बेहतर बनाते हुए चुनाव मैदान में उतरी समाजवादी पार्टी ने शानदार जीत हासिल की है.
अखिलेश यादव ने इस बार खुद सहित परिवार के 5 यादव चेहरों को टिकट दिया था. परिवार के अलावा किसी अन्य यादव समाज के व्यक्ति को उन्होंने किसी भी लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित नहीं किया. अखिलेश यादव का ज्यादा फोकस अति पिछड़े व अन्य समाज के नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने पर रहा. अब जब चुनाव परिणाम सामने आए हैं तो अखिलेश यादव की पिछड़े, दलित अल्पसंख्यक फार्मूले की सियासी रणनीति कामयाब हो गई.
अखिलेश यादव की यह रणनीति इतनी कारगर साबित हुई कि कांग्रेस पार्टी के गठबंधन के साथ समाजवादी पार्टी पांच सीटों से बढ़कर करीब 40 सीटों तक जा पहुंची. यह अखिलेश यादव के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक को हार दिया. अखिलेश ने सुब्रत पाठक को 170000 वोटों से हराया.
इसी प्रकार उनकी पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव जीतने में सफल हुईं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेता योगी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह को करीब 221000 वोटों से करारी शिकस्त दी. इसी प्रकार यादव परिवार के दूसरे नेता धर्मेंद्र यादव ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल उर्फ निरहुआ को हराया. धर्मेंद्र यादव ने दिनेश लाल निरहुआ को डेढ़ लाख से अधिक वोटों से शिकस्त दी.
इसी प्रकार अखिलेश यादव के चाचा रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव फिरोजाबाद से चुनाव जीतने में सफल हुए हैं. उन्होंने करीब 90000 वोटों से बीजेपी के विश्वदीप सिंह को चुनाव हराया. अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने अपने बेटे आदित्य यादव को बदायूं से चुनाव लड़ाया. पहले समाजवादी पार्टी ने शिवपाल सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन बाद में उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. इसके बाद बेटे आदित्य को अखिलेश से कहकर चुनाव मैदान में उतरवा दिया. आदित्य यादव ने भी बदायूं से चुनाव जीतने में सफलता हासिल की है. उन्होंने करीब 35000 वोटों से बीजेपी के प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य को हराया.
इसके अलावा अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में समाजवादी पार्टी के निजी वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने फतेहपुर में बीजेपी की प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री रहीं साध्वी निरंजन ज्योति को हराया. इसी तरह अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में शामिल आनंद भदौरिया ने धौरहरा लोकसभा सीट से बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा को चुनाव हराया. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद लोकसभा सीट पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है.
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के दो बार के सांसद लल्लू सिंह को चुनाव हराया. अयोध्या में जीत दर्ज कर समाजवादी पार्टी ने बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश की है. भारतीय जनता पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण किया लेकिन अयोध्या में ही मंदिर मुद्दा नहीं चल पाया और बीजेपी चुनाव हार गई. समाजवादी पार्टी जातीय समीकरण के आधार पर अयोध्या में चुनाव जीतने में सफलता हासिल की है.
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